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शिमला , 06 मार्च ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविदंर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के पीटरहॉफ में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता व श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल समारोह में विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समाज को दिशा देने में महिलाओं का सदैव ही उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाएं माता, बेटी, पत्नी तथा बहन के रूप में अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करती हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष सरोजनी नायडू से लेकर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने महिलाओं को नेतृत्व करने की प्रेरणा दी। राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के सशक्त नेतृत्व में भारत ने अंतरराष्ट्रीय फलक पर अलग पहचान बनाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिभा पाटिल देश की प्रथम राष्ट्रपति बनीं और आज द्रौपदी मुर्मु इस पद को सुशोभित कर रही हैं। यह सभी विभूतियां महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सशक्तिकरण से आगे बढ़कर उनके भीतर छिपी प्रतिभा को सम्मान देने का अवसर है। किसी भी कालखंड में सामाजिक परिवर्तन में महिलाओं का सर्वाधिक योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने सदैव ही महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण एवं उन्हें सम्मान देने के दृष्टिगत महत्वाकांक्षी योजनाएं एवं नीतियां बनाई हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 73वें व 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से महिलाओं के लिए पंचायतों एवं स्थानीय निकायों में 33 फीसदी आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के प्रयासों से लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक राज्य सभा में पारित करवाया गया है और लोकसभा में पारित होने के उपरांत यह निकट भविष्य में महिलाओं के लिए राज्य व राष्ट्र के स्तर पर अपनी सशक्त भूमिका निभाने का माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज को जीवंत रखने में भी महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य में महिलाओं में आत्मसम्मान की भावना विकसित करने पर केंद्रित विभिन्न योजनाएं आरम्भ की जाएंगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और हमारे समाज में महिलाओं को उचित सम्मान की समृद्ध परम्परा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए राज्य सरकार नई योजनाएं आरम्भ कर रही है। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही सर्वप्रथम 101 करोड़ रुपए के मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष की स्थापना कर इस ओर ठोस कदम बढ़ाए हैं। सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की गई है ताकि निराश्रित महिलाएं व अनाथ बच्चे किसी की दयादृष्टि पर निर्भर न रहें। प्रदेश सरकार 27 साल की उम्र तक उनका ध्यान रखेगी और उन्हें उच्च शिक्षित व आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर हिमाचल प्रदेश महिला विकास प्रोत्साहन पुरस्कार की राशि 21 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपए तथा जिला स्तरीय पुरस्कारों की राशि पांच हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने सुख-आश्रय कोष की वेबसाइट तथा हिम-पूरक पोषाहार पुष्टि एप का विधिवत शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री ने डॉ. देव कन्या ठाकुर, संगीता खुराना और डॉ. अन्वेषा नेगी को हिमाचल प्रदेश महिला विकास प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त खेलों व अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए विभिन्न जिलों की महिलाओं व बेटियों को सम्मानित किया गया। इस श्रेणी के तहत रचना कुमारी, माला भगती, रेखा तथागत, मंजू, बलजीत कौर तथा आंचल ठाकुर को सम्मानित किया। आयुषी भंडारी, रेणुका सिंह ठाकुर और सुमन को भी इस पुरस्कार से नवाजा गया है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए आयोजित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया एवं इसमें गहरी रूचि दिखाई। प्रदेश सरकार द्वारा आरम्भ की गई महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना से संबंधित जानकारी पर आधारित प्रदर्शनी सभी के आकर्षण का केंद्र रही। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि 8 मार्च को होली के त्यौहार के दृष्टिगत यह आयोजन आज किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में नारी को देवी का दर्जा दिया गया है। हमारा संविधान भी महिलाओं को समानता का हक देता है। उन्होंने कहा कि हमें पुरूष प्रधान मानसिकता को छोड़ते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सार्थक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों को रोकने में भी समाज को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में महत्वाकांक्षी पहल कर रही है। महिलाओं एवं बच्चों के उत्थान के लिए विभाग के माध्यम से विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने इन योजनाओं के माध्यम से राज्य में किए जा रहे कार्यों का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने नारी सशक्तिकरण पर एक कविता के कुछ अंश भी पढ़े। