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सोलन , [ बद्दी ] 27 मार्च । औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण की गई भूमि का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके चलते सोमवार को संडोली में चल रहे रेलवे के कार्य को ग्रामीणों ने रुकवा दिया है और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें पूरा मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह रेलवे के काम को आगे बढ़ने नहीं देंगे। चरणदास लंबरदार, रामेश्वर दास पूर्व प्रधान, लाभ सिंह, गुरचंद, कालू राम, गुरदयाल, जसवंत सिंह, गुरदेव सिंह, अजमेर सिंह, सुरेंद्र सिंह पंच, कुलवंत सिंह, सुरिंदर, राज कुमार, मंजीत सिंह,मनीष, सतनाम, कर्मवीर,व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे विभाग द्वारा हरिपुर संडोली, खंडोली, बिलांवाली गुज्जरा, बद्दी, केन्दूवाला, कल्याणपुर चक्क जंगी, शीतलपुर व लण्डेवाल गांव की 360 बीघा भूमि का रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण किया गया था। लेकिन हरीपुर सैंडोली, तालाब वाली सैंडोली, निचली सैंडोली, केन्दूवाला व कल्याणपुर गांव के ग्रामीणों के साथ पूर्व की भाजपा सरकार में सौतेला व्यवहार किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछली सरकार ने अधिग्रहण करने से पहले यह वादा किया था कि सभी को एक जैसा मुआवजा दिया जाएगा पर जो मुआवजा देने की बात आई तो उनकी जमीनों के साथ लगती जमीनों के रेट लगभग 90 लाख रुपए बीघा के आसपास दिए गए। जबकि उनके 5 गांव को 7 लाख के हिसाब से मुआवजा दिया गया है जोकि पिछली सरकार और सरकार में रहे अधिकारियों की मिलीभगत के चलते हुआ है। सभी ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी जमीनों का उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह रेलवे लाइन का काम चलने नहीं देंगे और सभी ग्रामीणों ने यह फैसला किया है कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलता तब तक व शांतिपूर्वक धरना देंगे साथ में कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। ग्रामीणों ने कहा की अगर फिर भी उनके साथ इंसाफ नहीं होता है तो वह भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे से भी पीछे नहीं हटेंगे ग्रामीणों का कहना है कि वह सभी किसान है और जो भूमि सरकार द्वारा रेलवे के लिए उनसे ली गई है व सारी भूमि उपजाऊ भूमि है जिसका ना तो अभी तक उन्हें मुआवजा दिया गया है और लगातार हो रहे निर्माण के चलते उसके साथ लगती उनकी उपजाऊ जमीनों की इस बार की गेहूं की फसल धूल-मिट्टी के कारण लगभग 100 मीटर के दायरे में बुरी तरह से प्रभावित भी हो रही है। सभी ग्रामीणों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से निवेदन किया है कि उनकी जमीनों का पूरा मुआवजा मिलने तक रेलवे के निर्माण कार्य को रुकवाया जाए और धूल-मिट्टी के कारण खराब हुई फसलों का मुआवजा भी ग्रामीणों को दिलवाया जाए। नहीं तो मजबूरन ग्रामीणों को जन आन्दोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी मौजूदा सरकार की होगी। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन , [ बद्दी ] 27 मार्च । औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण की गई भूमि का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके चलते सोमवार को संडोली में चल रहे रेलवे के कार्य को ग्रामीणों ने रुकवा दिया है और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें पूरा मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह रेलवे के काम को आगे बढ़ने नहीं देंगे।
चरणदास लंबरदार, रामेश्वर दास पूर्व प्रधान, लाभ सिंह, गुरचंद, कालू राम, गुरदयाल, जसवंत सिंह, गुरदेव सिंह, अजमेर सिंह, सुरेंद्र सिंह पंच, कुलवंत सिंह, सुरिंदर, राज कुमार, मंजीत सिंह,मनीष, सतनाम, कर्मवीर,व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे विभाग द्वारा हरिपुर संडोली, खंडोली, बिलांवाली गुज्जरा, बद्दी, केन्दूवाला, कल्याणपुर चक्क जंगी, शीतलपुर व लण्डेवाल गांव की 360 बीघा भूमि का रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण किया गया था। लेकिन हरीपुर सैंडोली, तालाब वाली सैंडोली, निचली सैंडोली, केन्दूवाला व कल्याणपुर गांव के ग्रामीणों के साथ पूर्व की भाजपा सरकार में सौतेला व्यवहार किया गया है।
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ग्रामीणों का कहना है कि पिछली सरकार ने अधिग्रहण करने से पहले यह वादा किया था कि सभी को एक जैसा मुआवजा दिया जाएगा पर जो मुआवजा देने की बात आई तो उनकी जमीनों के साथ लगती जमीनों के रेट लगभग 90 लाख रुपए बीघा के आसपास दिए गए। जबकि उनके 5 गांव को 7 लाख के हिसाब से मुआवजा दिया गया है जोकि पिछली सरकार और सरकार में रहे अधिकारियों की मिलीभगत के चलते हुआ है। सभी ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी जमीनों का उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह रेलवे लाइन का काम चलने नहीं देंगे और सभी ग्रामीणों ने यह फैसला किया है कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलता तब तक व शांतिपूर्वक धरना देंगे साथ में कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
ग्रामीणों ने कहा की अगर फिर भी उनके साथ इंसाफ नहीं होता है तो वह भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे से भी पीछे नहीं हटेंगे ग्रामीणों का कहना है कि वह सभी किसान है और जो भूमि सरकार द्वारा रेलवे के लिए उनसे ली गई है व सारी भूमि उपजाऊ भूमि है जिसका ना तो अभी तक उन्हें मुआवजा दिया गया है और लगातार हो रहे निर्माण के चलते उसके साथ लगती उनकी उपजाऊ जमीनों की इस बार की गेहूं की फसल धूल-मिट्टी के कारण लगभग 100 मीटर के दायरे में बुरी तरह से प्रभावित भी हो रही है।
सभी ग्रामीणों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से निवेदन किया है कि उनकी जमीनों का पूरा मुआवजा मिलने तक रेलवे के निर्माण कार्य को रुकवाया जाए और धूल-मिट्टी के कारण खराब हुई फसलों का मुआवजा भी ग्रामीणों को दिलवाया जाए। नहीं तो मजबूरन ग्रामीणों को जन आन्दोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी मौजूदा सरकार की होगी।
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