!!"गत वर्ष के मुकाबले 15.70 फीसदी ज्यादा हुआ उत्पादन"!!
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 30 सितम्बर, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में ट्राउट मछली के उत्पादन में गत वर्ष के मुकाबले 15.70 फीसदी वृद्धि दर्ज हुई हैै और प्रदेश में ट्राउट का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2022-23 में ट्राउट मछली का उत्पादन 1170.50 मीट्रिक टन था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 1388 मीट्रिक टन का आंकड़ा पार कर गया है। वहीं, वर्ष 2021-22 में ट्राउट मछली का उत्पादन 913.50 मीट्रिक टन रहा था।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हजारों परिवार अपनी अजीविका के लिए मछली पालन पर निर्भर हैं, इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाने जा रही है ताकि मछुआरों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके। उन्होंने ट्राउट के उत्पादन में वृद्धि का श्रेय मछुआरों और सरकार के संयुक्त प्रयासों को दिया। उन्होंने कहा कि ट्राउट के उत्पादन में वृद्धि मछुआरों के कठोर परिश्रम और सरकार की सहायक नीतियों का सार्थक परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में नौ ट्राउट मत्स्यशालाएं (हैचरी) और निजी क्षेत्र में छह ट्राउट मत्स्यशालाएं चल रही हैं जोकि मछली पालकों को बीज उपलब्ध करवा रही हैं। इसके अलावा मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालकों को ट्राउट पालन के लिए आधुनिक तकनीक से संबंधित प्रशिक्षण भी मुहैया करवाया जा रहा है। शिमला जिले के दूर-दराज क्षेत्र डोडरा क्वार में पहली बार लोगों के लिए विशेष प्र्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। सिरमौर, शिमला, चंबा, किन्नौर और कुल्लू जिले में भी इस तरह के प्रशिक्षण शिविर लगाए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू और मंडी जिले में ट्राउट पालन व्यावसायिक स्तर पर पहुंच गया है। चंडीगढ़ और दिल्ली के पांच सितारा होटलों में ट्राउट की भारी मांग है। ट्राउट पालन की बढ़ती प्रसिद्धि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी नए आयाम दे रही है। उन्होंने कहा कि उन्नत कृषि तकनीक और बाजार में बढ़ती मांग के साथ ट्राउट उत्पादन में और अधिक वृद्धि की संभावना है जिससे किसानों और राज्य को लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्राउट पालन के लिए हिमाचल प्रदेश का शीतल और ऑक्सीजनयुक्त पानी उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है। पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल ट्राउट पालन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है और अब देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बन गया है। ट्राउट पालन आज प्रदेश के हजारों किसानों के लिए आय का एक उपयुक्त साधन बन गया है और इससे राज्य की ग्रामीण आर्थिकी को बल मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मछुआरों को उच्च गुणवत्ता वाले ट्राउट बू्रड स्टॉक और रेनबो ट्राउट बीज प्रदान करने के लिए जिला कुल्लू के पतलीकूहल में ट्राउट ब्रूड बैंक स्थापित करने पर भी विचार कर रही है। यह कदम राज्य में ट्राउट उत्पादन को बढ़ाने के अलावा ट्राउट पालकों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
शिमला , 30 सितम्बर, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] !
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में ट्राउट मछली के उत्पादन में गत वर्ष के मुकाबले 15.70 फीसदी वृद्धि दर्ज हुई हैै और प्रदेश में ट्राउट का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2022-23 में ट्राउट मछली का उत्पादन 1170.50 मीट्रिक टन था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 1388 मीट्रिक टन का आंकड़ा पार कर गया है।
वहीं, वर्ष 2021-22 में ट्राउट मछली का उत्पादन 913.50 मीट्रिक टन रहा था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हजारों परिवार अपनी अजीविका के लिए मछली पालन पर निर्भर हैं, इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाने जा रही है ताकि मछुआरों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने ट्राउट के उत्पादन में वृद्धि का श्रेय मछुआरों और सरकार के संयुक्त प्रयासों को दिया। उन्होंने कहा कि ट्राउट के उत्पादन में वृद्धि मछुआरों के कठोर परिश्रम और सरकार की सहायक नीतियों का सार्थक परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में नौ ट्राउट मत्स्यशालाएं (हैचरी) और निजी क्षेत्र में छह ट्राउट मत्स्यशालाएं चल रही हैं जोकि मछली पालकों को बीज उपलब्ध करवा रही हैं। इसके अलावा मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालकों को ट्राउट पालन के लिए आधुनिक तकनीक से संबंधित प्रशिक्षण भी मुहैया करवाया जा रहा है। शिमला जिले के दूर-दराज क्षेत्र डोडरा क्वार में पहली बार लोगों के लिए विशेष प्र्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। सिरमौर, शिमला, चंबा, किन्नौर और कुल्लू जिले में भी इस तरह के प्रशिक्षण शिविर लगाए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू और मंडी जिले में ट्राउट पालन व्यावसायिक स्तर पर पहुंच गया है। चंडीगढ़ और दिल्ली के पांच सितारा होटलों में ट्राउट की भारी मांग है। ट्राउट पालन की बढ़ती प्रसिद्धि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी नए आयाम दे रही है। उन्होंने कहा कि उन्नत कृषि तकनीक और बाजार में बढ़ती मांग के साथ ट्राउट उत्पादन में और अधिक वृद्धि की संभावना है जिससे किसानों और राज्य को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्राउट पालन के लिए हिमाचल प्रदेश का शीतल और ऑक्सीजनयुक्त पानी उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है। पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल ट्राउट पालन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है और अब देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बन गया है। ट्राउट पालन आज प्रदेश के हजारों किसानों के लिए आय का एक उपयुक्त साधन बन गया है और इससे राज्य की ग्रामीण आर्थिकी को बल मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मछुआरों को उच्च गुणवत्ता वाले ट्राउट बू्रड स्टॉक और रेनबो ट्राउट बीज प्रदान करने के लिए जिला कुल्लू के पतलीकूहल में ट्राउट ब्रूड बैंक स्थापित करने पर भी विचार कर रही है। यह कदम राज्य में ट्राउट उत्पादन को बढ़ाने के अलावा ट्राउट पालकों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -