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शिमला , 20 नवंबर [ विशाल सूद ] ! राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी)- हिमाचल प्रदेश के सहयोग से हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) द्वारा विकसित राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि पोर्टल पर आज यहां एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। हाई ब्रिड मोड पर जिला सचिवालय एवं जिलों के एनआईसी कार्यालयों में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य का विभिन्न हितधारक विभागों को नवविकसित पोर्टल की कार्यक्षमता और विशेषताओं से अवगत करवाना था। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त सचिव शिक्षा और राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि (एसडीएमएफ) के परियोजना निदेशक निशांत ठाकुर ने कहा कि पोर्टल का उद्देश्य आपदा का बेहतर प्रबंधन और आपदा न्यूनीकरण प्रयासों में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करना है। इस पोर्टल के माध्यम से केवल एक क्लिक से प्राकृतिक आपदाओं जैसे भू-स्खलन, बाढ़, हिमस्खलन इत्यादि की विशिष्ट रिपोर्ट तक पहुंच सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि अब से सभी पीपीआर और डीपीआर पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत करना सुनिश्चिित किया जाना चाहिए और किसी प्रकार की हार्ड कॉपी स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कार्यान्वयन एजेंसियां अब केवल एक क्लिक से अपने प्रस्तावों की स्थिति की निगरानी कर सकती हैं और समिति के निर्णयों को जान सकती है। उन्होंने कहा कि हितधारकों को पूर्व में स्वीकृत सभी परियोजना प्रस्तावों को डिजिटल प्रक्रिया के साथ संरेखित करते हुए 30 दिसंबर 2024 तक पोर्टल पर फिर से जमा करवाना सुनिश्चित करना होगा। बैठक के दौरान एनआईसी-एचपी की ओर से वैज्ञानिक संजय ठाकुर, वैज्ञानिक विनोद कुमार और श्री कुणाल ने बहुमूल्य जानकारी प्रदान की। पोर्टल सभी हितधारकों को सैटलाइट आधारित परियोजनाओं का चयन, आपदा न्यूनीकरण परियोजनाओं के दोहराव को रोकना, आवश्यकता के अनुसार विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना और आपदा न्यूनीकरण परियोजनाओं में फंड में समुचित उपयोग करने में सहायता करेगा। कार्यशाला में लोक निर्माण, जल शक्ति, पर्यटन, शिक्षा, कृषि एवं अन्य विभागों तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 535 अधिकारियों ने भाग लिया।
शिमला , 20 नवंबर [ विशाल सूद ] ! राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी)- हिमाचल प्रदेश के सहयोग से हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) द्वारा विकसित राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि पोर्टल पर आज यहां एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
हाई ब्रिड मोड पर जिला सचिवालय एवं जिलों के एनआईसी कार्यालयों में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य का विभिन्न हितधारक विभागों को नवविकसित पोर्टल की कार्यक्षमता और विशेषताओं से अवगत करवाना था।
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प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त सचिव शिक्षा और राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि (एसडीएमएफ) के परियोजना निदेशक निशांत ठाकुर ने कहा कि पोर्टल का उद्देश्य आपदा का बेहतर प्रबंधन और आपदा न्यूनीकरण प्रयासों में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करना है।
इस पोर्टल के माध्यम से केवल एक क्लिक से प्राकृतिक आपदाओं जैसे भू-स्खलन, बाढ़, हिमस्खलन इत्यादि की विशिष्ट रिपोर्ट तक पहुंच सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि अब से सभी पीपीआर और डीपीआर पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत करना सुनिश्चिित किया जाना चाहिए और किसी प्रकार की हार्ड कॉपी स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कार्यान्वयन एजेंसियां अब केवल एक क्लिक से अपने प्रस्तावों की स्थिति की निगरानी कर सकती हैं और समिति के निर्णयों को जान सकती है।
उन्होंने कहा कि हितधारकों को पूर्व में स्वीकृत सभी परियोजना प्रस्तावों को डिजिटल प्रक्रिया के साथ संरेखित करते हुए 30 दिसंबर 2024 तक पोर्टल पर फिर से जमा करवाना सुनिश्चित करना होगा। बैठक के दौरान एनआईसी-एचपी की ओर से वैज्ञानिक संजय ठाकुर, वैज्ञानिक विनोद कुमार और श्री कुणाल ने बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।
पोर्टल सभी हितधारकों को सैटलाइट आधारित परियोजनाओं का चयन, आपदा न्यूनीकरण परियोजनाओं के दोहराव को रोकना, आवश्यकता के अनुसार विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना और आपदा न्यूनीकरण परियोजनाओं में फंड में समुचित उपयोग करने में सहायता करेगा। कार्यशाला में लोक निर्माण, जल शक्ति, पर्यटन, शिक्षा, कृषि एवं अन्य विभागों तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 535 अधिकारियों ने भाग लिया।
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