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शिमला ! राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एंव जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां पत्रकार-वार्ता में एफआरए (वन अधिकारअधिनियम-2006) कैलेंडर 2025-26 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र की यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2006 में वन अधिकार अधिनियम को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्रदान की गई थी और 1 जनवरी, 2008 से वन अधिकार नियम लागू किया गया। उन्होंने कहा कि एफआरए 2006 के तहत अनुसूचित जनजाति व अन्य सभी श्रेणी के सदस्य या समुदाय जो 13 दिसंबर, 2005 से पहले कम से कम तीन पीढ़ियों से प्राथमिक रूप से वन भूमि पर निवास करते आ रहे हैं और अपनी आजीविका की वास्तविक जरूरतों के लिए वन या वन भूमि पर निर्भर हैं, को भूमि का अधिकार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एफआरए कैलेंडर 2025-26 में वर्ष भर की गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। अप्रैल और मई माह में उप-मंडल स्तरीय समिति, जिला स्तरीय समिति, ग्रामीण स्तरीय वन अधिकार समिति, वन, राजस्व और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को एफआरए के संबंध में दिशा-निर्देश दिए जाएंगे और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। साथ ही अधिकारियों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जून माह में ग्राम सभा द्वारा दावे आमंत्रित किए जाएंगे और वन अधिकार समितियों को दावे लेने के लिए प्राधिकृत किया जाएगा। वन अधिकार समिति सदस्यों, वन व राजस्व अधिकारियों द्वारा एफआरए दावों का क्षेत्र स्तरीय निरीक्षण किया जाएगा और ग्राम सभा को उचित निर्णय लेने के लिए अनुमोदित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित दावों को उप-मंडल स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।जुलाई माह में उप-मंडल स्तरीय समिति द्वारा ग्राम सभा के दावों, नक्शों की समीक्षा की जाएगी और अपूर्ण दावों को ग्राम सभा को वापस भेजा जाएगा। योग्य व उपयुक्त दावों को जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगस्त माह में राज्य स्तरीय निगरानी समिति से प्राप्त योग्य दावों की जांच-पड़ताल व अंतिम अनुमोदन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जिला स्तरीय समिति द्वारा दस्तावेजों के अभाव केे कारण अपूर्ण दावों को राज्य स्तरीय निगरानी समिति को भेजा जाएगा तथा स्वीकृत दावों को वन अधिकार पट्टे जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही जारी किए गए पट्टों का राजस्व रिकॉर्ड में इंद्राज (एंट्री) किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सितंबर माह में नए या लंबित दावों की पुनः जांच की जाएगी व सत्यापित दावों को आगे की कार्रवाई के लिए राज्य स्तरीय निगरानी समिति को भेजा जाएगा। अक्तूबर माह में दूसरे चरण के दावों का परीक्षण व अनुमोदन किया जाएगा और वैध व योग्य दावों को जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नवंबर माह में जिला स्तरीय समिति द्वारा दूसरे चरण की बैठक में शेष दावों का अनुमोदन व समीक्षा की जाएगी और वन अधिकार पट्टे वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। राजस्व मंत्री ने कहा कि दिसंबर माह में कुल लक्ष्य, प्रशिक्षण, कार्यशाला और क्षमता निर्माण की समीक्षा की जाएगी और वर्तमान दृष्टिकोण की कमियों की पहचान की जाएगी।उन्होंने कहा कि ग्राम सभा वर्ष के दौरान कभी भी दावे आमंत्रित कर सकती है तथा कोई भी व्यक्ति व समुदाय दावा पेश कर सकता है। उन्होंने कहा कि एफआरए ऐप और एफआरए हेल्पलाइन नंबर भी जल्द जारी किया जाएगा। इसके साथ ही एफआरए सप्ताह को विशिष्ट महीनों में घोषित किया जाएगा ताकि सत्यापन या दावा प्रसंस्करण में तेजी लाई जा सके। इस मौके पर राजस्व मंत्री ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए जान गंवाने वाले पर्यटकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवदेनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने पहलगाम में आतंकियों से भिड़ने और पर्यटकों की जान बचाने के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह की बहादुरी को भी सलामी दी।
