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शिमला , 05 सितंबर [ विशाल सूद ] ! भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में आज शिक्षक दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें संस्थान के संस्थापक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर संस्थान के सचिव श्री मेहर चंद नेगी की उपस्थिति में डॉ. राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। शिक्षक दिवस के इस महत्वपूर्ण दिन पर संस्थान ने डॉ. राधाकृष्णन के योगदान को याद करते हुए शिक्षा और ज्ञान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को सराहा। वे न केवल एक महान शिक्षक थे, बल्कि भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान की स्थापना में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके साथ ही, संस्थान में एक साप्ताहिक अध्येता संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें टैगोर अध्येता प्रोफेसर (डॉ.) ओम प्रकाश शर्मा ने अपने शोध परियोजना "हिमाचल की पुरातात्विक सांचा पाण्डुलिपियों में लेखनकला व चित्रकला के लौकिक पक्ष" पर परिचयात्मक प्रस्तुति दी। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता अध्येता डॉ. प्रमोद वी. पाठक ने की। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रोफेसर शर्मा की गुरु, प्रोफेसर विद्या शारदा भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं, जिन्होंने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। यह संगोष्ठी संस्थान के सेमिनार हॉल में आयोजित की गई और इसे सिस्को वेबेक्स और संस्थान के फेसबुक पेज पर लाइव स्ट्रीम भी किया गया।इस अवसर पर शिक्षकों की महत्ता और डॉ. राधाकृष्णन के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।
शिमला , 05 सितंबर [ विशाल सूद ] ! भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में आज शिक्षक दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें संस्थान के संस्थापक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर संस्थान के सचिव श्री मेहर चंद नेगी की उपस्थिति में डॉ. राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
शिक्षक दिवस के इस महत्वपूर्ण दिन पर संस्थान ने डॉ. राधाकृष्णन के योगदान को याद करते हुए शिक्षा और ज्ञान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को सराहा। वे न केवल एक महान शिक्षक थे, बल्कि भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान की स्थापना में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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इसके साथ ही, संस्थान में एक साप्ताहिक अध्येता संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें टैगोर अध्येता प्रोफेसर (डॉ.) ओम प्रकाश शर्मा ने अपने शोध परियोजना "हिमाचल की पुरातात्विक सांचा पाण्डुलिपियों में लेखनकला व चित्रकला के लौकिक पक्ष" पर परिचयात्मक प्रस्तुति दी। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता अध्येता डॉ. प्रमोद वी. पाठक ने की।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रोफेसर शर्मा की गुरु, प्रोफेसर विद्या शारदा भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं, जिन्होंने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। यह संगोष्ठी संस्थान के सेमिनार हॉल में आयोजित की गई और इसे सिस्को वेबेक्स और संस्थान के फेसबुक पेज पर लाइव स्ट्रीम भी किया गया।इस अवसर पर शिक्षकों की महत्ता और डॉ. राधाकृष्णन के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।
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