*सुन्नी की छात्रा ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के पक्ष में दीं जबरदस्त दलीलें
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शिमला, 11 जनवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के पीएम श्री स्कूलों की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' विषय के पक्ष में डिबेट में जबरदस्त दलीलें देकर राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, सुन्नी की 12वीं की छात्रा स्नेहा शर्मा ने पहला स्थान प्राप्त किया। उसे प्रदेश के सभी पीएम श्री विद्यालयों के प्रमुख डॉ. सुरेश ठाकुर और प्रिंसिपल विपिन कुमार रघुवंशी ने सम्मानित किया। राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, सुन्नी में संपन्न हुई प्रतियोगिता में डिबेट में स्नेहा शर्मा का कहना था कि संविधान संशोधन के बाद जब यह विचार हकीकत में बदल जाएगा तो देश में विकास कार्यों में तेजी आएगी। हमारे आर्थिक और मानव-संसाधन बार-बार चुनाव कराने में उपयोग करने की बजाय देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के मिशन में लगाए जा सकेंगे। उसने बताया कि स्वतंत्रता के बाद देश में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते थे। लेकिन कुछ विशेष राजनीतिक परिस्थितियों के कारण यह सिलसिला टूट गया। अब देश में हर महीने कहीं न कहीं कोई न कोई चुनाव होता रहता है और आचार संहिता के कारण लंबे समय तक विकास कार्य ठप पड़े रहते हैं। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने उसके तर्कों की सराहना की।
शिमला, 11 जनवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के पीएम श्री स्कूलों की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' विषय के पक्ष में डिबेट में जबरदस्त दलीलें देकर राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, सुन्नी की 12वीं की छात्रा स्नेहा शर्मा ने पहला स्थान प्राप्त किया। उसे प्रदेश के सभी पीएम श्री विद्यालयों के प्रमुख डॉ. सुरेश ठाकुर और प्रिंसिपल विपिन कुमार रघुवंशी ने सम्मानित किया।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, सुन्नी में संपन्न हुई प्रतियोगिता में डिबेट में स्नेहा शर्मा का कहना था कि संविधान संशोधन के बाद जब यह विचार हकीकत में बदल जाएगा तो देश में विकास कार्यों में तेजी आएगी। हमारे आर्थिक और मानव-संसाधन बार-बार चुनाव कराने में उपयोग करने की बजाय देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के मिशन में लगाए जा सकेंगे।
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उसने बताया कि स्वतंत्रता के बाद देश में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते थे। लेकिन कुछ विशेष राजनीतिक परिस्थितियों के कारण यह सिलसिला टूट गया। अब देश में हर महीने कहीं न कहीं कोई न कोई चुनाव होता रहता है और आचार संहिता के कारण लंबे समय तक विकास कार्य ठप पड़े रहते हैं। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने उसके तर्कों की सराहना की।
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