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शिमला , 05 जून [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश राज्य कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा मनरेगा, निर्माण व बीआरओ मज़दूरों के लाभ रोकने पर सोमवार को सीटू के विभिन्ग संगठनों ने शिमला में महाधरना किया। सीटू के बैनर तले सैकड़ो मजदूरों ने टोलैंड से छोटा शिमला तक रैली निकाली। सीटू ने आरोप लगाया कि पिछले आठ महीनों से गैर कानूनी तरीके से मजदूरों के लाभ रोके गए है। जिन्हें बहाल करने की मांग को लेकर आज मज़दूर संगठन सीटू से सम्बंधित मनरेगा व निर्माण मज़दूर फेडरेशन प्रदेश सरकार सचिवालय छोटा शिमला में प्रदर्शन किया जा रहा है। सीटू फेडरेशन अध्यक्ष जोगिंद्र कुमार ने कहा है कि बोर्ड से पंजीकृत मनरेगा, निर्माण व बीआरओ मज़दूरों की सहायता राशि बोर्ड के सचिव ने पिछले आठ महीने से गैर कानूनी तरीक़े से रोक कर रखी है जिससे साढ़े चार लाख मज़दूरों को मिलने वाली आर्थिक सहायता और पंजीकरण के लाभ रोक दिए गए हैं। बार - बार बोर्ड के सचिव से इसे जारी करने की मांग करने और 3 अप्रैल को नवगठित बोर्ड की मीटिंग में फैसला हो जाने के बाद भी ये रुके हुए आर्थिक लाभ बहाल नहीं हुए हैं। इसके खिलाफ आज सचिवालय का घेराव किया जा रहा है। और सरकार को चेतावनी दी गई है कि यदि जल्द ही मजदूरों के लाभ जारी नहीं किए जाते हैं तो आने वाले दिनों में और उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 05 जून [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश राज्य कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा मनरेगा, निर्माण व बीआरओ मज़दूरों के लाभ रोकने पर सोमवार को सीटू के विभिन्ग संगठनों ने शिमला में महाधरना किया। सीटू के बैनर तले सैकड़ो मजदूरों ने टोलैंड से छोटा शिमला तक रैली निकाली।
सीटू ने आरोप लगाया कि पिछले आठ महीनों से गैर कानूनी तरीके से मजदूरों के लाभ रोके गए है। जिन्हें बहाल करने की मांग को लेकर आज मज़दूर संगठन सीटू से सम्बंधित मनरेगा व निर्माण मज़दूर फेडरेशन प्रदेश सरकार सचिवालय छोटा शिमला में प्रदर्शन किया जा रहा है।
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सीटू फेडरेशन अध्यक्ष जोगिंद्र कुमार ने कहा है कि बोर्ड से पंजीकृत मनरेगा, निर्माण व बीआरओ मज़दूरों की सहायता राशि बोर्ड के सचिव ने पिछले आठ महीने से गैर कानूनी तरीक़े से रोक कर रखी है जिससे साढ़े चार लाख मज़दूरों को मिलने वाली आर्थिक सहायता और पंजीकरण के लाभ रोक दिए गए हैं। बार - बार बोर्ड के सचिव से इसे जारी करने की मांग करने और 3 अप्रैल को नवगठित बोर्ड की मीटिंग में फैसला हो जाने के बाद भी ये रुके हुए आर्थिक लाभ बहाल नहीं हुए हैं। इसके खिलाफ आज सचिवालय का घेराव किया जा रहा है। और सरकार को चेतावनी दी गई है कि यदि जल्द ही मजदूरों के लाभ जारी नहीं किए जाते हैं तो आने वाले दिनों में और उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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