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हमीरपुर , 17 फरवरी [ बिंदिया ठाकुर ] ! सुजानपुर नगर परिषद उपाध्यक्ष मुनीष गुप्ता ने कहा कि आज बहुत दुर्भाग्य की बात है कि इतिहास में पहली बार सुजानपुर शहर मैं ऐसा हुआ है कि जिस व्यक्ति ने 2024 में सुजानपुर होली मेला की पार्किंग ली हुई थी| उसे व्यक्ति की सुजानपुर प्रशासन ने 15 लाख में बोली दाता की पार्किंग दी प्रशासन की सिर्फ मात्र 7 लाख रुपए जमा करवाए और 11 महीने बीत जाने के बावजूद भी ₹800000 की बकाया राशि जमा नहीं करवाई| उसे व्यक्ति के ऊपर सुजानपुर प्रशासन इतना मेहरबान क्यों है? अब तो दूसरा होली मेला भी आ गया है जो बोली दाता ने लाखों रुपए कमाकर इकट्ठे किए और उस व्यक्ति ने सुजानपुर प्रशासन और सरकार को ही चूना लगाने की कोशिश कर रहा है आखिर प्रशासन की ऐसी क्या मजबूरी है और प्रशासन पर किसका दबाव है जोकि उस फर्जी लोगो को बक्क्षा जा रहा है दाता के ऊपर 11 महीने बीत जाने के बावजूद भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया| अगर प्रशासन कहता तो जिस व्यक्ति ने प्रशासन और सरकार को बेवकूफ बना रहा है उस व्यक्ति के ऊपर प्रशासन ने कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की| इसके पीछे का मुख्य क्या कारण है सुजानपुर की जनता प्रशासन से यह पूछना चाहती है लाखों पे के घोटाले को छुपाने की कोशिश क्यों की जा रही है दोषियों के ऊपर कार्यवाही करने की बजाए नरम दिल से प्रशासन क्यों मेहरबान है | अगर प्रशासन चाहे तो जी होली मेला बोली दाता ने लाखों रुपए सुजानपुर की जनता का और प्रशासन का दबाया है उस बोली दाता की जमीन को प्रशासन अपने कब्जे में लेकर प्रशासन अपने पैसे वसूल सकता है लेकिन प्रशासन ने नहीं किया। आखिरकार प्रशासन की क्या ऐसी मजबूरी है| मैं प्रशासन और सुजानपुर की जनता को यह बताना चाहता हूं कि जब 2020 में प्रदेश और पूरा देश कोरोना की बीमारी में जूझ रहा था और करोड़ों जैसी बीमारी फैली हुई थी तो उसे वक्त भी सुजानपुर होली मेला हुआ था लेकिन उस वक्त की प्रशासन अधिकारी शिल्पी वेक्ता ने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है और सब व्यापारियों से कैसे प्रशासन ने उस वक्त सबसे पैसे लिए थे| मैं सुजानपुर की जनता को सुजानपुर प्रशासन की प्रदेश सरकार की यह जो होली मेले का बोली दाता है उसे व्यक्ति का यही काम है चूना लगाना | चाहे फिर प्रशासन हो, चाहे की नगर परिषद हो, जो होली मेले का बोली दाता है उसे व्यक्ति को नगर परिषद के द्वारा दुकान मिली है जिस दुकान का नंबर 91 नंबर दुकान है अगर प्रशासन उसे दुकान में जाकर देखें तो जो होली मेले का बोली दाता है वही व्यक्ति इस दुकान का भी मालिक है| लेकिन प्रशासन और जिला प्रशासन मौके पर जाकर दिखे तो उसे व्यक्ति ने यह दुकान भी आगे किसी और व्यक्ति को किराए पर दी है और खुद मजे लूट रहा है, जिस व्यक्ति का काम ही प्रशासन और सरकार के साथ खिलवाड़ करना है और प्रशासन उसके ऊपर इतना मेहरबान क्यों है अगर पैसे ही माफ करने हैं तो प्रशासन सभी 2024 में आए हुए सभी व्यापारियों का पैसा वापस करें क्योंकि सुजानपुर एक महाराजा संसार चंद की ऐतिहासिक नगरी है यहां पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए !
