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चम्बा ! आज राजकीय महाविद्यालय चम्बा की राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर "सहयोग 2024" के पांचवे दिन के कार्यक्रम का आयोजन हुआ । उक्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि पांचवे दिन सर्वप्रथम स्वयंसेवी हिमांशी द्वारा दिन का सुविचार "*कर्म करो तो फल मिलता है, आज नहीं तो कल मिलता है. जितना गहरा अधिक कुआँ हो, उतना मीठा जल मिलता है। जीवन के हर कठिन प्रश्न का जीवन से ही हल मिलता है*" प्रस्तुत किया व उसका वर्णन किया। स्वयंसेवी प्रिया शर्मा द्वारा चौथे दिन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके बाद एन एस एस गीत "उठें समाज के लिए उठें- उठें, जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें जगें, स्वयं सजें वसुंधरा संवार दें" गाकर दिन की शुरुआत की । पांचवे दिन स्वयंसेवियों द्वारा ग्राम पंचायत द्रमण के अंतर्गत गांव घांघणी में सफाई अभियान चलाया गया । इस दौरान स्वयंसेवियों द्वारा गांव के रास्तों की सफाई, झाड़ियां काटीं कूड़ा करकट हटाया, मंदिर परिसर की सफाई की गई । स्वयंसेवियों द्वारा गांव में प्लास्टिक हटाओ- पर्यावरण बचाओ, प्लास्टिक का धुआं- मौत का कुआं, पेड़ लगाओ- पर्यावरण बचाओ के नारे लगाते हुए एक जागरूकता रैली निकाली । स्वयंसेवियों द्वारा लोगों के घर घर जाकर सफाई के लिए जागरूक किया व कहा कि घर से निकला कूड़ा बाहर खुले में न फेंके । सूखा व गीला कचरा अलग अलग रखें तथा निश्चित स्थान और ही कूड़े का निष्पादन करें। प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि समुदाय की सेवा के साथ ही व्यकितत्व विकास एवम चरित्र निर्माण होता है । निःस्वार्थ एवम निष्काम समुदाय सेवा ही राष्ट्रीय सेवा योजना का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। समाज सेवा करने में आनन्द महसूस करें । इसके उपरांत विद्यार्थियों द्वारा महाविद्यालय परिसर में साफ सफाई की, क्यारियाँ बनाईं, नालियां साफ की, झाड़ियों को काटा व कमरों की साफ सफाई की । सांस्कृतिक सत्र में स्वयंसेवियों द्वारा अपने अपने क्षेत्र के लोक गीत, लोक नृत्य प्रस्तुत किये, समूह नृत्य प्रस्तुत किये व सबका मनोरंजन किया। अकादमिक सत्र में करियर कोच एवं मोटिवेशनल स्पीकर इंजीनियर हरीश ठाकुर ने करियर सम्बंधित जागरूकता फैलाई । उन्होंने कौशल, जनसंचार , ऐटिटूड इस एवरीथिंग, कैसे हमेशा प्रेरित रहें, आपके लिए, करियर, सरकारी नौकरी, निजी क्षेत्र में व्यवसाय, उसके लाभ इत्यादि संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साँझा की। उन्होंने स्वयंसेवियों को व्यक्तित्व विकास हेतु जागरूक किया । उन्होंने स्नातकोत्तर, इंजीनियरिंग, व्यवसायिक कोर्स, कौशल विकास संबंधित कोर्स, विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थान, दाखिला प्रक्रिया, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की । उन्होंने कहा कि आप किसी भी व्यवसाय में हैं, आपकी सफलता किसी न किसी रूप में आपके संचार पर भी निर्भर करती है। अपने विचार और