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चम्बा , 06 जनवरी [ शिवानी ] ! राजकीय महाविद्यालय चम्बा की राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर "सहयोग 2024" के छठे दिन के कार्यक्रम का आयोजन हुआ । उक्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि छठे दिन सर्वप्रथम स्वयंसेवी बिंदिया द्वारा दिन का सुविचार "*भलाई करते रहिये बहते पानी की तरह, बुराई खुद ही किनारे लग जाएगी कचरे की तरह*" प्रस्तुत किया व उसका वर्णन किया। स्वयंसेवी शालू द्वारा एक कविता *चाँद का कुर्ता* प्रस्तुत की गयी। इसके उपरांत सूजल ठाकुर द्वारा पांचवे दिन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके बाद एन एस एस गीत "उठें समाज के लिए उठें- उठें, जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें जगें, स्वयं सजें वसुंधरा संवार दें" गाकर दिन की शुरुआत की । प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि समुदाय की सेवा के साथ ही व्यकितत्व विकास एवम चरित्र निर्माण होता है । निःस्वार्थ एवम निष्काम समुदाय सेवा ही राष्ट्रीय सेवा योजना का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। समाज सेवा करने में आनन्द महसूस करें । इसके उपरांत विद्यार्थियों द्वारा महाविद्यालय परिसर में साफ सफाई की, क्यारियाँ बनाईं, नालियां साफ की, झाड़ियों को काटा व कमरों की साफ सफाई की । सांस्कृतिक सत्र में स्वयंसेवियों द्वारा अपने अपने क्षेत्र के लोक गीत, लोक नृत्य प्रस्तुत किये, समूह नृत्य प्रस्तुत किये व सबका मनोरंजन किया। अकादमिक सत्र में डॉ शेल्ली महाजन, विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग जी विशिष्ट अतिथि के रूप में तथा रविंद्र सिंह, वरिष्ठ सहायक एवं साहित्यकार स्त्रोत व्यक्ति के रूप में उपस्थित रहें। रविंद्र सिंह द्वारा अच्छी किताबों का महत्व, जीवन में संतोष कैसे लाएं, मान की शक्ति को कैसे बढ़ाएं, लोगों की अच्छाई के साथ उन्हें आत्मसात करें, उनकी बुराइयों को नज़रअंदाज़ करें, अच्छे व्यवहार का जीवन में मूल्य, समाज में परिवर्तन कैसे लाएं, चार युगों की विशेषताएं, नशा मुक्ति के साधन का विस्तृत वर्णन, धार्मिक पाठ का मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्व, सोशल मीडिया के लाभ और हानियां बताईं तथा सभी स्वयंसेवियों से आह्वान किया कि शिविर के दौरान जो कुछ भी सीखा जा रहा है वे अपनी जिंदगी में आत्मसात करें और अपने आस-पड़ोस में भी लोगों को जागृत करें। डॉ शेल्ली महाजन द्वारा रविन्द्र सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारियों में प्रोफेसर अविनाश, प्रोफेसर संतोष व स्वयंसेवियों में स्वयंसेवियों में कुलदीप, सूजल, वर्षा जरयाल, कुलदीप, मनीष, हिमानी, विपुल, मुस्कान, रीता, रोहित, अक्षिता, नीरज, मधु बाला, निशा, ,पिंकू, चुना, अक्षिता, आरती, शालू, जितेंद्र, विशाल, अश्विन, अभिषेक, नीरज, अखिल, निखिल गौतम, दिशा, स्नेहा, इशिका, भूपेंद्र, मनु, लतू, प्रिया शर्मा, ज्योति, सुनीता, अंजली, भूपेंद्र, इत्यादि उपस्थित रहे ।
चम्बा , 06 जनवरी [ शिवानी ] ! राजकीय महाविद्यालय चम्बा की राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर "सहयोग 2024" के छठे दिन के कार्यक्रम का आयोजन हुआ । उक्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि छठे दिन सर्वप्रथम स्वयंसेवी बिंदिया द्वारा दिन का सुविचार "*भलाई करते रहिये बहते पानी की तरह, बुराई खुद ही किनारे लग जाएगी कचरे की तरह*" प्रस्तुत किया व उसका वर्णन किया। स्वयंसेवी शालू द्वारा एक कविता *चाँद का कुर्ता* प्रस्तुत की गयी। इसके उपरांत सूजल ठाकुर द्वारा पांचवे दिन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
इसके बाद एन एस एस गीत "उठें समाज के लिए उठें- उठें, जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें जगें, स्वयं सजें वसुंधरा संवार दें" गाकर दिन की शुरुआत की । प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि समुदाय की सेवा के साथ ही व्यकितत्व विकास एवम चरित्र निर्माण होता है । निःस्वार्थ एवम निष्काम समुदाय सेवा ही राष्ट्रीय सेवा योजना का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। समाज सेवा करने में आनन्द महसूस करें ।
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इसके उपरांत विद्यार्थियों द्वारा महाविद्यालय परिसर में साफ सफाई की, क्यारियाँ बनाईं, नालियां साफ की, झाड़ियों को काटा व कमरों की साफ सफाई की । सांस्कृतिक सत्र में स्वयंसेवियों द्वारा अपने अपने क्षेत्र के लोक गीत, लोक नृत्य प्रस्तुत किये, समूह नृत्य प्रस्तुत किये व सबका मनोरंजन किया।
अकादमिक सत्र में डॉ शेल्ली महाजन, विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग जी विशिष्ट अतिथि के रूप में तथा रविंद्र सिंह, वरिष्ठ सहायक एवं साहित्यकार स्त्रोत व्यक्ति के रूप में उपस्थित रहें। रविंद्र सिंह द्वारा अच्छी किताबों का महत्व, जीवन में संतोष कैसे लाएं, मान की शक्ति को कैसे बढ़ाएं, लोगों की अच्छाई के साथ उन्हें आत्मसात करें, उनकी बुराइयों को नज़रअंदाज़ करें, अच्छे व्यवहार का जीवन में मूल्य, समाज में परिवर्तन कैसे लाएं, चार युगों की विशेषताएं, नशा मुक्ति के साधन का विस्तृत वर्णन, धार्मिक पाठ का मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्व, सोशल मीडिया के लाभ और हानियां बताईं तथा सभी स्वयंसेवियों से आह्वान किया कि शिविर के दौरान जो कुछ भी सीखा जा रहा है वे अपनी जिंदगी में आत्मसात करें और अपने आस-पड़ोस में भी लोगों को जागृत करें।
डॉ शेल्ली महाजन द्वारा रविन्द्र सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारियों में प्रोफेसर अविनाश, प्रोफेसर संतोष व स्वयंसेवियों में स्वयंसेवियों में कुलदीप, सूजल, वर्षा जरयाल, कुलदीप, मनीष, हिमानी, विपुल, मुस्कान, रीता, रोहित, अक्षिता, नीरज, मधु बाला, निशा, ,पिंकू, चुना, अक्षिता, आरती, शालू, जितेंद्र, विशाल, अश्विन, अभिषेक, नीरज, अखिल, निखिल गौतम, दिशा, स्नेहा, इशिका, भूपेंद्र, मनु, लतू, प्रिया शर्मा, ज्योति, सुनीता, अंजली, भूपेंद्र, इत्यादि उपस्थित रहे ।
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