हमीरपुर , 17 फरवरी [ बिंदिया ठाकुर ] ! सुजानपुर नगर परिषद उपाध्यक्ष मुनीष गुप्ता ने कहा कि आज बहुत दुर्भाग्य की बात है कि इतिहास में पहली बार सुजानपुर शहर मैं ऐसा हुआ है कि जिस व्यक्ति ने 2024 में सुजानपुर होली मेला की पार्किंग ली हुई थी| उसे व्यक्ति की सुजानपुर प्रशासन ने 15 लाख में बोली दाता की पार्किंग दी प्रशासन की सिर्फ मात्र 7 लाख रुपए जमा करवाए और 11 महीने बीत जाने के बावजूद भी ₹800000 की बकाया राशि जमा नहीं करवाई| उसे व्यक्ति के ऊपर सुजानपुर प्रशासन इतना मेहरबान क्यों है? अब तो दूसरा होली मेला भी आ गया है जो बोली दाता ने लाखों रुपए कमाकर इकट्ठे किए और उस व्यक्ति ने सुजानपुर प्रशासन और सरकार को ही चूना लगाने की कोशिश कर रहा है
आखिर प्रशासन की ऐसी क्या मजबूरी है और प्रशासन पर किसका दबाव है जोकि उस फर्जी लोगो को बक्क्षा जा रहा है दाता के ऊपर 11 महीने बीत जाने के बावजूद भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया| अगर प्रशासन कहता तो जिस व्यक्ति ने प्रशासन और सरकार को बेवकूफ बना रहा है उस व्यक्ति के ऊपर प्रशासन ने कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की| इसके पीछे का मुख्य क्या कारण है सुजानपुर की जनता प्रशासन से यह पूछना चाहती है लाखों पे के घोटाले को छुपाने की कोशिश क्यों की जा रही है दोषियों के ऊपर कार्यवाही करने की बजाए नरम दिल से प्रशासन क्यों मेहरबान है | अगर प्रशासन चाहे तो जी होली मेला बोली दाता ने लाखों रुपए सुजानपुर की जनता का और प्रशासन का दबाया है उस बोली दाता की जमीन को प्रशासन अपने कब्जे में लेकर प्रशासन अपने पैसे वसूल सकता है लेकिन प्रशासन ने नहीं किया।
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आखिरकार प्रशासन की क्या ऐसी मजबूरी है| मैं प्रशासन और सुजानपुर की जनता को यह बताना चाहता हूं कि जब 2020 में प्रदेश और पूरा देश कोरोना की बीमारी में जूझ रहा था और करोड़ों जैसी बीमारी फैली हुई थी तो उसे वक्त भी सुजानपुर होली मेला हुआ था लेकिन उस वक्त की प्रशासन अधिकारी शिल्पी वेक्ता ने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है और सब व्यापारियों से कैसे प्रशासन ने उस वक्त सबसे पैसे लिए थे| मैं सुजानपुर की जनता को सुजानपुर प्रशासन की प्रदेश सरकार की यह जो होली मेले का बोली दाता है उसे व्यक्ति का यही काम है चूना लगाना | चाहे फिर प्रशासन हो, चाहे की नगर परिषद हो, जो होली मेले का बोली दाता है उसे व्यक्ति को नगर परिषद के द्वारा दुकान मिली है जिस दुकान का नंबर 91 नंबर दुकान है अगर प्रशासन उसे दुकान में जाकर देखें तो जो होली मेले का बोली दाता है वही व्यक्ति इस दुकान का भी मालिक है| लेकिन प्रशासन और जिला प्रशासन मौके पर जाकर दिखे तो उसे व्यक्ति ने यह दुकान भी आगे किसी और व्यक्ति को किराए पर दी है और खुद मजे लूट रहा है, जिस व्यक्ति का काम ही प्रशासन और सरकार के साथ खिलवाड़ करना है और प्रशासन उसके ऊपर इतना मेहरबान क्यों है अगर पैसे ही माफ करने हैं तो प्रशासन सभी 2024 में आए हुए सभी व्यापारियों का पैसा वापस करें क्योंकि सुजानपुर एक महाराजा संसार चंद की ऐतिहासिक नगरी है यहां पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए !
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