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सोलन , 3 जुलाई, [ पंकज गोल्डी ] ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के कृषि विभाग को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 के दौरान मिलेट्स के प्रचार-प्रसार में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशंसापत्र से सम्मानित होने के लिए बधाई दी। प्रदेश के कृषि विभाग को भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशंसापत्र से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और कृषि विभाग ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए अनेक नवोन्मेषी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मिलेट्स के पोषक तत्वों और स्वास्थ्य को होने वाले लाभोें के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ राज्य में बड़े स्तर पर मिलेट्स की पैदावार करने को प्रोत्साहन प्रदान किया। कृषि विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि वर्ष-2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में नामित किया गया था ताकि मिलेट्स से मिलने वाले पोषण, स्वास्थ्य, पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक विकास इत्यादि लाभों से लोगों को अवगत करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि वैश्विक खाद्य प्रणाली भूख, कुपोषण, बढ़ती जनसंख्या, सीमित प्राकृतिक संसाधन और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। इन चुनौतियों का समाधान मिलेट्स के रूप में हो सकता है जो विविध पोषक तत्वों से भरपूर है और न्यूनतम संसाधनों के साथ विभिन्न प्रतिकूल जलवायु में उगाई जा सकती है।उन्होंने कहा कि इस पहल के महत्व को समझते हुए, हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग ने राज्य भर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया ताकि किसानों में मिलेट्स की खेती के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके। इन गतिविधियों में मिलेट्स आधारित शिविर, मेले, त्योहार और प्रदर्शनियां शामिल थीं, जिनका उद्देश्य किसानों को जागरूक और प्रोत्साहित करना था। उन्होंने कहा कि विभाग ने आवश्यक तकनीकी इनपुट और बाजार से जोड़कर किसानों को बाजार अधिशेष उत्पादन के लिए प्रेरित किया ताकि वे मिलेट्स की खेती को अपनाएं रखें। उन्होंने कहा कि नवीन पहल के तहत बीज और मिनी किट वितरण, किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, फार्म गेट पर मिलेट्स की बिक्री, और मिलेट्स खाद्य उत्सव इत्यादि आयोजित किए गए। मिलेट्स की खेती और उनके उत्पादों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जानकारीपूर्ण साहित्य और रेसिपी पुस्तिकाएं भी वितरित की गई। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में 1,526 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 983 मीट्रिक टन मिलेट्स का उत्पादन किया गया। उन्होंने कहा कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के मिलेट्स के प्रचार-प्रसार में सार्थक प्रयासों, पौष्टिक अनाजों के पोषक तत्वों और इनके आर्थिक और पारिस्थितिक लाभों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए गए। कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने मिलेट्स की खेती के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए किसानों के समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी प्रदेश सरकार मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। कृषि सचिव सी. पॉलरासु और कृषि निदेशक कुमद सिंह ने किसानों से इस प्रयास को निरन्तर जारी रखने और बाजरा, रागी, कोदो मिलेट, कंगनी, रागी, मंड़ुआ, सांवां पर विशेष ध्यान देते हुए मिलेट्स उत्पादन को बढ़ाने का आग्रह किया।
सोलन , 3 जुलाई, [ पंकज गोल्डी ] ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के कृषि विभाग को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 के दौरान मिलेट्स के प्रचार-प्रसार में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशंसापत्र से सम्मानित होने के लिए बधाई दी। प्रदेश के कृषि विभाग को भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशंसापत्र से सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और कृषि विभाग ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए अनेक नवोन्मेषी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मिलेट्स के पोषक तत्वों और स्वास्थ्य को होने वाले लाभोें के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ राज्य में बड़े स्तर पर मिलेट्स की पैदावार करने को प्रोत्साहन प्रदान किया।
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कृषि विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि वर्ष-2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में नामित किया गया था ताकि मिलेट्स से मिलने वाले पोषण, स्वास्थ्य, पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक विकास इत्यादि लाभों से लोगों को अवगत करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि वैश्विक खाद्य प्रणाली भूख, कुपोषण, बढ़ती जनसंख्या, सीमित प्राकृतिक संसाधन और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। इन चुनौतियों का समाधान मिलेट्स के रूप में हो सकता है जो विविध पोषक तत्वों से भरपूर है और न्यूनतम संसाधनों के साथ विभिन्न प्रतिकूल जलवायु में उगाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इस पहल के महत्व को समझते हुए, हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग ने राज्य भर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया ताकि किसानों में मिलेट्स की खेती के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके।
इन गतिविधियों में मिलेट्स आधारित शिविर, मेले, त्योहार और प्रदर्शनियां शामिल थीं, जिनका उद्देश्य किसानों को जागरूक और प्रोत्साहित करना था। उन्होंने कहा कि विभाग ने आवश्यक तकनीकी इनपुट और बाजार से जोड़कर किसानों को बाजार अधिशेष उत्पादन के लिए प्रेरित किया ताकि वे मिलेट्स की खेती को अपनाएं रखें।
उन्होंने कहा कि नवीन पहल के तहत बीज और मिनी किट वितरण, किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, फार्म गेट पर मिलेट्स की बिक्री, और मिलेट्स खाद्य उत्सव इत्यादि आयोजित किए गए। मिलेट्स की खेती और उनके उत्पादों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जानकारीपूर्ण साहित्य और रेसिपी पुस्तिकाएं भी वितरित की गई। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में 1,526 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 983 मीट्रिक टन मिलेट्स का उत्पादन किया गया।
उन्होंने कहा कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के मिलेट्स के प्रचार-प्रसार में सार्थक प्रयासों, पौष्टिक अनाजों के पोषक तत्वों और इनके आर्थिक और पारिस्थितिक लाभों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए गए।
कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने मिलेट्स की खेती के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए किसानों के समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी प्रदेश सरकार मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी।
कृषि सचिव सी. पॉलरासु और कृषि निदेशक कुमद सिंह ने किसानों से इस प्रयास को निरन्तर जारी रखने और बाजरा, रागी, कोदो मिलेट, कंगनी, रागी, मंड़ुआ, सांवां पर विशेष ध्यान देते हुए मिलेट्स उत्पादन को बढ़ाने का आग्रह किया।
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