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चम्बा ! जेबीटी 2006-08 बैच के अध्यापकों की राज्य स्तरीय बैठक आज गूगल मीट के माध्यम से संपन्न हुई l इस बैठक की अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश सेवारत जेबीटी बैच 2006-08 सुनील जरियाल द्वारा की गई। इस बैठक में सभी 12 जिलाध्यक्षों राज्य कार्यकारिणी सदस्यों और उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया । बैठक के बारे में जानकारी देते हुए राज्य अध्यक्ष सुनील जरियाल ने बताया कि पिछले एक वर्ष से वो nsdl से अपने पैसे की वापसी के लिए सरकार के समक्ष जा रहे हैं 7 से 8 बार वे माननीय मुख्यमंत्री महोदय से इस बारे में मिले हैं और हर बार मुख्यमंत्री महोदय सकारात्मक उत्तर देते हुए अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि जल्द इस पैसे को वापिस लाने का प्रयास करें , लेकिन उसके बाद फाइल सचिवालय के गलियारों में ही घूमती रहती है l वित्त विभाग भी 3 बार सूचना माँग चुका है लेकिन विभागों की लापरवाही पर वो भी कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं l मुख्यमंत्री महोदय और विभागीय मंत्रियों , दोनों निदेशालय के निदेशकों से बार बार मिलने के बाद भी उनके बैच जोकि 14.05.2003 से पहले विज्ञापन के आधार पर सेवा में आया है उनके लिए राहत की कोई खबर नहीं है l जबकि हिमाचल प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को जुलाई 2024 में उक्त प्रक्रिया के अंतर्गत ऑप्शन दी थी और 7 माह में 45000 कर्मचारियों को उक्त लाभ प्रदान कर दिए।जरियाल ने बताया कि इस गूगल मीट में सभी जिलाध्यक्षों और राज्य कार्यकारिणी सदस्यों ने निर्णय लिया है कि मार्च माह में अंतिम प्रयास सरकार के समक्ष मामला प्राथमिकता पर हल करने हेतु उठाया जाएगा अगर कोई सकारात्मक हल मार्च माह में ही होता है तो ठीक अन्यथा वो लोग न्यायालय की शरण में जाएँगे । जरियाल ने बताया कि बड़े दुख की बात है कि एक तरह सरकार केन्द्र से nsdl के अंतर्गत कर्मचारियों के 12000 करोड़ को वापस लाने के लिए केन्द्र से माँग रही है वहीँ दूसरी तरफ जो पैसा बिना किसी अड़चन वापिस आ सकता है उसे लाने में कोई प्रयास करती नहीं दिखती जबकि महासंघ बहुत बार इस मामले को मुख्यमंत्री महोदय के समक्ष उठा चुका है l उन्होंने मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह किया है कि एक सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री महोदय उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर ऑप्शन उन लाभार्थी कर्मचारियों से मांगे जो 14.05.2003 से पहले विज्ञापन के पदों पर भर्ती हुए हैं ताकि उनका और सरकार का पैसा शीघ्र वापस मिल सके । जरियाल ने बताया कि वो लोग अपना पैसा अपने बैंक अकाउंट की बजाय जीपीएफ अकाउंट में डालने के लिए भी अपना सहमति पत्र देने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए सरकारी स्तर पर कर्मचारियों को विकल्प देना चाहिए l अगर मार्च माह में ये प्रक्रिया नहीं होती है तो निश्चित रूप से वे सभी लोग न्यायालय में केस दायर करने बारे विचार करेंगे l जरियाल ने बताया कि सभी जिलाध्यक्षों को एक सप्ताह के भीतर अपने अपने जिला में गूगल मीट आयोजित करने का फैसला लिया गया है । मार्च माह के चौथे सप्ताह में शिमला में महासंघ की बैठक आयोजित होगी जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी और कोर्ट जाने के विकल्प पर भी चर्चा होगी l