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सचिव एम. सुधा देवी ने मुख्यमंत्री एवं गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। विभाग के निदेशक राहुल कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर, विधायक नंद लाल एवं हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी गोपाल शर्मा और अन्य गणमान्य उपस्थित थे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 06 मार्च ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविदंर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के पीटरहॉफ में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता व श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल समारोह में विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समाज को दिशा देने में महिलाओं का सदैव ही उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाएं माता, बेटी, पत्नी तथा बहन के रूप में अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करती हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष सरोजनी नायडू से लेकर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने महिलाओं को नेतृत्व करने की प्रेरणा दी। राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के सशक्त नेतृत्व में भारत ने अंतरराष्ट्रीय फलक पर अलग पहचान बनाई।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिभा पाटिल देश की प्रथम राष्ट्रपति बनीं और आज द्रौपदी मुर्मु इस पद को सुशोभित कर रही हैं। यह सभी विभूतियां महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सशक्तिकरण से आगे बढ़कर उनके भीतर छिपी प्रतिभा को सम्मान देने का अवसर है। किसी भी कालखंड में सामाजिक परिवर्तन में महिलाओं का सर्वाधिक योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने सदैव ही महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण एवं उन्हें सम्मान देने के दृष्टिगत महत्वाकांक्षी योजनाएं एवं नीतियां बनाई हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 73वें व 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से महिलाओं के लिए पंचायतों एवं स्थानीय निकायों में 33 फीसदी आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया।
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के प्रयासों से लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक राज्य सभा में पारित करवाया गया है और लोकसभा में पारित होने के उपरांत यह निकट भविष्य में महिलाओं के लिए राज्य व राष्ट्र के स्तर पर अपनी सशक्त भूमिका निभाने का माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज को जीवंत रखने में भी महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य में महिलाओं में आत्मसम्मान की भावना विकसित करने पर केंद्रित विभिन्न योजनाएं आरम्भ की जाएंगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और हमारे समाज में महिलाओं को उचित सम्मान की समृद्ध परम्परा है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए राज्य सरकार नई योजनाएं आरम्भ कर रही है। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही सर्वप्रथम 101 करोड़ रुपए के मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष की स्थापना कर इस ओर ठोस कदम बढ़ाए हैं। सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की गई है ताकि निराश्रित महिलाएं व अनाथ बच्चे किसी की दयादृष्टि पर निर्भर न रहें। प्रदेश सरकार 27 साल की उम्र तक उनका ध्यान रखेगी और उन्हें उच्च शिक्षित व आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करेगी।
मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर हिमाचल प्रदेश महिला विकास प्रोत्साहन पुरस्कार की राशि 21 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपए तथा जिला स्तरीय पुरस्कारों की राशि पांच हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने सुख-आश्रय कोष की वेबसाइट तथा हिम-पूरक पोषाहार पुष्टि एप का विधिवत शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री ने डॉ. देव कन्या ठाकुर, संगीता खुराना और डॉ. अन्वेषा नेगी को हिमाचल प्रदेश महिला विकास प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया।
इसके अतिरिक्त खेलों व अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए विभिन्न जिलों की महिलाओं व बेटियों को सम्मानित किया गया। इस श्रेणी के तहत रचना कुमारी, माला भगती, रेखा तथागत, मंजू, बलजीत कौर तथा आंचल ठाकुर को सम्मानित किया।
आयुषी भंडारी, रेणुका सिंह ठाकुर और सुमन को भी इस पुरस्कार से नवाजा गया है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए आयोजित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया एवं इसमें गहरी रूचि दिखाई। प्रदेश सरकार द्वारा आरम्भ की गई महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना से संबंधित जानकारी पर आधारित प्रदर्शनी सभी के आकर्षण का केंद्र रही।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि 8 मार्च को होली के त्यौहार के दृष्टिगत यह आयोजन आज किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में नारी को देवी का दर्जा दिया गया है। हमारा संविधान भी महिलाओं को समानता का हक देता है। उन्होंने कहा कि हमें पुरूष प्रधान मानसिकता को छोड़ते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सार्थक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों को रोकने में भी समाज को एकजुट होना होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में महत्वाकांक्षी पहल कर रही है। महिलाओं एवं बच्चों के उत्थान के लिए विभाग के माध्यम से विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने इन योजनाओं के माध्यम से राज्य में किए जा रहे कार्यों का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने नारी सशक्तिकरण पर एक कविता के कुछ अंश भी पढ़े।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सचिव एम. सुधा देवी ने मुख्यमंत्री एवं गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। विभाग के निदेशक राहुल कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर, विधायक नंद लाल एवं हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी गोपाल शर्मा और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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