दो रातो मे 39 खैरो के पैडो पर चला आरा विभाग की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे मे ।
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कांगड़ा , 07 मार्च [ विशाल सूद ] ! जिला कांगडा के वन मंडल नूरपुर के अंतर्गत वन परिक्षेत्र रे के जंगलों में विभागीय मिलीभगत से खैर माफिया द्वारा खैरों पर आरी चलाई जा रही है। लगातार मिलीभगत से खैर के पेड़ काटे जा रहे हैं लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। जंगलों में खैर कटान लगता है तो खैर के पेड़ पर वनरक्षक द्वारा नंबर लगाया जाता है लेकिन सवाल यह है कि उक्त परिक्षेत्र के जंगलों में चौरो द्वारा काटे गए खैर के चार-पांच ठूंठों पर एक ही नंबर डाला गया है जिससे विभागीय कार्यप्रणाली भी संदेहास्पद है। खैर के पेड़ों पर कटान नंबर डालने वाले अधिकारी/कर्मचारी एक ही नंबर डालकर जहां खुद चांदी कूट रहे हैं तो वहीं खैर माफिया भी सोना कूट रहा है। करोड़ों की वन संपदा को काटा जा रहा है लेकिन विभागीय कार्रवाई नाकाफी दिख रही है। खैर कटान के बाद माफिया खैर के सबसे ऊपरी हिस्से को वहीं फैंक जाते हैं जिसको भी विभागीय कर्मी गायब कर देते हैं तथा खैर के ठूंठों को भी उखाड़ कर नामोनिशान मिटा देते हैं। वन मंडल नूरपुर के अधीन पड़ते वन परिक्षत्र रे की बीट बन सामलियां, लोहजंग ( खटियाड़) धमेटा, वन देवी के जंगलों मे खैर माफिया बैखौफ होकर खैरों के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल रही है। पिछले दो दिनों में वन माफिया द्वारा 39 पेड़ों को काट लिया गया है जबकि एक माह में करीबन 99पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल चुकी है। धमेटा बीट में वनरक्षक आवास से 50मीटर की दूरी पर रात को खैर के सात पेड़ों, वन सामिया बीट में 38, लोहजंग में 34 और बन देवी के जंगलों में खैर के करीब 20 पेड़ काटे गए हैं। लोगों ने कहा कि जिन कर्मियों द्वारा खैर के ठूंठों पर एक ही नंबर डाला जाता है उन पर भी विभागीय चाबुक चलना चाहिए। इस बारे में डीएफओ नूरपुर अमित शर्मा ने कहा कि सूचना के आधार पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है। वन विभाग की टीमों द्वारा जंगलों को खंगाला जा रहा है तथा उसके बाद ही फाइनल रिपोर्ट आएगी। उन्होंने कहा कि खैर माफिया को बख्शा नहीं जाएगा।
कांगड़ा , 07 मार्च [ विशाल सूद ] ! जिला कांगडा के वन मंडल नूरपुर के अंतर्गत वन परिक्षेत्र रे के जंगलों में विभागीय मिलीभगत से खैर माफिया द्वारा खैरों पर आरी चलाई जा रही है। लगातार मिलीभगत से खैर के पेड़ काटे जा रहे हैं लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है।
जंगलों में खैर कटान लगता है तो खैर के पेड़ पर वनरक्षक द्वारा नंबर लगाया जाता है लेकिन सवाल यह है कि उक्त परिक्षेत्र के जंगलों में चौरो द्वारा काटे गए खैर के चार-पांच ठूंठों पर एक ही नंबर डाला गया है जिससे विभागीय कार्यप्रणाली भी संदेहास्पद है। खैर के पेड़ों पर कटान नंबर डालने वाले अधिकारी/कर्मचारी एक ही नंबर डालकर जहां खुद चांदी कूट रहे हैं तो वहीं खैर माफिया भी सोना कूट रहा है।
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करोड़ों की वन संपदा को काटा जा रहा है लेकिन विभागीय कार्रवाई नाकाफी दिख रही है। खैर कटान के बाद माफिया खैर के सबसे ऊपरी हिस्से को वहीं फैंक जाते हैं जिसको भी विभागीय कर्मी गायब कर देते हैं तथा खैर के ठूंठों को भी उखाड़ कर नामोनिशान मिटा देते हैं। वन मंडल नूरपुर के अधीन पड़ते वन परिक्षत्र रे की बीट बन सामलियां, लोहजंग ( खटियाड़) धमेटा, वन देवी के जंगलों मे खैर माफिया बैखौफ होकर खैरों के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल रही है।
पिछले दो दिनों में वन माफिया द्वारा 39 पेड़ों को काट लिया गया है जबकि एक माह में करीबन 99पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल चुकी है। धमेटा बीट में वनरक्षक आवास से 50मीटर की दूरी पर रात को खैर के सात पेड़ों, वन सामिया बीट में 38, लोहजंग में 34 और बन देवी के जंगलों में खैर के करीब 20 पेड़ काटे गए हैं। लोगों ने कहा कि जिन कर्मियों द्वारा खैर के ठूंठों पर एक ही नंबर डाला जाता है उन पर भी विभागीय चाबुक चलना चाहिए।
इस बारे में डीएफओ नूरपुर अमित शर्मा ने कहा कि सूचना के आधार पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है। वन विभाग की टीमों द्वारा जंगलों को खंगाला जा रहा है तथा उसके बाद ही फाइनल रिपोर्ट आएगी। उन्होंने कहा कि खैर माफिया को बख्शा नहीं जाएगा।
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