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सिरमौर , 27 मार्च ! सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में नगर पालिका मैदान में एक तिब्बती जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। यह आयोजन जिला के चोलसुम तिब्बती सेटलमेन, साक्य तिब्बती सेटलमेन पूरुवाला, खम कथोक तिब्बती सेटलमेन सतौन, गापा तिब्बती सेटलमेन कामरु और भारत तिब्बत मैत्री संघ द्वारा आज किया गया। इस मौके पर पूर्व कशाग के सदस्य कर्म येशी मुख्यातिथि, पूर्व कशाग के सदस्य छोक्योंग वांगचुक विशेष अतिथि व डॉ. मदन लाल खुराना और टाशी देकी सम्माननीय अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। सर्वप्रथम मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का आगाज किया गया वहीं भारतीय और तिब्बती राष्ट्रीय गान भी प्रस्तुत किए गए। तत्पश्चात तिब्बत देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदों के लिए 1 मिनट का मौन रखा कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं आए हुए मुख्यातिथि व विशिष्ठ अतिथियों को समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। जिसमे तिब्बती सांस्कृतिक और स्थानीय नृत्य की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम के अंत में तिब्बत संग्रहालय और तिब्बती हर्बल चिकित्सा की झलक देखने के लिए एक यात्रा का आयोजन भी किया गया। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सिरमौर , 27 मार्च ! सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में नगर पालिका मैदान में एक तिब्बती जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। यह आयोजन जिला के चोलसुम तिब्बती सेटलमेन, साक्य तिब्बती सेटलमेन पूरुवाला, खम कथोक तिब्बती सेटलमेन सतौन, गापा तिब्बती सेटलमेन कामरु और भारत तिब्बत मैत्री संघ द्वारा आज किया गया।
इस मौके पर पूर्व कशाग के सदस्य कर्म येशी मुख्यातिथि, पूर्व कशाग के सदस्य छोक्योंग वांगचुक विशेष अतिथि व डॉ. मदन लाल खुराना और टाशी देकी सम्माननीय अतिथि के रुप में उपस्थित रहे।
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सर्वप्रथम मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का आगाज किया गया वहीं भारतीय और तिब्बती राष्ट्रीय गान भी प्रस्तुत किए गए। तत्पश्चात तिब्बत देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदों के लिए 1 मिनट का मौन रखा कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
वहीं आए हुए मुख्यातिथि व विशिष्ठ अतिथियों को समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। जिसमे तिब्बती सांस्कृतिक और स्थानीय नृत्य की झलक देखने को मिली।
कार्यक्रम के अंत में तिब्बत संग्रहालय और तिब्बती हर्बल चिकित्सा की झलक देखने के लिए एक यात्रा का आयोजन भी किया गया।
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