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शिमला , 31 अगस्त [ विशाल सूद ] ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि एसपी शिमला और सरकार उनके घर पर ड्रोन के जरिए नजर रखवा रही है। अब ये ड्रोन किसका है इसका खुलासा हो गया है। प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को जिस ड्रोन को लेकर हंगामा हुआ वह दरअसल पेयजल कंपनी का है। शिमला शहर में 24 घंटे पानी देने की योजना के तहत इन दिनों ड्रोन से घर-घर का सर्वे चल रहा है। विधानसभा में यह मामला उठने के बाद शुक्रवार को कंपनी ने इस बारे में स्थिति भी स्पष्ट की है। खास बात यह है कि साल 2022 में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने ही शिमला के रिज मैदान पर इस योजना के पहले चरण की आधारशिला रखी थी। पेयजल कंपनी ने इसी प्रोजेक्ट के दूसरे चरण यानी शिमला में पेयजल आपूर्ति देने से जुड़े 872 करोड़ के प्रोजेक्ट का जिम्मा स्वेज इंडिया कंपनी को दिया है। यही कंपनी हर वार्ड में ड्रोन से सर्वे कर रही है। बाकायदा जिला प्रशासन से 5 सितंबर तक इस बारे में मंजूरी ली है। कंपनी का कहना है कि शहर में 24 घंटे पेयजल योजना लागू करने से पहले हर भवन की ड्रोन मैपिंग जरूरी है। ड्रोन से तस्वीर लेने के अलावा घर-घर जाकर हर उपभोक्ता का पेयजल खपत का रिकॉर्ड भी लिया जा रहा है। शहर के कई वार्ड में यह सर्वे पूरा हो चुका है। जो वार्ड बचे हैं उनका सर्वेक्षण जल्द पूरा किया जाएगा। अक्तूबर तक इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
शिमला , 31 अगस्त [ विशाल सूद ] ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि एसपी शिमला और सरकार उनके घर पर ड्रोन के जरिए नजर रखवा रही है। अब ये ड्रोन किसका है इसका खुलासा हो गया है।
प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को जिस ड्रोन को लेकर हंगामा हुआ वह दरअसल पेयजल कंपनी का है। शिमला शहर में 24 घंटे पानी देने की योजना के तहत इन दिनों ड्रोन से घर-घर का सर्वे चल रहा है। विधानसभा में यह मामला उठने के बाद शुक्रवार को कंपनी ने इस बारे में स्थिति भी स्पष्ट की है। खास बात यह है कि साल 2022 में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने ही शिमला के रिज मैदान पर इस योजना के पहले चरण की आधारशिला रखी थी।
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पेयजल कंपनी ने इसी प्रोजेक्ट के दूसरे चरण यानी शिमला में पेयजल आपूर्ति देने से जुड़े 872 करोड़ के प्रोजेक्ट का जिम्मा स्वेज इंडिया कंपनी को दिया है। यही कंपनी हर वार्ड में ड्रोन से सर्वे कर रही है। बाकायदा जिला प्रशासन से 5 सितंबर तक इस बारे में मंजूरी ली है। कंपनी का कहना है कि शहर में 24 घंटे पेयजल योजना लागू करने से पहले हर भवन की ड्रोन मैपिंग जरूरी है।
ड्रोन से तस्वीर लेने के अलावा घर-घर जाकर हर उपभोक्ता का पेयजल खपत का रिकॉर्ड भी लिया जा रहा है। शहर के कई वार्ड में यह सर्वे पूरा हो चुका है। जो वार्ड बचे हैं उनका सर्वेक्षण जल्द पूरा किया जाएगा। अक्तूबर तक इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
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