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सोलन , 22 जून, [ पंकज गोल्डी ] ! हिमाचल प्रदेश के उद्योग जगत के विभिन्न मुददों को लेकर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन लघु उद्योग संघ की राज्य कार्यकारिणी प्रांत कार्यालय बददी में हुई। उद्यमियों ने कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन समेत हिमाचल प्रदेश के ईएसआईसी अस्पतालों में श्रमिकों का इलाज नहीं हो रहा है। इलाज के लिए अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को एक से दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। इससे अब उद्यमियों को अपने श्रमिकों का उपचार मजबूरी में निजी अस्पतालों में करवाना पड़ रहा है। लघु उद्योग संघ की मासिक बैठक में उद्यमियों ने इस मामले को लेकर जमकर हंगामा किया और कहा कि जब हर माह श्रमिकों का अंशदान कंपनियों द्वारा ईएसआईसी में जमा करवाया जाता है, तो उसकी एवज में श्रमिकों को उपचार क्यों नहीं दिया जा रहा है। इन अस्पतालों में यदि श्रमिकों को उपचार नहीं होता तो केंद्र सरकार को यह अस्पताल बंद कर देने चाहिए, ताकि लोग गुमराह न हो सकें। लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष अशोक राणा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष तरसेम शर्मा ने कहा कि संघ ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि इस मामले को लेकर जल्द ही केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की जाएगी और सारे मामले की जानकारी उन्हें दी जाएगी। इलाज के लिए मरीज ईएसआईसी अस्पताल पहुंचते हैं तो उन्हें घंटों तक कतार में लगना पड़ता है उद्योगों से श्रमिक जब उपचार के लिए ईएसआईसी जाते हैं तो उनका पूरा दिन वहां लंबी कतारों व उपचार के लिए लग जाता है। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तरसेम शर्मा व सह सचिव सौरभ गुप्ता ने बताया कि ऐसा कई बार हुआ है जब छोटी मोटी चोट के इलाज के लिए मरीज ईएसआईसी अस्पताल पहुंचते हैं तो उन्हें घंटों तक कतार में लगना पड़ता है और उसके बाद छोटे से इलाज के लिए अपनी दिहाड़ी का पूरा दिन व्यर्थ करना पड़ता है। वहीं यदि कोई मरीज किसी हादसे का शिकार हो जाता है तो उसकी गंभीर चोटों को देखते हुए ईएसआईसी प्रबंधन दूसरे अस्पतालों के लिए रेफर कर देता है। इससे मरीजों के इलाज में देरी होती है और आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ता है। ईएसआईसी अस्पताल प्रबंधन को अपनी सुविधाओं में सुधार करना चाहिए, ताकि मरीजों का अस्पताल के उपचार अब एक बार फिर विश्वास बन सके। वहीं संघ के पदाधिकारी हरीश खजूरिया ने कहा कि जब से एनआर एरोमा उद्योग में अग्निकांड हुआ है, उसके बाद फायर विभाग ने एनओसी जारी करना ही बंद कर दिया है। उद्योगों को शत प्रतिशत नियमों को पूरा करने के लिए कहा जा रहा है और नियमों में अत्याधिक सख्ती कर दी गई है, जो किसी भी नए उद्यमी के लिए पूरा करना असंभव जैसा प्रतीत हो रहा है। बीबीएन में आधारभूत ढांचा सुदृढ हो : पटियाल लघु उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने बददी बरोटीवाला नालागढ़ क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के मामलों को लेकर भी सरकार पर जोर डालने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की सडक़ें, पुल, गंदगी, स्ट्रीट लाइटें, ट्रैफिक व्यवस्था की बिगड़ती दशा को जल्द ठीक नहीं किया तो उद्योगों का पलायन बरकरार रहेगा। लघु उद्योग संघ के चेयरमैन विचित्र सिंह पटियाल व महामंत्री अनिल मलिक ने कहा कि पंजाब व हरियाणा राज्य की सीमाओं से जैसे ही हिमाचल में नालागढ़ व बददी की तरफ से प्रवेश करते हैं तो टूटे हुए पुल और गड्ढों से औद्योगिक क्षेत्र के पहचान होती है। इससे बाहर से निवेश को आने वाले उद्यमियों का उत्साह टूट रहा है और नियमित रूप से इन रास्तों पर सफर करने वाले उद्यमी भी अब इस व्यवस्था से त्रस्त महसूस कर रहे हैं। बैठक में बरसातों के मौसम में 1100 पौधों का रोपण करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही पंजाब सरकार व हिमाचल सरकार से दभोटा पुल निर्माण को लेकर चर्चा करने को लेकर भी प्रतिनिधिमंडल जल्द ही जाएगा। इस अवसर पर लघु उद्योग संघ हिमाचल इकाई के चेयरमैन विचित्र सिंह पटियाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष तरसेम शर्मा, महासचिव अनिल मलिक, राज्य कोषाध्यक्ष सत्तपाल जस्सल, सह-कोषाध्यक्ष वसुंधरा अग्रवाल, कुलवीर सिंह जमवाल, एच.के खजूरिया, कालिदास शर्मा, चीफ एडवाईजर चिरंजीव सिंह ठाकुर, सौरभ गुप्ता, टैक्स कमेटी के संयोजक एडवोकेट दिनेश चंदेल, डा. रुप किशोर ठाकुर, सुरेंद्र अत्री सहित कई सदस्य सम्मिलित रहे।
सोलन , 22 जून, [ पंकज गोल्डी ] ! हिमाचल प्रदेश के उद्योग जगत के विभिन्न मुददों को लेकर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन लघु उद्योग संघ की राज्य कार्यकारिणी प्रांत कार्यालय बददी में हुई। उद्यमियों ने कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन समेत हिमाचल प्रदेश के ईएसआईसी अस्पतालों में श्रमिकों का इलाज नहीं हो रहा है। इलाज के लिए अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को एक से दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। इससे अब उद्यमियों को अपने श्रमिकों का उपचार मजबूरी में निजी अस्पतालों में करवाना पड़ रहा है। लघु उद्योग संघ की मासिक बैठक में उद्यमियों ने इस मामले को लेकर जमकर हंगामा किया और कहा कि जब हर माह श्रमिकों का अंशदान कंपनियों द्वारा ईएसआईसी में जमा करवाया जाता है, तो उसकी एवज में श्रमिकों को उपचार क्यों नहीं दिया जा रहा है।
इन अस्पतालों में यदि श्रमिकों को उपचार नहीं होता तो केंद्र सरकार को यह अस्पताल बंद कर देने चाहिए, ताकि लोग गुमराह न हो सकें। लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष अशोक राणा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष तरसेम शर्मा ने कहा कि संघ ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि इस मामले को लेकर जल्द ही केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की जाएगी और सारे मामले की जानकारी उन्हें दी जाएगी।
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इलाज के लिए मरीज ईएसआईसी अस्पताल पहुंचते हैं तो उन्हें घंटों तक कतार में लगना पड़ता है
उद्योगों से श्रमिक जब उपचार के लिए ईएसआईसी जाते हैं तो उनका पूरा दिन वहां लंबी कतारों व उपचार के लिए लग जाता है। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तरसेम शर्मा व सह सचिव सौरभ गुप्ता ने बताया कि ऐसा कई बार हुआ है जब छोटी मोटी चोट के इलाज के लिए मरीज ईएसआईसी अस्पताल पहुंचते हैं तो उन्हें घंटों तक कतार में लगना पड़ता है और उसके बाद छोटे से इलाज के लिए अपनी दिहाड़ी का पूरा दिन व्यर्थ करना पड़ता है। वहीं यदि कोई मरीज किसी हादसे का शिकार हो जाता है तो उसकी गंभीर चोटों को देखते हुए ईएसआईसी प्रबंधन दूसरे अस्पतालों के लिए रेफर कर देता है। इससे मरीजों के इलाज में देरी होती है और आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ता है।
ईएसआईसी अस्पताल प्रबंधन को अपनी सुविधाओं में सुधार करना चाहिए, ताकि मरीजों का अस्पताल के उपचार अब एक बार फिर विश्वास बन सके। वहीं संघ के पदाधिकारी हरीश खजूरिया ने कहा कि जब से एनआर एरोमा उद्योग में अग्निकांड हुआ है, उसके बाद फायर विभाग ने एनओसी जारी करना ही बंद कर दिया है। उद्योगों को शत प्रतिशत नियमों को पूरा करने के लिए कहा जा रहा है और नियमों में अत्याधिक सख्ती कर दी गई है, जो किसी भी नए उद्यमी के लिए पूरा करना असंभव जैसा प्रतीत हो रहा है।
बीबीएन में आधारभूत ढांचा सुदृढ हो : पटियाल
लघु उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने बददी बरोटीवाला नालागढ़ क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के मामलों को लेकर भी सरकार पर जोर डालने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की सडक़ें, पुल, गंदगी, स्ट्रीट लाइटें, ट्रैफिक व्यवस्था की बिगड़ती दशा को जल्द ठीक नहीं किया तो उद्योगों का पलायन बरकरार रहेगा। लघु उद्योग संघ के चेयरमैन विचित्र सिंह पटियाल व महामंत्री अनिल मलिक ने कहा कि पंजाब व हरियाणा राज्य की सीमाओं से जैसे ही हिमाचल में नालागढ़ व बददी की तरफ से प्रवेश करते हैं तो टूटे हुए पुल और गड्ढों से औद्योगिक क्षेत्र के पहचान होती है।
इससे बाहर से निवेश को आने वाले उद्यमियों का उत्साह टूट रहा है और नियमित रूप से इन रास्तों पर सफर करने वाले उद्यमी भी अब इस व्यवस्था से त्रस्त महसूस कर रहे हैं। बैठक में बरसातों के मौसम में 1100 पौधों का रोपण करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही पंजाब सरकार व हिमाचल सरकार से दभोटा पुल निर्माण को लेकर चर्चा करने को लेकर भी प्रतिनिधिमंडल जल्द ही जाएगा। इस अवसर पर लघु उद्योग संघ हिमाचल इकाई के चेयरमैन विचित्र सिंह पटियाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष तरसेम शर्मा, महासचिव अनिल मलिक, राज्य कोषाध्यक्ष सत्तपाल जस्सल, सह-कोषाध्यक्ष वसुंधरा अग्रवाल, कुलवीर सिंह जमवाल, एच.के खजूरिया, कालिदास शर्मा, चीफ एडवाईजर चिरंजीव सिंह ठाकुर, सौरभ गुप्ता, टैक्स कमेटी के संयोजक एडवोकेट दिनेश चंदेल, डा. रुप किशोर ठाकुर, सुरेंद्र अत्री सहित कई सदस्य सम्मिलित रहे।
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