शिमला ! राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एंव जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां पत्रकार-वार्ता में एफआरए (वन अधिकारअधिनियम-2006) कैलेंडर 2025-26 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र की यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2006 में वन अधिकार अधिनियम को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्रदान की गई थी और 1 जनवरी, 2008 से वन अधिकार नियम लागू किया गया।
उन्होंने कहा कि एफआरए 2006 के तहत अनुसूचित जनजाति व अन्य सभी श्रेणी के सदस्य या समुदाय जो 13 दिसंबर, 2005 से पहले कम से कम तीन पीढ़ियों से प्राथमिक रूप से वन भूमि पर निवास करते आ रहे हैं और अपनी आजीविका की वास्तविक जरूरतों के लिए वन या वन भूमि पर निर्भर हैं, को भूमि का अधिकार दिया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि एफआरए कैलेंडर 2025-26 में वर्ष भर की गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। अप्रैल और मई माह में उप-मंडल स्तरीय समिति, जिला स्तरीय समिति, ग्रामीण स्तरीय वन अधिकार समिति, वन, राजस्व और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को एफआरए के संबंध में दिशा-निर्देश दिए जाएंगे और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। साथ ही अधिकारियों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
जून माह में ग्राम सभा द्वारा दावे आमंत्रित किए जाएंगे और वन अधिकार समितियों को दावे लेने के लिए प्राधिकृत किया जाएगा। वन अधिकार समिति सदस्यों, वन व राजस्व अधिकारियों द्वारा एफआरए दावों का क्षेत्र स्तरीय निरीक्षण किया जाएगा और ग्राम सभा को उचित निर्णय लेने के लिए अनुमोदित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित दावों को उप-मंडल स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
जुलाई माह में उप-मंडल स्तरीय समिति द्वारा ग्राम सभा के दावों, नक्शों की समीक्षा की जाएगी और अपूर्ण दावों को ग्राम सभा को वापस भेजा जाएगा। योग्य व उपयुक्त दावों को जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगस्त माह में राज्य स्तरीय निगरानी समिति से प्राप्त योग्य दावों की जांच-पड़ताल व अंतिम अनुमोदन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जिला स्तरीय समिति द्वारा दस्तावेजों के अभाव केे कारण अपूर्ण दावों को राज्य स्तरीय निगरानी समिति को भेजा जाएगा तथा स्वीकृत दावों को वन अधिकार पट्टे जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही जारी किए गए पट्टों का राजस्व रिकॉर्ड में इंद्राज (एंट्री) किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सितंबर माह में नए या लंबित दावों की पुनः जांच की जाएगी व सत्यापित दावों को आगे की कार्रवाई के लिए राज्य स्तरीय निगरानी समिति को भेजा जाएगा। अक्तूबर माह में दूसरे चरण के दावों का परीक्षण व अनुमोदन किया जाएगा और वैध व योग्य दावों को जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नवंबर माह में जिला स्तरीय समिति द्वारा दूसरे चरण की बैठक में शेष दावों का अनुमोदन व समीक्षा की जाएगी और वन अधिकार पट्टे वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा।
राजस्व मंत्री ने कहा कि दिसंबर माह में कुल लक्ष्य, प्रशिक्षण, कार्यशाला और क्षमता निर्माण की समीक्षा की जाएगी और वर्तमान दृष्टिकोण की कमियों की पहचान की जाएगी।उन्होंने कहा कि ग्राम सभा वर्ष के दौरान कभी भी दावे आमंत्रित कर सकती है तथा कोई भी व्यक्ति व समुदाय दावा पेश कर सकता है। उन्होंने कहा कि एफआरए ऐप और एफआरए हेल्पलाइन नंबर भी जल्द जारी किया जाएगा। इसके साथ ही एफआरए सप्ताह को विशिष्ट महीनों में घोषित किया जाएगा ताकि सत्यापन या दावा प्रसंस्करण में तेजी लाई जा सके।
इस मौके पर राजस्व मंत्री ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए जान गंवाने वाले पर्यटकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवदेनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने पहलगाम में आतंकियों से भिड़ने और पर्यटकों की जान बचाने के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह की बहादुरी को भी सलामी दी।
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