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शिमला ! आऊटसोर्स पर नर्सों के पद भरने से जुड़े मामले में सुनवाई 8 जनवरी के लिए टल गई है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधवालिया व सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर वीरवार को सुबह आंशिक तौर पर सुनवाई हुई। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी की थी कि भर्ती करने वाले ऐसे 36 ठेकेदारों के नाम हैं जिन्हें एचपी राज्य इलैक्ट्रॉनिक विकास निगम द्वारा अनुमोदित किया गया है। कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया सूची को देखने से पता चलता है कि उनमें से कई का भर्तियों से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने कभी भी भर्ती का कोई मामला नहीं संभाला है। ऐसे मामले भी हो सकते हैं, जहां इन फर्मों के मालिक खुद पूरी तरह से अशिक्षित या अर्ध-साक्षर हों, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्हें कानून अधिकारी, नर्स व डाॅक्टर आदि जैसे जिम्मेदार पदों पर आऊटसोर्स आधार पर भर्ती करने का काम सौंपा गया हो।
शिमला ! आऊटसोर्स पर नर्सों के पद भरने से जुड़े मामले में सुनवाई 8 जनवरी के लिए टल गई है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधवालिया व सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर वीरवार को सुबह आंशिक तौर पर सुनवाई हुई। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी की थी कि भर्ती करने वाले ऐसे 36 ठेकेदारों के नाम हैं जिन्हें एचपी राज्य इलैक्ट्रॉनिक विकास निगम द्वारा अनुमोदित किया गया है।
कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया सूची को देखने से पता चलता है कि उनमें से कई का भर्तियों से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने कभी भी भर्ती का कोई मामला नहीं संभाला है। ऐसे मामले भी हो सकते हैं, जहां इन फर्मों के मालिक खुद पूरी तरह से अशिक्षित या अर्ध-साक्षर हों, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्हें कानून अधिकारी, नर्स व डाॅक्टर आदि जैसे जिम्मेदार पदों पर आऊटसोर्स आधार पर भर्ती करने का काम सौंपा गया हो।
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