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शिमला, 15 सितम्बर, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! करोना काल के बाद से हिमाचल में लगातार घट रहीं पर्यटकों की संख्या को लेकर चिंतित पर्यटन व्यवसाययों ने आज शिमला के न्यू कुफरी में एक 'टूरिज्म एंड ट्रेवल मीट' का आयोजन किया। प्रदेश में टूरिज्म को बढावा देने और व्यवसाय की चुनौतियों व भावी योजनाओं पर लगभग 50 पर्यटन व्यवसायियों ने इस मीट में अपने पक्ष रखे । इस मीट में प्रदेश के पर्यटन से जुड़े टूर एंड ट्रैवल, होटल और एडवेंचर व्यवसायियों ने पर्यटन और इसके विस्तार को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कोरोना काल और उसके बाद आपदा से शिमला में लगभग हर वर्ष घट रही सैलानीयो की संख्या पर पर्यटन व्यवसायियों ने चिंता व्यक्त की और आने वाले समय में शिमला और कुफरी में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न पहलुओं और संभावनाओं पर विचार किया। इन व्यवसायियों का मानना है कि देश-विदेश में विख्यात शिमला और कुफरी जैसे पर्यटन स्थल अब पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ते जा रहे है और यहां पर्यटन व्यवसाय को बचाने के लिए सभी व्यवसायियों और सरकार को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। कुफरी स्थित एडवेंचर रिजॉर्ट के डायरेक्टर प्रतीक ठाकुर ने बताया कि बीते कुछ वर्षों से शिमला और कुफरी की ओर पर्यटकों का आकर्षण कम होता जा रहा है जिसके लिए अब नए प्रयासों की लगातार जरूरत महसूस हो रही है । ऐसे में पर्यटन से जुड़े विभिन्न व्यवसायियों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है और वर्तमान में प्रतिस्पर्धा के इस युग में रोज नए आकर्षण इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए खड़े करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इन्हीं प्रयासों के तहत हर वर्ष एडवेंचर रिजॉर्ट में कुछ नया करने का प्रयास करते हैं जिस कड़ी में इस बार यहां हिमाचल का पहला इंडोर स्नो पार्क स्थापित किया गया है जो पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है क्योंकि शिमला आने वाले हर पर्यटक को यह पार्क 12 महीने बर्फ का आनंद दे रहा है । उन्होंने माना कि शिमला में पर्यटन को दोबारा पटरी पर लाने के लिए पर्यटन से जुड़े सभी व्यवसाईयों को मिलकर इस तरह की कई पहल करने की जरूरत है। इसलिए आज पर्यटन से जुड़े सभी व्यवसाईयों की एक मीट का आयोजन किया गया है। कलर्स ऑफ़ इंडिया टूरज एंड प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक नरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि पड़ोसी राज्यों से यदि तुलना करें तो हिमाचल प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय में लगातार कमी आ रही है। उनका मानना है कि इसके लिए एयर कनेक्टिविटी और रेल कनेक्टिविटी की कमी सबसे बड़ा कारण है और सड़कों मे भी भारी ट्रैफिक जाम से पर्यटक परेशान होते हैं। नरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि आपदा के बाद से लोगों में हिमाचल के प्रति असुरक्षा की भावना बनी है । जिससे लोग खराब मौसम में अथवा बरसात के दिनों में हिमाचल की ओर आने से हिचकीचाने लगे हैं। नरेंद्र भारद्वाज के अनुसार शिमला, कुफरी व आसपास के क्षेत्र में अब बड़े होटलों की चेन कनेक्ट हो रही है ,जिससे अब हिमाचल प्रदेश में प्रोफेशनल ट्रेनिंग व प्रशिक्षण की भारी आवश्यकता महसूस की जाने लगी है । ऐसे में पर्यटन व्यवसायों को आने वाले समय के लिए हर तरीके से तैयार रहना होगा ताकि शिमला व कुफरी जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन क्षेत्र को दोबारा स्थापित किया जा सके। हिमाचल आ रहे हैं पर्यटकों को आज के इस प्रतिस्पर्धा के युग में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध न होने से निराश माउंटेन मिस्ट्री टूर ऑपरेटर के निदेशक संजय शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को लेकर ना तो बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हो पा रहा है ना ही निजी व्यवसायियों और सरकार में बेहतर संचार हो पा रहा है । उनका मानना है कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है क्योंकि प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी और यातायात के साथ ही प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में देश विदेश में मशहूर करने के लिए भी सरकारी क्षेत्र में कार्य किया जाना चाहिए । इनका मानना है कि हिमाचल प्रदेश में लगातार घट रहे पर्यटक एक बेहद चिंता का कारण है। यहां हजारों की संख्या में लोग पर्यटन पर निर्भर है। पड़ोसी राज्यों की बात करें अथवा विदेश से पर्यटन को लेकर भारी प्रतिस्पर्धा नजर आ रही है जिसे हिमाचल प्रदेश बीट नहीं कर पा रहा है । इनका मानना है कि निजी क्षेत्र में पर्यटन व्यवसायी लगातार प्रयासरत है लेकिन जब तक सरकार इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर बेहतर कार्य नहीं करती तब तक हिमाचल प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को एक बार फिर बुलंदियों पर पहुंचना मुश्किल हो रहा है।
