!!"हिमाचल प्रदेश 0 से 5 वर्ष की आयु वर्ग के आधार नामांकन में देश में पहले स्थान पर"!!
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शिमला , 11 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ द्वारा आज यहां हिमाचल प्रदेश में आधार (एएडीएचएएआर) और इससे जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा के लिए कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का शुभारंभ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ की उप-महानिदेशक भावना गर्ग ने किया। भावना गर्ग ने आधार के उपयोग के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए कहा कि आधार पर क्यूआर कोड का उपयोग इसकी प्रमाणिकता की जांच के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश 0-5 वर्ष आयु वर्ग के आधार नामांकन के लिए देश में पहले स्थान पर है। उन्होंने बच्चों के नामांकन के लिए विभिन्न विभागों के एकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें स्वास्थ्य विभाग को बाल नामांकन टेबलेट प्रदान करना और स्कूलों को नामांकन किट की सुविधा प्रदान करना शामिल है।सचिव प्रियतु मंडल ने कहा कि कानूनी ढांचे को व्यवहारिक कार्यान्वयन रणनीतियों के साथ जोड़कर यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि आधार शासन और जन कल्याण के लिए एक मजबूत उपकरण के रूप में निरंतर अहम भूमिका निभाए। निदेशक डिजिटल तकनीक एवं गवर्नेंस डॉ. निपुण जिंदल ने आधार से संबंधित बहुमूल्य विचार सांझा करने और अन्य पहलुओं की जानकारी के लिए प्रतिभागियों और यूआईडीआईए का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के निदेशक राघव शर्मा, यूआईडीएआई के निदेशक जगदीश कुमार, यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के उप निदेशक राणा प्रीत पाल सिंह, वरिष्ठ अधिकारियों और विभिन्न विभागों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
शिमला , 11 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ द्वारा आज यहां हिमाचल प्रदेश में आधार (एएडीएचएएआर) और इससे जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा के लिए कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का शुभारंभ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ की उप-महानिदेशक भावना गर्ग ने किया।
भावना गर्ग ने आधार के उपयोग के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए कहा कि आधार पर क्यूआर कोड का उपयोग इसकी प्रमाणिकता की जांच के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश 0-5 वर्ष आयु वर्ग के आधार नामांकन के लिए देश में पहले स्थान पर है। उन्होंने बच्चों के नामांकन के लिए विभिन्न विभागों के एकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें स्वास्थ्य विभाग को बाल नामांकन टेबलेट प्रदान करना और स्कूलों को नामांकन किट की सुविधा प्रदान करना शामिल है।
सचिव प्रियतु मंडल ने कहा कि कानूनी ढांचे को व्यवहारिक कार्यान्वयन रणनीतियों के साथ जोड़कर यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि आधार शासन और जन कल्याण के लिए एक मजबूत उपकरण के रूप में निरंतर अहम भूमिका निभाए।
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निदेशक डिजिटल तकनीक एवं गवर्नेंस डॉ. निपुण जिंदल ने आधार से संबंधित बहुमूल्य विचार सांझा करने और अन्य पहलुओं की जानकारी के लिए प्रतिभागियों और यूआईडीआईए का आभार व्यक्त किया।
कार्यशाला में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के निदेशक राघव शर्मा, यूआईडीएआई के निदेशक जगदीश कुमार, यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के उप निदेशक राणा प्रीत पाल सिंह, वरिष्ठ अधिकारियों और विभिन्न विभागों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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