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शिमला , 03 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल महामहिम शिव प्रताप शुक्ला द्वारा प्रोफेसर प्रमोद शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक इकिगाई इनसाइट का आज राज भवन में विमोचन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल महोदय ने कहा की पुस्तके मानव सभ्यता के विकास में एक अभिन्न अंग रही है और पुस्तकों के अध्ययन से मानव अपने आप को निरंतर परिष्कृत कार्यक्रहता है। प्रोफेसर प्रमोद शर्मा के लेखन कार्यों का संज्ञान लेते हुए उन्होंने उनके द्वारा लिखित पुस्तक इकिगाई इनसाइट की सराहना की और कहा की यह पुस्तक पाठक वर्ग को अपने जीवन के दृष्टिकोण को और स्पष्ट करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के अध्ययन से समाज के प्रति अपने जीवन को और अधिक उपयोगिता से समर्पित करने में मदद मिलेगी। माननीय राज्यपाल ने कहा कि डा प्रमोद शर्मा द्वारा इससे पूर्व भी कई किताबो का लेखन किया गया है जो समाज को बेहतर बनाने का कार्य सुधि पाठक वृंद के माध्यम से कर रही हैं। इस अवसर पर पुस्तक की जानकारी देते हुए डा प्रमोद शर्मा ने कहा कि यह उनकी पंद्रहवी पुस्तक है और यह पुस्तक जीवन जीने के जापानी दर्शन पर आधारित है जिसमे मानव जीवन को अपने लिए उपयोगी बनाते हुए समाज और देश के लिए भी उपयोगी बनाने पर बाल है। यह पुस्तक बताती है कि किस तरह से एक स्वस्थ, धनी तथा खुशहाल जीवन को लंबे समय तक जी सकते है। पुस्तक में इकिगाई को उस बिंदु के रूप में दिखाया गया है जहां व्यक्ति का पैशन, मिशन, वोकेशन, और प्रोफेशन सभी आकर मिलते है और माना जीवन एक नई उड़ान भरता है एक नए आयाम के साथ। पुस्तक में जापान के एक द्वीप ओकीनावा में रहने वाले लोगों के जीवन को दर्शाया गया ही क्योंकि वहां अधिकतर लोग 100 वर्ष की आयु पार कर जाते हैं। उनका रहन सहन, खान पान, आदतें, काम करने का तरीका, जीवन मूल्य और मापदंडों का भी विस्तृत वर्णन किया गया है। डा प्रमोद शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तक प्रत्येक आयु वर्ग के लिए सार्थक ही और अवश्य ही जीवन के अर्थ को और सार्थक रूप में परिभाषित करेगी। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 03 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल महामहिम शिव प्रताप शुक्ला द्वारा प्रोफेसर प्रमोद शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक इकिगाई इनसाइट का आज राज भवन में विमोचन किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल महोदय ने कहा की पुस्तके मानव सभ्यता के विकास में एक अभिन्न अंग रही है और पुस्तकों के अध्ययन से मानव अपने आप को निरंतर परिष्कृत कार्यक्रहता है। प्रोफेसर प्रमोद शर्मा के लेखन कार्यों का संज्ञान लेते हुए उन्होंने उनके द्वारा लिखित पुस्तक इकिगाई इनसाइट की सराहना की और कहा की यह पुस्तक पाठक वर्ग को अपने जीवन के दृष्टिकोण को और स्पष्ट करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के अध्ययन से समाज के प्रति अपने जीवन को और अधिक उपयोगिता से समर्पित करने में मदद मिलेगी।
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माननीय राज्यपाल ने कहा कि डा प्रमोद शर्मा द्वारा इससे पूर्व भी कई किताबो का लेखन किया गया है जो समाज को बेहतर बनाने का कार्य सुधि पाठक वृंद के माध्यम से कर रही हैं। इस अवसर पर पुस्तक की जानकारी देते हुए डा प्रमोद शर्मा ने कहा कि यह उनकी पंद्रहवी पुस्तक है और यह पुस्तक जीवन जीने के जापानी दर्शन पर आधारित है जिसमे मानव जीवन को अपने लिए उपयोगी बनाते हुए समाज और देश के लिए भी उपयोगी बनाने पर बाल है। यह पुस्तक बताती है कि किस तरह से एक स्वस्थ, धनी तथा खुशहाल जीवन को लंबे समय तक जी सकते है।
पुस्तक में इकिगाई को उस बिंदु के रूप में दिखाया गया है जहां व्यक्ति का पैशन, मिशन, वोकेशन, और प्रोफेशन सभी आकर मिलते है और माना जीवन एक नई उड़ान भरता है एक नए आयाम के साथ।
पुस्तक में जापान के एक द्वीप ओकीनावा में रहने वाले लोगों के जीवन को दर्शाया गया ही क्योंकि वहां अधिकतर लोग 100 वर्ष की आयु पार कर जाते हैं। उनका रहन सहन, खान पान, आदतें, काम करने का तरीका, जीवन मूल्य और मापदंडों का भी विस्तृत वर्णन किया गया है। डा प्रमोद शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तक प्रत्येक आयु वर्ग के लिए सार्थक ही और अवश्य ही जीवन के अर्थ को और सार्थक रूप में परिभाषित करेगी।
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