चम्बा ! जेबीटी 2006-08 बैच के अध्यापकों की राज्य स्तरीय बैठक आज गूगल मीट के माध्यम से संपन्न हुई l इस बैठक की अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश सेवारत जेबीटी बैच 2006-08 सुनील जरियाल द्वारा की गई। इस बैठक में सभी 12 जिलाध्यक्षों राज्य कार्यकारिणी सदस्यों और उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया । बैठक के बारे में जानकारी देते हुए राज्य अध्यक्ष सुनील जरियाल ने बताया कि पिछले एक वर्ष से वो nsdl से अपने पैसे की वापसी के लिए सरकार के समक्ष जा रहे हैं 7 से 8 बार वे माननीय मुख्यमंत्री महोदय से इस बारे में मिले हैं और हर बार मुख्यमंत्री महोदय सकारात्मक उत्तर देते हुए अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि जल्द इस पैसे को वापिस लाने का प्रयास करें , लेकिन उसके बाद फाइल सचिवालय के गलियारों में ही घूमती रहती है l वित्त विभाग भी 3 बार सूचना माँग चुका है लेकिन विभागों की लापरवाही पर वो भी कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं l मुख्यमंत्री महोदय और विभागीय मंत्रियों , दोनों निदेशालय के निदेशकों से बार बार मिलने के बाद भी उनके बैच जोकि 14.05.2003 से पहले विज्ञापन के आधार पर सेवा में आया है उनके लिए राहत की कोई खबर नहीं है l
जबकि हिमाचल प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को जुलाई 2024 में उक्त प्रक्रिया के अंतर्गत ऑप्शन दी थी और 7 माह में 45000 कर्मचारियों को उक्त लाभ प्रदान कर दिए।जरियाल ने बताया कि इस गूगल मीट में सभी जिलाध्यक्षों और राज्य कार्यकारिणी सदस्यों ने निर्णय लिया है कि मार्च माह में अंतिम प्रयास सरकार के समक्ष मामला प्राथमिकता पर हल करने हेतु उठाया जाएगा अगर कोई सकारात्मक हल मार्च माह में ही होता है तो ठीक अन्यथा वो लोग न्यायालय की शरण में जाएँगे ।
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जरियाल ने बताया कि बड़े दुख की बात है कि एक तरह सरकार केन्द्र से nsdl के अंतर्गत कर्मचारियों के 12000 करोड़ को वापस लाने के लिए केन्द्र से माँग रही है वहीँ दूसरी तरफ जो पैसा बिना किसी अड़चन वापिस आ सकता है उसे लाने में कोई प्रयास करती नहीं दिखती जबकि महासंघ बहुत बार इस मामले को मुख्यमंत्री महोदय के समक्ष उठा चुका है l उन्होंने मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह किया है कि एक सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री महोदय उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर ऑप्शन उन लाभार्थी कर्मचारियों से मांगे जो 14.05.2003 से पहले विज्ञापन के पदों पर भर्ती हुए हैं ताकि उनका और सरकार का पैसा शीघ्र वापस मिल सके ।
जरियाल ने बताया कि वो लोग अपना पैसा अपने बैंक अकाउंट की बजाय जीपीएफ अकाउंट में डालने के लिए भी अपना सहमति पत्र देने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए सरकारी स्तर पर कर्मचारियों को विकल्प देना चाहिए l अगर मार्च माह में ये प्रक्रिया नहीं होती है तो निश्चित रूप से वे सभी लोग न्यायालय में केस दायर करने बारे विचार करेंगे l
जरियाल ने बताया कि सभी जिलाध्यक्षों को एक सप्ताह के भीतर अपने अपने जिला में गूगल मीट आयोजित करने का फैसला लिया गया है । मार्च माह के चौथे सप्ताह में शिमला में महासंघ की बैठक आयोजित होगी जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी और कोर्ट जाने के विकल्प पर भी चर्चा होगी l
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