अपनी बात को कितने प्रभावी तरीके से दूसरे लोगों तक आप पहुंचा पाते हैं। प्रभावी शब्दों का प्रयोग करते हुए कितने अनोखे तरीके से आप खुद को दूसरे के सामने प्रस्तुत करते हैं यह आपके संचार पर निर्भर करता है। इसलिए जीवन में तरक्की के लिए प्रभावी संचार की कला अति आवश्यक है । जिन लोगों के पास खुद को अनोखें ढंग से प्रस्तुत करने की कला होती है वह अपने करियर में शिखरता के नए आयाम गढ़ते हैं। उन्होंने विद्यार्थिओं को भविष्य के कार्यकलापों संबंधित प्रेरणादायक विचार रखे । उन्होंने कहा कि अगर आप जीवन में सफल होना चाहते है तो को आपको हर हाल में एक सकारात्मक अभिगम रखना पड़ेगा। सकारात्मक अभिगम रखने के लिए आपको किसी भी पॉजिटिव स्रोत का उपयोग करना पड़ेगा। उन्होंने विद्यार्थियों के प्रश्नों का यथासंभव उत्तर देकर निवारण किया । उन्होंने स्वयंसेवियों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारियों में प्रोफेसर अविनाश, प्रोफेसर निशा, गांववासियों में नरेंद्र कुमार, प्रोफेसर निशा, राजिंद्र कुमार, घनश्याम, नीरज, रमेश, कमल, रमन, सुमित्रा व स्वयंसेवियों में स्वयंसेवियों में कुलदीप, सूजल, वर्षा जरयाल, कुलदीप, मनीष, हिमानी, विपुल, मुस्कान, रीता, रोहित, अक्षिता, नीरज, मधु बाला, निशा, ,पिंकू, चुना, अक्षिता, आरती, शालू, जितेंद्र, विशाल, अश्विन, अभिषेक, नीरज, अखिल, निखिल गौतम, दिशा, स्नेहा, इशिका, भूपेंद्र, मनु, लतू, प्रिया शर्मा, ज्योति, सुनीता, अंजली, भूपेंद्र, इत्यादि उपस्थित रहे ।
चम्बा ! आज राजकीय महाविद्यालय चम्बा की राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर "सहयोग 2024" के पांचवे दिन के कार्यक्रम का आयोजन हुआ । उक्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि पांचवे दिन सर्वप्रथम स्वयंसेवी हिमांशी द्वारा दिन का सुविचार "*कर्म करो तो फल मिलता है, आज नहीं तो कल मिलता है. जितना गहरा अधिक कुआँ हो, उतना मीठा जल मिलता है। जीवन के हर कठिन प्रश्न का जीवन से ही हल मिलता है*" प्रस्तुत किया व उसका वर्णन किया।
स्वयंसेवी प्रिया शर्मा द्वारा चौथे दिन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके बाद एन एस एस गीत "उठें समाज के लिए उठें- उठें, जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें जगें, स्वयं सजें वसुंधरा संवार दें" गाकर दिन की शुरुआत की । पांचवे दिन स्वयंसेवियों द्वारा ग्राम पंचायत द्रमण के अंतर्गत गांव घांघणी में सफाई अभियान चलाया गया । इस दौरान स्वयंसेवियों द्वारा गांव के रास्तों की सफाई, झाड़ियां काटीं कूड़ा करकट हटाया, मंदिर परिसर की सफाई की गई । स्वयंसेवियों द्वारा गांव में प्लास्टिक हटाओ- पर्यावरण बचाओ, प्लास्टिक का धुआं- मौत का कुआं, पेड़ लगाओ- पर्यावरण बचाओ के नारे लगाते हुए एक जागरूकता रैली निकाली ।
