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सिरमौर , 01 जुलाई ! नैशनल एग्जिट टैस्ट को एम बी बी एस के छात्रों के लिए लागु किया गया है जिसका अर्थ हुआकि मेडिकल लाइसेंस और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए ऍम मेडिकल के छात्रों को यह ऐंट्रन्स परीक्षा देनी पड़ेगी। इसी के विरोध में आज नाहन के डॉ वाई एस परमार मैडिकल कॉलेज के प्रशिक्षुओं ने काले बिल्ले लगाकर आधे घंटे का शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इसमें 2019 बेंच के प्रशिक्षु शामिल हुए। इन प्रशिक्षुओं ने बतायाकि जब उन्होंने 2019 में एम बी बी एस में प्रवेश लिया था तब इस तरह की कोई शर्त नहीं थी लेकिन अब सरकार ने इसे लागु कर दिया है जोकि उनके साथ अन्याय है। इसीलिए सभी 2019 बैच के प्रशिक्षु अपना रोष प्रकट कर रहे हैं। छात्र संचित राणा ने बतायाकि जब उन्होंने २०१९ में एडमिशन लिया था तब ऐसी कोई कंडीशन नहीं थी लेकिन अब इसे लागु करना गलत है क्योंकि उन्हें इसके लिए अलग से पढ़ाई करनी पड़ेगी। इसलिए वो सरकार के समक्ष अपना रोष प्रकट कर रहे हैं। अन्य छात्राओ ने बतायाकि वो 2019 बैच के हैं और तब कोई शर्त नहीं थी। लेकिन अब लगाई जा रही है जोकि गलत है। उन्हें इसके लिए दोबारा से पूरी पढ़ाई करनी पड़ेगी। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सिरमौर , 01 जुलाई ! नैशनल एग्जिट टैस्ट को एम बी बी एस के छात्रों के लिए लागु किया गया है जिसका अर्थ हुआकि मेडिकल लाइसेंस और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए ऍम मेडिकल के छात्रों को यह ऐंट्रन्स परीक्षा देनी पड़ेगी। इसी के विरोध में आज नाहन के डॉ वाई एस परमार मैडिकल कॉलेज के प्रशिक्षुओं ने काले बिल्ले लगाकर आधे घंटे का शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इसमें 2019 बेंच के प्रशिक्षु शामिल हुए। इन प्रशिक्षुओं ने बतायाकि जब उन्होंने 2019 में एम बी बी एस में प्रवेश लिया था तब इस तरह की कोई शर्त नहीं थी लेकिन अब सरकार ने इसे लागु कर दिया है जोकि उनके साथ अन्याय है। इसीलिए सभी 2019 बैच के प्रशिक्षु अपना रोष प्रकट कर रहे हैं।
छात्र संचित राणा ने बतायाकि जब उन्होंने २०१९ में एडमिशन लिया था तब ऐसी कोई कंडीशन नहीं थी लेकिन अब इसे लागु करना गलत है क्योंकि उन्हें इसके लिए अलग से पढ़ाई करनी पड़ेगी। इसलिए वो सरकार के समक्ष अपना रोष प्रकट कर रहे हैं। अन्य छात्राओ ने बतायाकि वो 2019 बैच के हैं और तब कोई शर्त नहीं थी। लेकिन अब लगाई जा रही है जोकि गलत है। उन्हें इसके लिए दोबारा से पूरी पढ़ाई करनी पड़ेगी।
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