
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
मंडी , 21 मार्च [ शिवानी ] ! मंडी जिला के मसेरन गांव में आज शुक्रवार को के जी प्रोडक्शन द्वारा सत्य घटना पर आधारित लघु फिल्म की शूटिंग का मुहूर्त शॉर्ट के बाद शुभारंभ हुआ फिल्म के निर्माता निदेशक कुलदीप गुलेरिया ने कहा कि यह फिल्म सैकड़ों वर्ष पहले घटी उस घटना पर आधारित है जिसमें एक गरीब बाप ने अपनी बेटी को बेचकर एक अधेड़ व्यक्ति से विवाह करवाता है। उस समय यह प्रथा प्रचलित थी। इस प्रथा को बरीणा कहा जाता था। कथा अनुसार बेमेल विवाह से लड़की खुश नहीं थी। अत वह व्यथित हो कर शादी के दिन बेटी ने पिंगला खड्ड में अपनी जान दे दी। मंडी जनपद में इस घटना पर आधारित लोकगाथा "बसोये रा ध्याड़ा बापुआ, जुगा जुगा याद रहणा मेरे बापुआ" नाम से आज भी लोक कलाकारों द्वारा गाई जाती है। क्योंकि जिस दिन यह घटना घटित हुई थी वह बसोये का दिन था। लाहौला नाम की उस बेटी का विवाह भले ही बाप ने पैसे लेकर उससे बहुत बड़े बुजुर्ग से करवाया था। लेकिन समाज में बरीणा की इस प्रथा का अंत भी इसी घटना से हुआ था। इस फिल्म मे मंडी जनपद के प्रमुख कलाकार जो मुंबई नगरी में भी दस्तक चुके हैं, भाग ले रहे हैं। इस फिल्म के गीतकार एवं संगीत निदेशक प्रसिद्ध संगीतकार एवं हिमाचल प्रदेश के गौरव पुरस्कार से सम्मानित बालकृष्ण शर्मा हैं। फिल्म के एसोसिएट निदेशक अनिल महंत और पुष्प राज पुष्पी हैं। फिल्म का छायांकन गगनेश कुमार कर रहे हैं।सत्य घटना पर आधारित इस फिल्म की यूनिट के मुहूर्त पर हिमाचल अकादमी से पुरस्कृत लेखक एवं प्रसिद्ध लोक संस्कृति के विद्वान डॉ सूरत ठाकुर, सर्व देवता कमेटी के सलाहकार युद्धवीर शर्मा, मुख्य कलाकार राम पाल मलिक, ललिता ,श्रेया, वनीता, अश्वनी शर्मा, शर्मा, अनिल पठनीया, चांदनी, भारती बहल, मीनू ठाकुर, मोनिका, हरिचरण, पंकज, इशिका, कृतिका, गगनदीप, नर्वदा, वेद कुमार, चिंता देवी, राजेश कुमार आदि उपस्थित रहे।
मंडी , 21 मार्च [ शिवानी ] ! मंडी जिला के मसेरन गांव में आज शुक्रवार को के जी प्रोडक्शन द्वारा सत्य घटना पर आधारित लघु फिल्म की शूटिंग का मुहूर्त शॉर्ट के बाद शुभारंभ हुआ फिल्म के निर्माता निदेशक कुलदीप गुलेरिया ने कहा कि यह फिल्म सैकड़ों वर्ष पहले घटी उस घटना पर आधारित है जिसमें एक गरीब बाप ने अपनी बेटी को बेचकर एक अधेड़ व्यक्ति से विवाह करवाता है। उस समय यह प्रथा प्रचलित थी। इस प्रथा को बरीणा कहा जाता था। कथा अनुसार बेमेल विवाह से लड़की खुश नहीं थी। अत वह व्यथित हो कर शादी के दिन बेटी ने पिंगला खड्ड में अपनी जान दे दी। मंडी जनपद में इस घटना पर आधारित लोकगाथा "बसोये रा ध्याड़ा बापुआ, जुगा जुगा याद रहणा मेरे बापुआ" नाम से आज भी लोक कलाकारों द्वारा गाई जाती है। क्योंकि जिस दिन यह घटना घटित हुई थी वह बसोये का दिन था।
लाहौला नाम की उस बेटी का विवाह भले ही बाप ने पैसे लेकर उससे बहुत बड़े बुजुर्ग से करवाया था। लेकिन समाज में बरीणा की इस प्रथा का अंत भी इसी घटना से हुआ था। इस फिल्म मे मंडी जनपद के प्रमुख कलाकार जो मुंबई नगरी में भी दस्तक चुके हैं, भाग ले रहे हैं।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
इस फिल्म के गीतकार एवं संगीत निदेशक प्रसिद्ध संगीतकार एवं हिमाचल प्रदेश के गौरव पुरस्कार से सम्मानित बालकृष्ण शर्मा हैं। फिल्म के एसोसिएट निदेशक अनिल महंत और पुष्प राज पुष्पी हैं। फिल्म का छायांकन गगनेश कुमार कर रहे हैं।सत्य घटना पर आधारित इस फिल्म की यूनिट के मुहूर्त पर हिमाचल अकादमी से पुरस्कृत लेखक एवं प्रसिद्ध लोक संस्कृति के विद्वान डॉ सूरत ठाकुर, सर्व देवता कमेटी के सलाहकार युद्धवीर शर्मा, मुख्य कलाकार राम पाल मलिक, ललिता ,श्रेया, वनीता, अश्वनी शर्मा, शर्मा, अनिल पठनीया, चांदनी, भारती बहल, मीनू ठाकुर, मोनिका, हरिचरण, पंकज, इशिका, कृतिका, गगनदीप, नर्वदा, वेद कुमार, चिंता देवी, राजेश कुमार आदि उपस्थित रहे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -