- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 20 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल सरकार प्रदेश की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कड़े कदम उठा रही है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सरकार ने इतने कड़े कदम उठाने का साहस किया है। वर्तमान सरकार इस स्थिति से उभरने के लिए बहुत से ऐसे निर्णय ले रही है जिसे 50 वर्षों से किसी भी पूर्व सरकार ने लेने से गुरेज किया है। यह बात आज मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक के बाद मीडिया से अनऔपचारिक बातचीत में कही।उन्होंने कहा कि हिमाचल की वित्तीय स्थिति के बारे जो भी कहा जा रहा है उसमें कुछ भी नया नहीं है। उसे वह तब से देख रहे हैं जब से उन्होंने नौकरी जॉइन की है। उन्होंने कहा कि यह एक निरंतर संघर्ष है जिससे निपटने के लिए सभी सरकारें प्रयास करती हैं। इसलिए यह कहना अनुचित होगा कि वित्तीय स्थिति सिर्फ आजकल ही खराब हुई है। उन्होंने कहा कि स्थिति उतनी भी भयावह नहीं है, ना ही कुछ ऐसा अचानक हो गया है जितनी चर्चा की जा रही है। बिना तथ्यों के इस मुद्दे को ज्यादा उछाला जा रहा है। प्रबोध सक्सेना के कहा कि हिमाचल की वित्तीय स्थिति बहुत हद तक वित्त आयोग से प्रभावित होती है। वित्त आयोग का अवार्ड पांच साल तक के लिए होता है और इसके अभी तीन वर्ष पूरे हुए हैं। सभी को मालूम था कि पहले वर्ष यह होगा, दूसरे वर्ष होगा इसलिए 2026 तक स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। कुछ दिनों से अदालत से सरकार के खिलाफ आये निर्णयों पर मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। ऐसे निर्णय आते रहते हैं। बस फर्क इतना है कि इस पर चर्चा ज्यादा हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा कोई वित्त संकट नहीं है जितना कहा जा रहा है।
शिमला , 20 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल सरकार प्रदेश की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कड़े कदम उठा रही है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सरकार ने इतने कड़े कदम उठाने का साहस किया है। वर्तमान सरकार इस स्थिति से उभरने के लिए बहुत से ऐसे निर्णय ले रही है जिसे 50 वर्षों से किसी भी पूर्व सरकार ने लेने से गुरेज किया है।
यह बात आज मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक के बाद मीडिया से अनऔपचारिक बातचीत में कही।उन्होंने कहा कि हिमाचल की वित्तीय स्थिति के बारे जो भी कहा जा रहा है उसमें कुछ भी नया नहीं है। उसे वह तब से देख रहे हैं जब से उन्होंने नौकरी जॉइन की है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि यह एक निरंतर संघर्ष है जिससे निपटने के लिए सभी सरकारें प्रयास करती हैं। इसलिए यह कहना अनुचित होगा कि वित्तीय स्थिति सिर्फ आजकल ही खराब हुई है। उन्होंने कहा कि स्थिति उतनी भी भयावह नहीं है, ना ही कुछ ऐसा अचानक हो गया है जितनी चर्चा की जा रही है। बिना तथ्यों के इस मुद्दे को ज्यादा उछाला जा रहा है।
प्रबोध सक्सेना के कहा कि हिमाचल की वित्तीय स्थिति बहुत हद तक वित्त आयोग से प्रभावित होती है। वित्त आयोग का अवार्ड पांच साल तक के लिए होता है और इसके अभी तीन वर्ष पूरे हुए हैं। सभी को मालूम था कि पहले वर्ष यह होगा, दूसरे वर्ष होगा इसलिए 2026 तक स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है।
कुछ दिनों से अदालत से सरकार के खिलाफ आये निर्णयों पर मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। ऐसे निर्णय आते रहते हैं। बस फर्क इतना है कि इस पर चर्चा ज्यादा हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा कोई वित्त संकट नहीं है जितना कहा जा रहा है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -