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शिमला , 28 फ़रवरी [ विशाल सूद ] ! पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक निजी कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि मोदी जी के वर्ष 2027 तक विकसित भारत निर्माण में डिजिटल इंडिया व यूपीआई की भूमिका बहुत अहम रहने वाली है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत को वर्ष 2047 विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प रखा है। विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए सभी भारतवासी अपनी क्षमता के अनुरूप सहयोग दे रहे हैं। आज तकनीकी के दौर में बहुत कम लोग होंगे जो डिजिटल इंडिया और यूपीआई से अछूते होंगे और विकसित भारत निर्माण में डिजिटल इंडिया और यूपीआई की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाली है। डिजिटल इंडिया की शुरुआत 1 जुलाई 2015 को भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के उद्देश्य से की गई थी। डिजिटल इंडिया सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी, डिजिटल अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों के विस्तार के माध्यम से सभी नागरिकों के जीवन में सुधार कर रहा है। कांग्रेसी नेता एक समय यूपीआई और डिजिटल इंडिया का मजाक उड़ाते थे आज अब वही डिजिटल इंडिया आम आदमी की ताकत बन चुकी है। आज फल सब्ज़ी विक्रेता तक यूपीआइ से लेनदेन कर रहे हैं। कांग्रेसी भारत की जनता की क्षमता पर संदेह करते थे, उनका मजाक उड़ाते थे। खुलेआम कहा जाता था कि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे। लेकिन मोदी सरकार का देश के सामान्य मानविकी समझ पर भरोसा था। मोदी सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट्स का रास्ता आसान बनाया हैं। प्रधानमंत्री जी की सोच के अनुरूप छोटे व्यापारी, छोटे उद्यमी, फिर लोकल कलाकार, या कारीगर हों, डिजिटल इंडिया ने सबको मंच दिया है। डिजिटल इंडिया ने सभी कार्य सुलभ बनाया है, ये देश के विकास का बहुत बड़ा विज़न है”। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ भारत के वित्तीय प्रौद्योगिकी परिदृश्य में हो रहे बदलावों का सामाजिक स्तर पर गहरा असर हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की फिनटेक को बढ़ावा देने की नीति की बदौलत यूपीआई अनौपचारिक अर्थव्यवस्थाओं तक पहुंच रहा है और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच वित्तीय सेवाओं की खाई को पाट रहा है। मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया यूपीआई वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा डिजिटल लेनदेन प्लेटफॉर्म बन गया है। जनवरी महीने में पहली बार यूपीआई ट्रांजैक्शन 16.99 बिलियन से अधिक हुआ और मूल्य 23.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो किसी भी महीने में दर्ज की गई सबसे बड़ी संख्या है। यूपीआई भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम की आधारशिला बना हुआ है, जो देश भर में खुदरा भुगतानों में 80 प्रतिशत का योगदान देता है। जनवरी तक 80 से अधिक यूपीआई ऐप (बैंक ऐप और थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर) और 641 बैंक वर्तमान में यूपीआई इकोसिस्टम पर लाइव हैं। यूपीआई पूरी दुनिया के लिए वित्तीय समावेशन और सशक्तिकरण का साधन बने, इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। मेरा सुझाव है कि हमारे वित्तीय संस्थानों को भी अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए फिनटेक के साथ अधिक से अधिक भागीदारी करनी चाहिए।
शिमला , 28 फ़रवरी [ विशाल सूद ] ! पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक निजी कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि मोदी जी के वर्ष 2027 तक विकसित भारत निर्माण में डिजिटल इंडिया व यूपीआई की भूमिका बहुत अहम रहने वाली है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत को वर्ष 2047 विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प रखा है। विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए सभी भारतवासी अपनी क्षमता के अनुरूप सहयोग दे रहे हैं। आज तकनीकी के दौर में बहुत कम लोग होंगे जो डिजिटल इंडिया और यूपीआई से अछूते होंगे और विकसित भारत निर्माण में डिजिटल इंडिया और यूपीआई की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाली है।
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डिजिटल इंडिया की शुरुआत 1 जुलाई 2015 को भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के उद्देश्य से की गई थी। डिजिटल इंडिया सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी, डिजिटल अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों के विस्तार के माध्यम से सभी नागरिकों के जीवन में सुधार कर रहा है।
कांग्रेसी नेता एक समय यूपीआई और डिजिटल इंडिया का मजाक उड़ाते थे आज अब वही डिजिटल इंडिया आम आदमी की ताकत बन चुकी है। आज फल सब्ज़ी विक्रेता तक यूपीआइ से लेनदेन कर रहे हैं। कांग्रेसी भारत की जनता की क्षमता पर संदेह करते थे, उनका मजाक उड़ाते थे। खुलेआम कहा जाता था कि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे। लेकिन मोदी सरकार का देश के सामान्य मानविकी समझ पर भरोसा था।
मोदी सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट्स का रास्ता आसान बनाया हैं। प्रधानमंत्री जी की सोच के अनुरूप छोटे व्यापारी, छोटे उद्यमी, फिर लोकल कलाकार, या कारीगर हों, डिजिटल इंडिया ने सबको मंच दिया है। डिजिटल इंडिया ने सभी कार्य सुलभ बनाया है, ये देश के विकास का बहुत बड़ा विज़न है”।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ भारत के वित्तीय प्रौद्योगिकी परिदृश्य में हो रहे बदलावों का सामाजिक स्तर पर गहरा असर हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की फिनटेक को बढ़ावा देने की नीति की बदौलत यूपीआई अनौपचारिक अर्थव्यवस्थाओं तक पहुंच रहा है और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच वित्तीय सेवाओं की खाई को पाट रहा है।
मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया यूपीआई वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा डिजिटल लेनदेन प्लेटफॉर्म बन गया है। जनवरी महीने में पहली बार यूपीआई ट्रांजैक्शन 16.99 बिलियन से अधिक हुआ और मूल्य 23.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो किसी भी महीने में दर्ज की गई सबसे बड़ी संख्या है।
यूपीआई भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम की आधारशिला बना हुआ है, जो देश भर में खुदरा भुगतानों में 80 प्रतिशत का योगदान देता है। जनवरी तक 80 से अधिक यूपीआई ऐप (बैंक ऐप और थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर) और 641 बैंक वर्तमान में यूपीआई इकोसिस्टम पर लाइव हैं।
यूपीआई पूरी दुनिया के लिए वित्तीय समावेशन और सशक्तिकरण का साधन बने, इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। मेरा सुझाव है कि हमारे वित्तीय संस्थानों को भी अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए फिनटेक के साथ अधिक से अधिक भागीदारी करनी चाहिए।
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