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लाहौल , 07 जून [ रंजीत लाहौली ] ! जनजातीय जिला लाहौल घाटी के अंतर्गत आने वाले ग्रामफु–काजा सड़क मार्ग में बर्फ हटाने का कार्य खत्म हो चुका है। इस बारे में जानकारी देते हुए ऑफिसर इंचार्ज 94 आर सी सी बीडी धीमान ने बताया कि ग्रामफु से लेकर सिगड़ी ग्लेशियर तक 41 किलोमीटर का हिस्सा उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। जिससे बर्फ हटाने का कार्य हर साल किया जाता है। इसमें 21 ग्लेशियर आते है और 47 नाले आते है। उन्होंने बताया कि ये ग्लेशियर बहुत बड़े होते है जितनी लंबाई लगभग 200 से 250 मीटर, चौड़ाई लगभग 5 मीटर और ऊंचाई लगभग 30 से 40 फीट तक होती है। उन्होंने बताया कि जब बर्फ हटाने का कार्य शुरू किया जाता है तो एक ग्लेशियर को हटाने में ही 2 से 3 दिन का समय लगता है। वही उन्होंने बताया कि इस बार मई महीने तक जो है वो बर्फबारी हुई है। जिस वजह से उनकी चुनौतियां भी बढ़ गई थी। उन्होंने बताया कि 16 अप्रैल से उन्होंने मार्ग बहाली का कार्य ग्रामफु से शुरू कर दिया था और 22 मई को इस कार्य को खत्म कर दिया गया।
लाहौल , 07 जून [ रंजीत लाहौली ] ! जनजातीय जिला लाहौल घाटी के अंतर्गत आने वाले ग्रामफु–काजा सड़क मार्ग में बर्फ हटाने का कार्य खत्म हो चुका है। इस बारे में जानकारी देते हुए ऑफिसर इंचार्ज 94 आर सी सी बीडी धीमान ने बताया कि ग्रामफु से लेकर सिगड़ी ग्लेशियर तक 41 किलोमीटर का हिस्सा उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। जिससे बर्फ हटाने का कार्य हर साल किया जाता है। इसमें 21 ग्लेशियर आते है और 47 नाले आते है। उन्होंने बताया कि ये ग्लेशियर बहुत बड़े होते है जितनी लंबाई लगभग 200 से 250 मीटर, चौड़ाई लगभग 5 मीटर और ऊंचाई लगभग 30 से 40 फीट तक होती है। उन्होंने बताया कि जब बर्फ हटाने का कार्य शुरू किया जाता है तो एक ग्लेशियर को हटाने में ही 2 से 3 दिन का समय लगता है।
वही उन्होंने बताया कि इस बार मई महीने तक जो है वो बर्फबारी हुई है। जिस वजह से उनकी चुनौतियां भी बढ़ गई थी। उन्होंने बताया कि 16 अप्रैल से उन्होंने मार्ग बहाली का कार्य ग्रामफु से शुरू कर दिया था और 22 मई को इस कार्य को खत्म कर दिया गया।
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