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शिमला, 02मई [ विशाल सूद ] ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई शिमला द्वारा आज विश्वविद्यालय परिसर में हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री हिमाचल निर्माता *यशवंत सिंह परमार* जी की पुण्यतिथि के उपलक्ष पर उन्हें याद कर के श्रद्धा सुमन अर्पित किए। विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा और विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों व अन्य लोगों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा पुष्पांजलि के माध्यम से सभी ने श्रद्धा सुमन भेंट किए। पुष्पांजलि के दौरान गौरव जी ने अपने वक्तव्य में परमार जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ॰ यशवंत सिंह परमार भारत के राजनेता और एक स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी थे। वे हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बने। उन्हे ‘हिमाचल निर्माता’ के नाम से जाना जाता है। उन्होने हिमाचल प्रदेश को अस्तित्व में लाने तथा विकास की आधारशिला रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिये है। लगभग 3 दशकों तक कुशल प्रशासक के रूप में जन-जन की भावनाओं संवेदनाओं को समझते हुए उन्होने प्रगति के पथ पर चलते हुए हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए नई दिशाएं पेश की। उन्होने अपना सारा जीवन प्रदेश की जनता के लिए समर्पित कर दिया। वे गरीबों और जरुरतमंदों की सहायता करने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे अंत में गौरव जी ने कहा कि हम सभी को डॉ परमार जी के जीवन से हमें अनेक सीखे मिलती हैं । अंत में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने भारत माता की जय , वंदे मातरम और परमार जी तेरे सपनों को साकार बना कर छोड़ेगे प्रदेश के चप्पे चप्पे को कुशहाल बना कर छोड़ेगे के जय घोषों के साथ कार्यक्रम का समाप्त किया।
शिमला, 02मई [ विशाल सूद ] ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई शिमला द्वारा आज विश्वविद्यालय परिसर में हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री हिमाचल निर्माता *यशवंत सिंह परमार* जी की पुण्यतिथि के उपलक्ष पर उन्हें याद कर के श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा और विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों व अन्य लोगों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा पुष्पांजलि के माध्यम से सभी ने श्रद्धा सुमन भेंट किए। पुष्पांजलि के दौरान गौरव जी ने अपने वक्तव्य में परमार जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ॰ यशवंत सिंह परमार भारत के राजनेता और एक स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी थे। वे हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बने। उन्हे ‘हिमाचल निर्माता’ के नाम से जाना जाता है। उन्होने हिमाचल प्रदेश को अस्तित्व में लाने तथा विकास की आधारशिला रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिये है।
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लगभग 3 दशकों तक कुशल प्रशासक के रूप में जन-जन की भावनाओं संवेदनाओं को समझते हुए उन्होने प्रगति के पथ पर चलते हुए हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए नई दिशाएं पेश की। उन्होने अपना सारा जीवन प्रदेश की जनता के लिए समर्पित कर दिया। वे गरीबों और जरुरतमंदों की सहायता करने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे अंत में गौरव जी ने कहा कि हम सभी को डॉ परमार जी के जीवन से हमें अनेक सीखे मिलती हैं ।
अंत में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने भारत माता की जय , वंदे मातरम और परमार जी तेरे सपनों को साकार बना कर छोड़ेगे प्रदेश के चप्पे चप्पे को कुशहाल बना कर छोड़ेगे के जय घोषों के साथ कार्यक्रम का समाप्त किया।
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