शिमला, 15 सितम्बर, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! करोना काल के बाद से हिमाचल में लगातार घट रहीं पर्यटकों की संख्या को लेकर चिंतित पर्यटन व्यवसाययों ने आज शिमला के न्यू कुफरी में एक 'टूरिज्म एंड ट्रेवल मीट' का आयोजन किया। प्रदेश में टूरिज्म को बढावा देने और व्यवसाय की चुनौतियों व भावी योजनाओं पर लगभग 50 पर्यटन व्यवसायियों ने इस मीट में अपने पक्ष रखे ।
इस मीट में प्रदेश के पर्यटन से जुड़े टूर एंड ट्रैवल, होटल और एडवेंचर व्यवसायियों ने पर्यटन और इसके विस्तार को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कोरोना काल और उसके बाद आपदा से शिमला में लगभग हर वर्ष घट रही सैलानीयो की संख्या पर पर्यटन व्यवसायियों ने चिंता व्यक्त की और आने वाले समय में शिमला और कुफरी में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न पहलुओं और संभावनाओं पर विचार किया। इन व्यवसायियों का मानना है कि देश-विदेश में विख्यात शिमला और कुफरी जैसे पर्यटन स्थल अब पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ते जा रहे है और यहां पर्यटन व्यवसाय को बचाने के लिए सभी व्यवसायियों और सरकार को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।
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कुफरी स्थित एडवेंचर रिजॉर्ट के डायरेक्टर प्रतीक ठाकुर ने बताया कि बीते कुछ वर्षों से शिमला और कुफरी की ओर पर्यटकों का आकर्षण कम होता जा रहा है जिसके लिए अब नए प्रयासों की लगातार जरूरत महसूस हो रही है । ऐसे में पर्यटन से जुड़े विभिन्न व्यवसायियों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है और वर्तमान में प्रतिस्पर्धा के इस युग में रोज नए आकर्षण इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए खड़े करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इन्हीं प्रयासों के तहत हर वर्ष एडवेंचर रिजॉर्ट में कुछ नया करने का प्रयास करते हैं जिस कड़ी में इस बार यहां हिमाचल का पहला इंडोर स्नो पार्क स्थापित किया गया है जो पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है क्योंकि शिमला आने वाले हर पर्यटक को यह पार्क 12 महीने बर्फ का आनंद दे रहा है । उन्होंने माना कि शिमला में पर्यटन को दोबारा पटरी पर लाने के लिए पर्यटन से जुड़े सभी व्यवसाईयों को मिलकर इस तरह की कई पहल करने की जरूरत है। इसलिए आज पर्यटन से जुड़े सभी व्यवसाईयों की एक मीट का आयोजन किया गया है।
कलर्स ऑफ़ इंडिया टूरज एंड प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक नरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि पड़ोसी राज्यों से यदि तुलना करें तो हिमाचल प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय में लगातार कमी आ रही है। उनका मानना है कि इसके लिए एयर कनेक्टिविटी और रेल कनेक्टिविटी की कमी सबसे बड़ा कारण है और सड़कों मे भी भारी ट्रैफिक जाम से पर्यटक परेशान होते हैं। नरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि आपदा के बाद से लोगों में हिमाचल के प्रति असुरक्षा की भावना बनी है । जिससे लोग खराब मौसम में अथवा बरसात के दिनों में हिमाचल की ओर आने से हिचकीचाने लगे हैं। नरेंद्र भारद्वाज के अनुसार शिमला, कुफरी व आसपास के क्षेत्र में अब बड़े होटलों की चेन कनेक्ट हो रही है ,जिससे अब हिमाचल प्रदेश में प्रोफेशनल ट्रेनिंग व प्रशिक्षण की भारी आवश्यकता महसूस की जाने लगी है । ऐसे में पर्यटन व्यवसायों को आने वाले समय के लिए हर तरीके से तैयार रहना होगा ताकि शिमला व कुफरी जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन क्षेत्र को दोबारा स्थापित किया जा सके।
हिमाचल आ रहे हैं पर्यटकों को आज के इस प्रतिस्पर्धा के युग में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध न होने से निराश माउंटेन मिस्ट्री टूर ऑपरेटर के निदेशक संजय शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को लेकर ना तो बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हो पा रहा है ना ही निजी व्यवसायियों और सरकार में बेहतर संचार हो पा रहा है । उनका मानना है कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है क्योंकि प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी और यातायात के साथ ही प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में देश विदेश में मशहूर करने के लिए भी सरकारी क्षेत्र में कार्य किया जाना चाहिए ।
इनका मानना है कि हिमाचल प्रदेश में लगातार घट रहे पर्यटक एक बेहद चिंता का कारण है। यहां हजारों की संख्या में लोग पर्यटन पर निर्भर है। पड़ोसी राज्यों की बात करें अथवा विदेश से पर्यटन को लेकर भारी प्रतिस्पर्धा नजर आ रही है जिसे हिमाचल प्रदेश बीट नहीं कर पा रहा है ।
इनका मानना है कि निजी क्षेत्र में पर्यटन व्यवसायी लगातार प्रयासरत है लेकिन जब तक सरकार इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर बेहतर कार्य नहीं करती तब तक हिमाचल प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को एक बार फिर बुलंदियों पर पहुंचना मुश्किल हो रहा है।
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