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हमीरपुर , 22 अगस्त ! पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि प्रदेश में सुक्खू सरकार ने फिजूल खर्ची के तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और महाराजाओं की तरह मित्रों पर खजाना लुटाया जा रहा है लेकिन सरकारी कर्मचारियों के हक मारे जा रहे हैं। आज यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए राजेंद्र राणा ने कहा कि सुक्खू सरकार एक तरफ आर्थिक संकट का राग अलाप कर प्रदेश के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और एरियर से वंचित रख रही है, जबकि दूसरी तरफ कैबिनेट रैंक प्राप्त मित्रों के साथ-साथ अपने चहेतों की कोठियों और दफ्तरों के सौंदर्यकरण पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकारी कर्मचारी प्रदेश सरकार की रीढ़ होते हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी वे ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य और ड्यूटी का निर्वहन करते हैं। लेकिन सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही सरकारी कर्मचारियों के हक मारना शुरू कर दिए हैं। सरकारी कर्मचारियों को ना तो महंगाई भत्ते की किश्तें दी जा रही है और ना ही उनके एरियर का भुगतान किया जा रहा है। पेंशनरों को भी एरियर और महंगाई भत्ते की किस्तों से वंचित रखा गया रहा है। उनके मेडिकल बिलों तक का भुगतान रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री खुद को जनहितैषी कहलवान का ढोल आए दिन पीटते हैं, दूसरी तरफ उन्होंने नौजवानों के लिए नौकरी के दरवाजे बंद कर दिए हैं और महिलाओं के साथ भी₹1500 भत्ता देने के नाम पर छलावा किया जा रहा है। सुक्खू सरकार घी पी पीकर लोन ले रही है और लोन का पैसा कहां जा रहा है, यह प्रदेश की जनता को बताने का मुख्यमंत्री नैतिक साहस नहीं दिखा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अनेक सब्जबाग दिखाकर सत्ता में आई सुक्खू सरकार का चेहरा बेनकाब हो चुका है और मुख्यमंत्री सुक्खू प्रदेश के इतिहास में कर्मचारी विरोधी, युवा विरोधी और महिला विरोधी मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। इन तीनों वर्गों के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता के साथ भी छल करने में कोई कसर नहीं रखी है। राजेंद्र राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आज तक जितने भी मुख्यमंत्री हुए हैं उन्होंने अपने राजनीतिक सलाहकार और मीडिया सलाहकार के अलावा दो से ज्यादा ओएसडी नहीं रखे थे। लेकिन सुक्खू सरकार ने 20 से ज्यादा ओएसडी , एडवाइजर के साथ साथ दिल्ली व चंडीगढ़ सहित अनेक स्थानों पर मीडिया कोऑर्डिनेटर रखकर दोनों हाथों से प्रदेश का खजाना लूटाने में कोई कसर नहीं रखी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनता से किए वायदे पूरे करने की बजाय जनता से सुविधायें छीनने में महारथी साबित हुए हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश में मित्रों और परिवार का शासन ही चल रहा है। कांग्रेस के कई मंत्रियों और विधायकों को भी इस सरकार में हाशिए पर धकेल दिया गया है।
हमीरपुर , 22 अगस्त ! पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि प्रदेश में सुक्खू सरकार ने फिजूल खर्ची के तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और महाराजाओं की तरह मित्रों पर खजाना लुटाया जा रहा है लेकिन सरकारी कर्मचारियों के हक मारे जा रहे हैं।
आज यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए राजेंद्र राणा ने कहा कि सुक्खू सरकार एक तरफ आर्थिक संकट का राग अलाप कर प्रदेश के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और एरियर से वंचित रख रही है, जबकि दूसरी तरफ कैबिनेट रैंक प्राप्त मित्रों के साथ-साथ अपने चहेतों की कोठियों और दफ्तरों के सौंदर्यकरण पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
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राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकारी कर्मचारी प्रदेश सरकार की रीढ़ होते हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी वे ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य और ड्यूटी का निर्वहन करते हैं। लेकिन सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही सरकारी कर्मचारियों के हक मारना शुरू कर दिए हैं।
सरकारी कर्मचारियों को ना तो महंगाई भत्ते की किश्तें दी जा रही है और ना ही उनके एरियर का भुगतान किया जा रहा है। पेंशनरों को भी एरियर और महंगाई भत्ते की किस्तों से वंचित रखा गया रहा है। उनके मेडिकल बिलों तक का भुगतान रोक दिया गया है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री खुद को जनहितैषी कहलवान का ढोल आए दिन पीटते हैं, दूसरी तरफ उन्होंने नौजवानों के लिए नौकरी के दरवाजे बंद कर दिए हैं और महिलाओं के साथ भी₹1500 भत्ता देने के नाम पर छलावा किया जा रहा है।
सुक्खू सरकार घी पी पीकर लोन ले रही है और लोन का पैसा कहां जा रहा है, यह प्रदेश की जनता को बताने का मुख्यमंत्री नैतिक साहस नहीं दिखा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अनेक सब्जबाग दिखाकर सत्ता में आई सुक्खू सरकार का चेहरा बेनकाब हो चुका है और मुख्यमंत्री सुक्खू प्रदेश के इतिहास में कर्मचारी विरोधी, युवा विरोधी और महिला विरोधी मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। इन तीनों वर्गों के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता के साथ भी छल करने में कोई कसर नहीं रखी है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आज तक जितने भी मुख्यमंत्री हुए हैं उन्होंने अपने राजनीतिक सलाहकार और मीडिया सलाहकार के अलावा दो से ज्यादा ओएसडी नहीं रखे थे। लेकिन सुक्खू सरकार ने 20 से ज्यादा ओएसडी , एडवाइजर के साथ साथ दिल्ली व चंडीगढ़ सहित अनेक स्थानों पर मीडिया कोऑर्डिनेटर रखकर दोनों हाथों से प्रदेश का खजाना लूटाने में कोई कसर नहीं रखी है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनता से किए वायदे पूरे करने की बजाय जनता से सुविधायें छीनने में महारथी साबित हुए हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश में मित्रों और परिवार का शासन ही चल रहा है। कांग्रेस के कई मंत्रियों और विधायकों को भी इस सरकार में हाशिए पर धकेल दिया गया है।
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