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स्वयंसेवियों द्वारा लोगों के घर घर जाकर सफाई के लिए जागरूक किया व कहा कि घर से निकला कूड़ा बाहर खुले में न फेंके । सूखा व गीला कचरा अलग अलग रखें तथा निश्चित स्थान और ही कूड़े का निष्पादन करें। प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि समुदाय की सेवा के साथ ही व्यकितत्व विकास एवम चरित्र निर्माण होता है । निःस्वार्थ एवम निष्काम समुदाय सेवा ही राष्ट्रीय सेवा योजना का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। समाज सेवा करने में आनन्द महसूस करें । इसके उपरांत विद्यार्थियों द्वारा महाविद्यालय परिसर में साफ सफाई की, क्यारियाँ बनाईं, नालियां साफ की, झाड़ियों को काटा व कमरों की साफ सफाई की । सांस्कृतिक सत्र में स्वयंसेवियों द्वारा अपने अपने क्षेत्र के लोक गीत, लोक नृत्य प्रस्तुत किये, समूह नृत्य प्रस्तुत किये व सबका मनोरंजन किया।
अकादमिक सत्र में करियर कोच एवं मोटिवेशनल स्पीकर इंजीनियर हरीश ठाकुर ने करियर सम्बंधित जागरूकता फैलाई । उन्होंने कौशल, जनसंचार , ऐटिटूड इस एवरीथिंग, कैसे हमेशा प्रेरित रहें, आपके लिए, करियर, सरकारी नौकरी, निजी क्षेत्र में व्यवसाय, उसके लाभ इत्यादि संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साँझा की। उन्होंने स्वयंसेवियों को व्यक्तित्व विकास हेतु जागरूक किया । उन्होंने स्नातकोत्तर, इंजीनियरिंग, व्यवसायिक कोर्स, कौशल विकास संबंधित कोर्स, विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थान, दाखिला प्रक्रिया, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की । उन्होंने कहा कि आप किसी भी व्यवसाय में हैं, आपकी सफलता किसी न किसी रूप में आपके संचार पर भी निर्भर करती है।
अपने विचार और अपनी बात को कितने प्रभावी तरीके से दूसरे लोगों तक आप पहुंचा पाते हैं। प्रभावी शब्दों का प्रयोग करते हुए कितने अनोखे तरीके से आप खुद को दूसरे के सामने प्रस्तुत करते हैं यह आपके संचार पर निर्भर करता है। इसलिए जीवन में तरक्की के लिए प्रभावी संचार की कला अति आवश्यक है । जिन लोगों के पास खुद को अनोखें ढंग से प्रस्तुत करने की कला होती है वह अपने करियर में शिखरता के नए आयाम गढ़ते हैं। उन्होंने विद्यार्थिओं को भविष्य के कार्यकलापों संबंधित प्रेरणादायक विचार रखे । उन्होंने कहा कि अगर आप जीवन में सफल होना चाहते है तो को आपको हर हाल में एक सकारात्मक अभिगम रखना पड़ेगा। सकारात्मक अभिगम रखने के लिए आपको किसी भी पॉजिटिव स्रोत का उपयोग करना पड़ेगा। उन्होंने विद्यार्थियों के प्रश्नों का यथासंभव उत्तर देकर निवारण किया ।
उन्होंने स्वयंसेवियों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारियों में प्रोफेसर अविनाश, प्रोफेसर निशा, गांववासियों में नरेंद्र कुमार, प्रोफेसर निशा, राजिंद्र कुमार, घनश्याम, नीरज, रमेश, कमल, रमन, सुमित्रा व स्वयंसेवियों में स्वयंसेवियों में कुलदीप, सूजल, वर्षा जरयाल, कुलदीप, मनीष, हिमानी, विपुल, मुस्कान, रीता, रोहित, अक्षिता, नीरज, मधु बाला, निशा, ,पिंकू, चुना, अक्षिता, आरती, शालू, जितेंद्र, विशाल, अश्विन, अभिषेक, नीरज, अखिल, निखिल गौतम, दिशा, स्नेहा, इशिका, भूपेंद्र, मनु, लतू, प्रिया शर्मा, ज्योति, सुनीता, अंजली, भूपेंद्र, इत्यादि उपस्थित रहे ।
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