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शिमला, 02 अगस्त, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! हिमाचल प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा समग्र शिक्षा के सहयोग से “पहली शिक्षक मां” कार्यक्रम के तहत रिसोर्स पर्सन्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज शुक्रवार को एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव स्टाफ ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, सांगटी शिमला में हो गया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में प्रदेश के छह जिलों के रिर्सोस पर्सन्स को ट्रैनिंग दी जा रही है, जो कि प्री-प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों की माताओं को सिखाई जाने वाली विभिन्न गतिविधियां का प्रशिक्षण देंगे। जिससे कि माताएं अपने बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित कर सकें। इस कार्यक्रम में रंजना कुमारी बतौर संयोजक, रितु पूरी सह संयोजक और पूर्व प्राथमिक ( प्री-प्राइमरी) के राज्य संयोजक दलीप वर्मा, प्रथम एनजीओ के स्टेट हेड जोगिंदर शर्मा सहित प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। दो दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर और शिमला जिलों की डाइटों के कार्यक्रम संयोजक, प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक, प्रथम एनजीओ से कुलदीप सिंह, केवल कृष्ण, जागृति सहित 72 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इसके बाद दूसरे बैच के लिए 5 अगस्त से 6 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन्स प्रदेश के प्री-प्राइमरी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की माताओं के लिए चरणबद्ध तरीके से ओरिएंटेशन सत्र आयोजित करेंगे। इन सत्र में बच्चों को कराई जा सकने वाली विभिन्न रोचक गतिविधियां माताओं को सिखाई जाएंगी, जिनको वे अपने बच्चों को कराएंगी। दिसंबर 2023 में की गई थी पहली शिक्षक मां कार्यक्रम की शुरुआतप्रदेश में प्री-प्राइमरी कक्षाओं के नौनिहालों की माताओं के लिए “पहली शिक्षक मां” कार्यक्रम की शुरुआत दिसंबर 2023 को शुरू की गई थी। नौनिहालों के सर्वांगीण विकास में माताओं की अहम भूमिका को देखते हुए समग्र शिक्षा के तहत इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसके तहत सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों की माताओं के मोबाइल फोन पर हफ्ते में दो बार मैसेज भेजे जा रहे हैं। इन मैसेज में माताओं को यह बताया जाता है कि वे किस तरह से अपने बच्चों को स्कूली पढ़ाई के साथ साथ अन्य व्यवहारिक बातें सीखा सकते हैं। स्कूलों में भी इन माताओं के लिए विभिन्न गतिविधियां कराई जा रही हैं। हिमाचल में 50 हजार से ज्यादा माताओं को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है.
शिमला, 02 अगस्त, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] !
हिमाचल प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा समग्र शिक्षा के सहयोग से “पहली शिक्षक मां” कार्यक्रम के तहत रिसोर्स पर्सन्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज शुक्रवार को एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव स्टाफ ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, सांगटी शिमला में हो गया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में प्रदेश के छह जिलों के रिर्सोस पर्सन्स को ट्रैनिंग दी जा रही है, जो कि प्री-प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों की माताओं को सिखाई जाने वाली विभिन्न गतिविधियां का प्रशिक्षण देंगे। जिससे कि माताएं अपने बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित कर सकें।
इस कार्यक्रम में रंजना कुमारी बतौर संयोजक, रितु पूरी सह संयोजक और पूर्व प्राथमिक ( प्री-प्राइमरी) के राज्य संयोजक दलीप वर्मा, प्रथम एनजीओ के स्टेट हेड जोगिंदर शर्मा सहित प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। दो दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर और शिमला जिलों की डाइटों के कार्यक्रम संयोजक, प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक, प्रथम एनजीओ से कुलदीप सिंह, केवल कृष्ण, जागृति सहित 72 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इसके बाद दूसरे बैच के लिए 5 अगस्त से 6 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा।
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इस कार्यक्रम में प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन्स प्रदेश के प्री-प्राइमरी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की माताओं के लिए चरणबद्ध तरीके से ओरिएंटेशन सत्र आयोजित करेंगे। इन सत्र में बच्चों को कराई जा सकने वाली विभिन्न रोचक गतिविधियां माताओं को सिखाई जाएंगी, जिनको वे अपने बच्चों को कराएंगी।
दिसंबर 2023 में की गई थी पहली शिक्षक मां कार्यक्रम की शुरुआत
प्रदेश में प्री-प्राइमरी कक्षाओं के नौनिहालों की माताओं के लिए “पहली शिक्षक मां” कार्यक्रम की शुरुआत दिसंबर 2023 को शुरू की गई थी। नौनिहालों के सर्वांगीण विकास में माताओं की अहम भूमिका को देखते हुए समग्र शिक्षा के तहत इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसके तहत सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों की माताओं के मोबाइल फोन पर हफ्ते में दो बार मैसेज भेजे जा रहे हैं। इन मैसेज में माताओं को यह बताया जाता है कि वे किस तरह से अपने बच्चों को स्कूली पढ़ाई के साथ साथ अन्य व्यवहारिक बातें सीखा सकते हैं। स्कूलों में भी इन माताओं के लिए विभिन्न गतिविधियां कराई जा रही हैं। हिमाचल में 50 हजार से ज्यादा माताओं को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है.
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