
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
सोलन ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन जिला में शूलिनी विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की।राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए आज खुशी और ज्ञान की इस यात्रा में परिजनों, मित्रों और शिक्षकों के योगदान को स्वीकार करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि आज से इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की सांस्कृतिक, व्यावसायिक और व्यक्तिगत रूप से जीवन यात्रा शुरू हो रही है। ज्ञान और क्षमता की धरोहर का उपयोग आप समाज और राष्ट्र के विकास में करें। जीवन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संस्कृति और परम्पराओं से जुड़कर मेहनत करते हुए युवा यह तय करें कि समाज के उत्थान और राष्ट्र के निर्माण में वे किस प्रकार का बदलाव लाना चाहते हैं। राज्यपाल ने कहा कि शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. पी.के. खोसला, प्रो.-चांसलर प्रो. विशाल आनंद और वाइस चांसलर प्रो. अतुल खोसला ने इस संस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।उन्होंने विश्वविद्यालय के उत्कृष्ठ 34 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह में 1,254 स्नातक और स्नातकोत्तर, 105 डॉक्ट्रेट तथा असाधारण प्रदर्शन के लिए 20 मेरिट प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। भारत में शिक्षा प्रणाली के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति के शुरूआत के साथ आरम्भ हुए परिवर्तनकारी कदमों पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने कहा कि सदियों पहले तक्षशिला और नालंदा में बहुविषयक और समग्र शिक्षा पद्धतियों को पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त थी। उन्होंने कहा कि भारतीय गणितज्ञों को गणित के शून्य की अवधारणा का श्रेय जाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में समाज में नशे की बुराई एक गम्भीर समस्या बन गई है। उन्होंने विद्यार्थियों से नशे की बुराई से दूर रहने का आह्वान किया क्योंकि इससे व्यक्ति की क्षमता, परिवार और देश की अखंडता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि शिक्षित लोगों को इस बुराई के बारे में लोगों को जगरूक करना चाहिए। उन्होंने नशे की बुराई के खिलाफ जागरूकता और प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने की शपथ दिलाई। उन्होंने विश्वविद्यालय के चांसलर को प्रवेश फोर्म में एक कॉलम शामिल करने के लिए कहा जिसमें विद्यार्थी नशीली दवाओं का उपयोग न करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेंगे।इससे पहले राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में एवोकाडो का पौधा रोपित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय में नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन के तहत अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र का उद्घाटन किया। प्रो. पी.के. खोसला ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया और कहा कि आज यह विश्वविद्यालय विश्व स्तर पर शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में शामिल हो गया है। आस्ट्रेलियाई व्यापार एवं निवेश आयोग, नई दिल्ली की प्रमुख डॉ. मोनिका कैनेडी, राज्यपाल के सचिव चंद्र प्रकाश वर्मा, प्रो चांसलर प्रो. विशाल आनंद, फाउंडेशन फॉर लाइफ साइंसेज एंड बिजनेस मैनेजमेंट की अध्यक्ष सरोज खोसला और उपाध्यक्ष अशोक आनंद, पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पद्मश्री डॉ. सोबती, गवर्निंग बॉडी और ट्रस्ट के सदस्य भी उपस्थित थे।
सोलन ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन जिला में शूलिनी विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की।राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए आज खुशी और ज्ञान की इस यात्रा में परिजनों, मित्रों और शिक्षकों के योगदान को स्वीकार करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि आज से इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की सांस्कृतिक, व्यावसायिक और व्यक्तिगत रूप से जीवन यात्रा शुरू हो रही है। ज्ञान और क्षमता की धरोहर का उपयोग आप समाज और राष्ट्र के विकास में करें। जीवन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संस्कृति और परम्पराओं से जुड़कर मेहनत करते हुए युवा यह तय करें कि समाज के उत्थान और राष्ट्र के निर्माण में वे किस प्रकार का बदलाव लाना चाहते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. पी.के. खोसला, प्रो.-चांसलर प्रो. विशाल आनंद और वाइस चांसलर प्रो. अतुल खोसला ने इस संस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने विश्वविद्यालय के उत्कृष्ठ 34 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह में 1,254 स्नातक और स्नातकोत्तर, 105 डॉक्ट्रेट तथा असाधारण प्रदर्शन के लिए 20 मेरिट प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
भारत में शिक्षा प्रणाली के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति के शुरूआत के साथ आरम्भ हुए परिवर्तनकारी कदमों पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने कहा कि सदियों पहले तक्षशिला और नालंदा में बहुविषयक और समग्र शिक्षा पद्धतियों को पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त थी। उन्होंने कहा कि भारतीय गणितज्ञों को गणित के शून्य की अवधारणा का श्रेय जाता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में समाज में नशे की बुराई एक गम्भीर समस्या बन गई है। उन्होंने विद्यार्थियों से नशे की बुराई से दूर रहने का आह्वान किया क्योंकि इससे व्यक्ति की क्षमता, परिवार और देश की अखंडता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि शिक्षित लोगों को इस बुराई के बारे में लोगों को जगरूक करना चाहिए। उन्होंने नशे की बुराई के खिलाफ जागरूकता और प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने की शपथ दिलाई।
उन्होंने विश्वविद्यालय के चांसलर को प्रवेश फोर्म में एक कॉलम शामिल करने के लिए कहा जिसमें विद्यार्थी नशीली दवाओं का उपयोग न करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेंगे।इससे पहले राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में एवोकाडो का पौधा रोपित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय में नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन के तहत अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र का उद्घाटन किया।
प्रो. पी.के. खोसला ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया और कहा कि आज यह विश्वविद्यालय विश्व स्तर पर शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में शामिल हो गया है।
आस्ट्रेलियाई व्यापार एवं निवेश आयोग, नई दिल्ली की प्रमुख डॉ. मोनिका कैनेडी, राज्यपाल के सचिव चंद्र प्रकाश वर्मा, प्रो चांसलर प्रो. विशाल आनंद, फाउंडेशन फॉर लाइफ साइंसेज एंड बिजनेस मैनेजमेंट की अध्यक्ष सरोज खोसला और उपाध्यक्ष अशोक आनंद, पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पद्मश्री डॉ. सोबती, गवर्निंग बॉडी और ट्रस्ट के सदस्य भी उपस्थित थे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -