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शिमला ! पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राणा ने बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित समारोह को लेकर सरकार के दावों की पोल खोल दी। यहां जारी एक बयान में पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राणा ने इस कार्यक्रम को पूरी तरह विफल बताते हुए तीखी टिप्पणी की।उन्होंने कहा कि समारोह में जनता का उत्साह गायब था, जबकि करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए। आमंत्रण पत्र पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला का नाम तक नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने सरकार की उपलब्धियां बताने की बजाय सिर्फ विपक्ष पर आरोप मढ़े और खजाने की खाली स्थिति का रोना रोया। उन्होंने कहा कि कुछ वक्ता इस रैली में अपने भीतर का गुस्सा निकालते रहे और कुछ वक्ता अपना रोना रो कर चलते बने। पब्लिक के हाथ सिर्फ निराशा लगी। भीड़ जुटाने में नाकाम सरकार राजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि सरकार ने इस दो साला के जश्न में 30 हज़ार लोगों के शामिल होने का दावा किया था, लेकिन हकीकत में मुश्किल से 5000 लोग भी नहीं जुट सके। इनमें से भी केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के कई लाभार्थियों को डरा धमका कर और दबाव डालकर कार्यक्रम में लाया गया था। रैली स्थल में अधिकांश बसें से खाली आई। भीड़ की कमी छिपाने के लिए मैदान को कनातों से ढककर छोटा कर दिया गया। भ्रष्टाचार और कर्ज का आरोप,राजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने दो सालों में भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ दिए और प्रदेश को कर्ज के दलदल में धकेल दिया। 2032 तक आत्मनिर्भर हिमाचल की बात करने वाली सरकार के पास उपलब्धियों के नाम पर सिर्फ खोखले दावे बचे हैं। उन्होंने कहा कि 2 साल में ही पहनती हजार करोड़ का ऋण लेकर प्रदेश का कर्ज एक लाख करोड़ से ज्यादा इस सरकार ने पहुंचा दिया है और आर्थिक बदहाली में प्रदेश को धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की विफलता से साफ हो गया है कि जनता की नजरों में कांग्रेस सरकार की साख खत्म हो चुकी है। इस जश्न ने सरकार की नाकामियों को उजागर करने का काम किया है।इस कार्यक्रम ने न सिर्फ करोड़ों के अपव्यय पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि सरकार अपनी लोकप्रियता खो चुकी है।
शिमला ! पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राणा ने बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित समारोह को लेकर सरकार के दावों की पोल खोल दी। यहां जारी एक बयान में पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राणा ने इस कार्यक्रम को पूरी तरह विफल बताते हुए तीखी टिप्पणी की।उन्होंने कहा कि समारोह में जनता का उत्साह गायब था, जबकि करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए। आमंत्रण पत्र पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला का नाम तक नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने सरकार की उपलब्धियां बताने की बजाय सिर्फ विपक्ष पर आरोप मढ़े और खजाने की खाली स्थिति का रोना रोया। उन्होंने कहा कि कुछ वक्ता इस रैली में अपने भीतर का गुस्सा निकालते रहे और कुछ वक्ता अपना रोना रो कर चलते बने। पब्लिक के हाथ सिर्फ निराशा लगी।
भीड़ जुटाने में नाकाम सरकार राजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि सरकार ने इस दो साला के जश्न में 30 हज़ार लोगों के शामिल होने का दावा किया था, लेकिन हकीकत में मुश्किल से 5000 लोग भी नहीं जुट सके। इनमें से भी केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के कई लाभार्थियों को डरा धमका कर और दबाव डालकर कार्यक्रम में लाया गया था। रैली स्थल में अधिकांश बसें से खाली आई। भीड़ की कमी छिपाने के लिए मैदान को कनातों से ढककर छोटा कर दिया गया।
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भ्रष्टाचार और कर्ज का आरोप,राजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने दो सालों में भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ दिए और प्रदेश को कर्ज के दलदल में धकेल दिया। 2032 तक आत्मनिर्भर हिमाचल की बात करने वाली सरकार के पास उपलब्धियों के नाम पर सिर्फ खोखले दावे बचे हैं। उन्होंने कहा कि 2 साल में ही पहनती हजार करोड़ का ऋण लेकर प्रदेश का कर्ज एक लाख करोड़ से ज्यादा इस सरकार ने पहुंचा दिया है और आर्थिक बदहाली में प्रदेश को धकेल दिया है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की विफलता से साफ हो गया है कि जनता की नजरों में कांग्रेस सरकार की साख खत्म हो चुकी है। इस जश्न ने सरकार की नाकामियों को उजागर करने का काम किया है।इस कार्यक्रम ने न सिर्फ करोड़ों के अपव्यय पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि सरकार अपनी लोकप्रियता खो चुकी है।
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