!!"हमारे कार्यकाल में दो साल कोरोना भी रहा, लेकिन एक भी दिन के लिए वेतन नहीं रुका"!!
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शिमला , 04 सितम्बर, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस लगभग दो साल से सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार चला रही है। लेकिन अपनी हर नाकामी का ठीकरा केंद्र सरकार और पूर्व की भाजपा की सरकार पर फोड़ते हैं। आज की वर्तमान स्थिति की जिम्मेदार सुखविंदर सिंह सुक्खू की वित्तीय नीतियां हैं जो प्रदेश के विकास और जनहितोन्मुखी न होकर मित्र हितोन्मुखी है। भाजपा ने भी पाँच साल सरकार चलाई। उस दौरान कोरोना जैसी महामारी को पूरी दुनिया ने झेला। सारी आर्थिक गतिविधियां बंद रही। लगभग दो साल चले इस दौर में भी एक भी कर्मचारी का एक बार भी वेतन देने में देरी नहीं हुई। आउट्स सोर्स से लेकर, पैरा वर्कर, रेग्युलर और कंट्रैक्चुअल कर्मचारी हो या कोई और किसी के वेतन से एक पैसे की कटौती भी नहीं की गई। विपरीत आर्थिक हालत के बाद भी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत किया गया। यह सब इसलिए हुआ कि हमारी पूर्व की सरकार न जनहित के मुद्दों को प्रमुखता दी। इस दौरान लोगों के इलाज के लिए हिमकेयर जैसी योजनाएं प्रदेश के लोगों को समर्पित हुई। लेकिन सुक्खू सरकार ने सभी योजनाओं को बंद करना शुरू कर दिया। आज हिम केयर योजना का क्या हाल है? सहारा योजना का क्या हाल है? सामाजिक सुरक्षा पेंशन का क्या हाल है। शगुन, स्वावलंबन जैसी योजनाओं का क्या हाल है? पूर्व की भाजपा सरकार एक कल्याणकारी राज्य की तरह जनसेवा कर रही थी। वर्तमान सरकार के क्रिया कलाप किसी भी हाल में कल्याणकारी राज्य के कार्य नहीं कहते हैं। सरकार सिर्फ़ टैक्सेस बढ़ाने, सुविधाएं छीनने के काम में लगी है। वर्तमान वित्तीय हालत की ज़िम्मेदारी सुक्खू सरकार का वित्तीय कुप्रबंधन है, जिसका ख़ामियाज़ा प्रदेश के लोग उठा रहे हैं।
शिमला , 04 सितम्बर, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस लगभग दो साल से सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार चला रही है। लेकिन अपनी हर नाकामी का ठीकरा केंद्र सरकार और पूर्व की भाजपा की सरकार पर फोड़ते हैं। आज की वर्तमान स्थिति की जिम्मेदार सुखविंदर सिंह सुक्खू की वित्तीय नीतियां हैं जो प्रदेश के विकास और जनहितोन्मुखी न होकर मित्र हितोन्मुखी है। भाजपा ने भी पाँच साल सरकार चलाई। उस दौरान कोरोना जैसी महामारी को पूरी दुनिया ने झेला। सारी आर्थिक गतिविधियां बंद रही। लगभग दो साल चले इस दौर में भी एक भी कर्मचारी का एक बार भी वेतन देने में देरी नहीं हुई। आउट्स सोर्स से लेकर, पैरा वर्कर, रेग्युलर और कंट्रैक्चुअल कर्मचारी हो या कोई और किसी के वेतन से एक पैसे की कटौती भी नहीं की गई।
विपरीत आर्थिक हालत के बाद भी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत किया गया। यह सब इसलिए हुआ कि हमारी पूर्व की सरकार न जनहित के मुद्दों को प्रमुखता दी। इस दौरान लोगों के इलाज के लिए हिमकेयर जैसी योजनाएं प्रदेश के लोगों को समर्पित हुई। लेकिन सुक्खू सरकार ने सभी योजनाओं को बंद करना शुरू कर दिया। आज हिम केयर योजना का क्या हाल है? सहारा योजना का क्या हाल है? सामाजिक सुरक्षा पेंशन का क्या हाल है। शगुन, स्वावलंबन जैसी योजनाओं का क्या हाल है? पूर्व की भाजपा सरकार एक कल्याणकारी राज्य की तरह जनसेवा कर रही थी। वर्तमान सरकार के क्रिया कलाप किसी भी हाल में कल्याणकारी राज्य के कार्य नहीं कहते हैं। सरकार सिर्फ़ टैक्सेस बढ़ाने, सुविधाएं छीनने के काम में लगी है। वर्तमान वित्तीय हालत की ज़िम्मेदारी सुक्खू सरकार का वित्तीय कुप्रबंधन है, जिसका ख़ामियाज़ा प्रदेश के लोग उठा रहे हैं।
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