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शिमला , 17 जून ! सुरंगें पहाड़ी क्षेत्रों में आरामदायक व सुखमय यात्रा का आधार हैं। इनसे यात्रा में समय की बचत भी होती है। राज्य सरकार प्रदेशवासियों तथा पर्यटकों की सुविधा के लिए नई सड़क परियोजनाओं के तहत सुरंगों के निर्माण को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। इससे जहां यात्रियों के कीमती समय व धन की बचत होगी वहीं वर्षभर सड़क सुविधा भी उपलब्ध होगी। हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य के लिए सड़कें भाग्य रेखाएं हैं जिनपर सभी आर्थिक गतिविधियां निर्भर है। आधुनिक परिवहन विकास के लिए हरित तथा सतत् विकास की अवधारणा को मूर्तरूप देते हुए पर्यावरण तथा संसाधनों के संरक्षण पर बल दिया जाना महत्वपूर्ण है। राज्य में हरित उच्च मार्ग, पारिस्थितिकीय तंत्र सभ्यता तथा हरित परिवहन विकास का मिश्रित रूप है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार संसाधन एवं पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा क्षमता तथा सेवा सुधार पर बल देते हुए राज्य में यात्रियों की सुविधा के लिए सुरक्षित तथा बेहतर सड़कें बनाने के प्रयास कर रही है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेश में डिजाइन, निर्माण, संचालन, रखरखाव जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सड़क निर्माण के सतत् विकास के लिए सड़कें, पुल तथा सुरंगें निर्मित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला शिमला के ऊंचे क्षेत्रों को वर्ष भर सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार सुरंगें बनाने पर विचार कर रही है। कोटखाई-हाटकोटी सड़क पर खड़ापत्थर के नीचे तथा जिला के डोडरा-क्वार क्षेत्र में सड़क सुविधा प्रदान करवाने के लिए सुरंगों के निर्माण के उद्देश्य से सर्वेक्षण करवाया जाएगा। खड़ापत्थर के नीचे राष्ट्रीय उच्च मार्ग 705 में प्रस्तावित इस सुरंग के निर्माण के उपरान्त शिमला से रोहडू का सफर तय करने में लगभग 10 से 12 किलोमीटर की दूरी कम होगी। इस सुरंग के बनने से जहां ऊंचे क्षेत्रों को वर्षभर सड़क सुविधा भी उपलब्ध होगी वहीं किसानों को अपनी फसल मण्डियों तक ले जाने की सुविधा भी मिलेगी। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह सुरंग चांशल, कुपड़, गिरी गंगा, मोराल डंडा, समरकोट, खदराला, सुंगड़ी, चुंजर तथा होटकोटी जैसे अनछूए क्षेत्रों के लिए पर्यटन के नए द्वार खोलेगी। शीत ऋतु में इन क्षेत्रों में प्राकृतिक सौन्दर्य देखते ही बनता है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार डोडरा-क्वार के लिए बनने वाली सुरंग इस दुगर्म क्षेत्र को न केवल सड़क सुविधा प्रदान करेगी बल्कि पर्यटकों तथा एकान्त प्रेमियों के लिए इस क्षेत्र को सुगम बनाएगी। यह सुरंग न केवल वृहद तौर पर पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि बागवानों को अपनी पसंदीदा मण्डी तक फसल पहुंचाने के लिए भी सुविधा प्रदान करेगी। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 17 जून ! सुरंगें पहाड़ी क्षेत्रों में आरामदायक व सुखमय यात्रा का आधार हैं। इनसे यात्रा में समय की बचत भी होती है। राज्य सरकार प्रदेशवासियों तथा पर्यटकों की सुविधा के लिए नई सड़क परियोजनाओं के तहत सुरंगों के निर्माण को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। इससे जहां यात्रियों के कीमती समय व धन की बचत होगी वहीं वर्षभर सड़क सुविधा भी उपलब्ध होगी।
हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य के लिए सड़कें भाग्य रेखाएं हैं जिनपर सभी आर्थिक गतिविधियां निर्भर है। आधुनिक परिवहन विकास के लिए हरित तथा सतत् विकास की अवधारणा को मूर्तरूप देते हुए पर्यावरण तथा संसाधनों के संरक्षण पर बल दिया जाना महत्वपूर्ण है। राज्य में हरित उच्च मार्ग, पारिस्थितिकीय तंत्र सभ्यता तथा हरित परिवहन विकास का मिश्रित रूप है।
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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार संसाधन एवं पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा क्षमता तथा सेवा सुधार पर बल देते हुए राज्य में यात्रियों की सुविधा के लिए सुरक्षित तथा बेहतर सड़कें बनाने के प्रयास कर रही है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेश में डिजाइन, निर्माण, संचालन, रखरखाव जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सड़क निर्माण के सतत् विकास के लिए सड़कें, पुल तथा सुरंगें निर्मित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला शिमला के ऊंचे क्षेत्रों को वर्ष भर सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार सुरंगें बनाने पर विचार कर रही है। कोटखाई-हाटकोटी सड़क पर खड़ापत्थर के नीचे तथा जिला के डोडरा-क्वार क्षेत्र में सड़क सुविधा प्रदान करवाने के लिए सुरंगों के निर्माण के उद्देश्य से सर्वेक्षण करवाया जाएगा।
खड़ापत्थर के नीचे राष्ट्रीय उच्च मार्ग 705 में प्रस्तावित इस सुरंग के निर्माण के उपरान्त शिमला से रोहडू का सफर तय करने में लगभग 10 से 12 किलोमीटर की दूरी कम होगी। इस सुरंग के बनने से जहां ऊंचे क्षेत्रों को वर्षभर सड़क सुविधा भी उपलब्ध होगी वहीं किसानों को अपनी फसल मण्डियों तक ले जाने की सुविधा भी मिलेगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह सुरंग चांशल, कुपड़, गिरी गंगा, मोराल डंडा, समरकोट, खदराला, सुंगड़ी, चुंजर तथा होटकोटी जैसे अनछूए क्षेत्रों के लिए पर्यटन के नए द्वार खोलेगी। शीत ऋतु में इन क्षेत्रों में प्राकृतिक सौन्दर्य देखते ही बनता है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार डोडरा-क्वार के लिए बनने वाली सुरंग इस दुगर्म क्षेत्र को न केवल सड़क सुविधा प्रदान करेगी बल्कि पर्यटकों तथा एकान्त प्रेमियों के लिए इस क्षेत्र को सुगम बनाएगी।
यह सुरंग न केवल वृहद तौर पर पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि बागवानों को अपनी पसंदीदा मण्डी तक फसल पहुंचाने के लिए भी सुविधा प्रदान करेगी।
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