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सोलन ,[ बद्दी ] 10 मार्च [ पंकज गोल्डी ] ! बद्दी सुमित शर्मा जो बददी में एक अधिवक्ता है हर साल चार बार रक्तदान करते हैं और अपना समस्त जीवन मानवता को समर्पित करने के लिए सुमित वर्तमान युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होने एक साल में 4 बार रक्तदान करने का लक्ष्य भी प्राप्त किया। इसी प्रण के तहत उन्होंने आज रोटरी ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेंटर सेक्टर 37 चंडीगढ़ में अपने जीवन का 61वाँ रक्तदान किया। उनका कहना है कि रक्तदान करना उनके लिए हमेशा एक सुखद अनुभव देता है, एवं मन व चित्त प्रफुल्लित हो जाता है। रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। आज के इस वैश्विक महामारी में रक्त की जरूरत कही ना कही किसी न किसी को पड़ती ही रह सकती है।। अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें। आज कल आपका दिया एक यूनिट रक्त एक साथ कई लोगों को अलग अलग रूप में दिया जा सकता है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन ,[ बद्दी ] 10 मार्च [ पंकज गोल्डी ] ! बद्दी सुमित शर्मा जो बददी में एक अधिवक्ता है हर साल चार बार रक्तदान करते हैं और अपना समस्त जीवन मानवता को समर्पित करने के लिए सुमित वर्तमान युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होने एक साल में 4 बार रक्तदान करने का लक्ष्य भी प्राप्त किया। इसी प्रण के तहत उन्होंने आज रोटरी ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेंटर सेक्टर 37 चंडीगढ़ में अपने जीवन का 61वाँ रक्तदान किया। उनका कहना है कि रक्तदान करना उनके लिए हमेशा एक सुखद अनुभव देता है, एवं मन व चित्त प्रफुल्लित हो जाता है।
रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। आज के इस वैश्विक महामारी में रक्त की जरूरत कही ना कही किसी न किसी को पड़ती ही रह सकती है।।
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अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें। आज कल आपका दिया एक यूनिट रक्त एक साथ कई लोगों को अलग अलग रूप में दिया जा सकता है।
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