
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
भरमौर, 1 दिसम्बर [ के एस प्रेमी ] ! उत्तर भारत के प्रसिद्ध भगवान कार्तिक स्वामी ,केलंग वजीर के मंदिर के कपाट शनिवार को विधिवत पूजा अर्चना के बाद बंद कर दिए गए। अब अगले वर्ष वैसाखी के दिन धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करने के बाद खुलेंगे। सदियों से चली आ रही इस परंपरा को निभाते हुए कार्तिक स्वामी के पुजारियों ने सैंकड़ों की संख्या में प्रदेश के विभिन्न कोनों से पहुंचे श्रद्धालुओं की उपस्थिति में कपाट बंद किए। अब यह कपाट 134 दिनों के बाद 14 अप्रैल को खुलेंगे। पुरानी परंपराओं के अनुसार मंदिर के पुजारी कपाट पहले बंद करने से एक पानी से भरा कलश मंदिर के अंदर रखते हैं। जब बैसाखी के दिन मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो पानी के इस कलश में पानी का स्तर बताता है कि अगले वर्ष क्षेत्र में फसलों तथा सुख समृद्धि कैसी रहेगी। अगर कलश में पानी का स्तर अधिक हो यानि कलश भरा हुआ हो तो सुख-समृद्धि अच्छी फसलों का प्रतीक होता है और एवं अगर पानी का स्तर कम हो गया हो या पानी सूख गया हो तो विभिन्न आपदाओं का अंदेशा बना रहता है, हर वर्ष हजारों की संख्या में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, और कईयों की हर मनोकामना यहां पर पूरी होती है। कार्तिक स्वामी केलंग वजीर के जयकारों के साथ मंदिर के कपाट 134 दिनों के लिए बंद कर दिए गए।
भरमौर, 1 दिसम्बर [ के एस प्रेमी ] ! उत्तर भारत के प्रसिद्ध भगवान कार्तिक स्वामी ,केलंग वजीर के मंदिर के कपाट शनिवार को विधिवत पूजा अर्चना के बाद बंद कर दिए गए। अब अगले वर्ष वैसाखी के दिन धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करने के बाद खुलेंगे। सदियों से चली आ रही इस परंपरा को निभाते हुए कार्तिक स्वामी के पुजारियों ने सैंकड़ों की संख्या में प्रदेश के विभिन्न कोनों से पहुंचे श्रद्धालुओं की उपस्थिति में कपाट बंद किए। अब यह कपाट 134 दिनों के बाद 14 अप्रैल को खुलेंगे।
पुरानी परंपराओं के अनुसार मंदिर के पुजारी कपाट पहले बंद करने से एक पानी से भरा कलश मंदिर के अंदर रखते हैं। जब बैसाखी के दिन मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो पानी के इस कलश में पानी का स्तर बताता है कि अगले वर्ष क्षेत्र में फसलों तथा सुख समृद्धि कैसी रहेगी।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
अगर कलश में पानी का स्तर अधिक हो यानि कलश भरा हुआ हो तो सुख-समृद्धि अच्छी फसलों का प्रतीक होता है और एवं अगर पानी का स्तर कम हो गया हो या पानी सूख गया हो तो विभिन्न आपदाओं का अंदेशा बना रहता है, हर वर्ष हजारों की संख्या में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, और कईयों की हर मनोकामना यहां पर पूरी होती है। कार्तिक स्वामी केलंग वजीर के जयकारों के साथ मंदिर के कपाट 134 दिनों के लिए बंद कर दिए गए।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -