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सोलन , 26 सितंबर ! विश्व विख्यात पर्यावरणविद सोनम वांगचुक लगभग अपने 150 साथियों सहित पर्यावरण बचाने के लिए लद्दाख से दिल्ली की पदयात्रा कर रहे हैं ।जहां भी वे जाते उन्हें भारी जन समर्थन मिल रहा है। वे जगह जगह अपना रात्रि पड़ाव डालते है और जहां भी ठहरते है वहां के स्थानीय संगठन व धार्मिक संस्थाएं तथा स्वयंसेवक उनका भव्य स्वागत करते हुए नजर आते है। 24- 25 सितंबर को उनका जत्था नालागढ़/ बद्दी से गुजरते हुए एक गुरूद्वारे में ठहरा। इस दौरान साहित्यकार,समाजसेवी रंजोध सिंह ने सोनम वांगचुक से लंबी चर्चा की । थकावट के बाबजूद सोनम वांगचुक ने अपनी पदयात्रा के उद्देश्य पर विस्तृत बात करी। उन्होंने पहाड़ो के पर्यावरण बचाने ,देश में पर्यावरण संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा कहा। उनकी मांगों में लद्दाख को राज्य बनाने, दो संसदीय निर्वाचन क्षेत्र बनाने, लद्दाख को भारतीय संविधान की छठी सूची में शामिल करने की मांग भी की ताकि अन्य राज्यों की तरह लद्दाख को भी वे सब सुविधा मिल सके जो उस सूची में शामिल है। नालागढ, बद्दी की जनता ने उनका भव्य स्वागत किया।अब यह जत्था सिसंवा से पंजाब में प्रवेश करेगा।चुनाव के कारण हरियाणा से न निकलने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
सोलन , 26 सितंबर ! विश्व विख्यात पर्यावरणविद सोनम वांगचुक लगभग अपने 150 साथियों सहित पर्यावरण बचाने के लिए लद्दाख से दिल्ली की पदयात्रा कर रहे हैं ।जहां भी वे जाते उन्हें भारी जन समर्थन मिल रहा है। वे जगह जगह अपना रात्रि पड़ाव डालते है और जहां भी ठहरते है वहां के स्थानीय संगठन व धार्मिक संस्थाएं तथा स्वयंसेवक उनका भव्य स्वागत करते हुए नजर आते है।
24- 25 सितंबर को उनका जत्था नालागढ़/ बद्दी से गुजरते हुए एक गुरूद्वारे में ठहरा। इस दौरान साहित्यकार,समाजसेवी रंजोध सिंह ने सोनम वांगचुक से लंबी चर्चा की । थकावट के बाबजूद सोनम वांगचुक ने अपनी पदयात्रा के उद्देश्य पर विस्तृत बात करी।
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उन्होंने पहाड़ो के पर्यावरण बचाने ,देश में पर्यावरण संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा कहा। उनकी मांगों में लद्दाख को राज्य बनाने, दो संसदीय निर्वाचन क्षेत्र बनाने, लद्दाख को भारतीय संविधान की छठी सूची में शामिल करने की मांग भी की ताकि अन्य राज्यों की तरह लद्दाख को भी वे सब सुविधा मिल सके जो उस सूची में शामिल है।
नालागढ, बद्दी की जनता ने उनका भव्य स्वागत किया।अब यह जत्था सिसंवा से पंजाब में प्रवेश करेगा।चुनाव के कारण हरियाणा से न निकलने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
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