राज्य विद्युत बोर्ड का है मामला, उत्तर प्रदेश की कंपनी को पहुंचाया फायदा, 175 करोड़ के टेंडर को 245 करोड़ में किया आवंटित। वर्ल्ड बैंक का था पैसे। 3 उपचुनावो के चलते खर्चा पूरा करने का प्रयास कर रही कांग्रेस कई सरकारी अधिकारियों ने बोर्ड की बैठक से दूरी बनाई, रहे अनुपस्थित
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शिमला , 05 जुलाई ! भाजपा के नेता एवं विधायक सुधीर शर्मा ने कांग्रेस सरकार के एक और भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए कहा कि प्रदेश में रोज नए भ्रष्टाचार का खुलासा हो रहा है, एसा लगता है की जब से वर्तमान सरकार ने शपथ ली है। उसके बाद प्रदेश को ऑटो मोड़ पर छोड़ दिया है। कोई देखने वाला नहीं कोई पूछने वाला नहीं है। 3 जुलाई को हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की बीओडी की बैठक हुई और बीओडी की बैठक में बहुत से सदस्य और अधिकारी नदारद रहे। उसका कारण यह था की बैठक में आनन फानन में एक ऐस टेंडर को स्वीकृति दी गई जिसकी तय किमत से उसको कई गुना अधीक बड़ा करके एक कंपनी को दे दिया गया और इसलिए कई अधिकारी अनुपस्थित रहे, क्योंकी उनको पता था की इस प्रकार का भ्रष्टाचार होने वाला है। बैठक में प्रदेश वित्त विभाग ने कई प्रकार की आपत्तियां उठाई है। पहली आपत्ति जिस टेंडर की लागत 175 करोड़ रु है जो विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित है उसको बड़ा करके जिसको ठेका दिया जा रहा है उसने 245 करोड़ रु बढ़ा कर दिया और इसी को स्वीकृती प्रदान करने को आनन फानन में यह बैठक बुलाई गई, जिसमें वित विभाग की आपत्ती के बावजूद टेंडर पास किया गया। टेंडर को सिंगल बीड करता था, उसको औचित्य करने के लिए कई तरह के करण इसमें दिए गए। इसकी एक प्रतिलिपि भी हम मिडिया के साथ सांझा कर रहे है। यह एक सरकारी दस्तावेज़ है जिसपर हस्ताक्षर भी है। इसमें कारण यह दिए गए की सिंगल बीड करता आया और उसको टेंडर दे दिया गया। यह एक प्रचलन बन गया है हम ऐसी औपचारिकताओं में जाना ही नहीं चहाते और इस कारण हमें टेंडर देना पड़ रहा है। आनन फानन में इस टेंडर को आवंटित कर दिया जाता है। बैठक के मिनिट में लिखा है कि केबल का खर्च अतिरिक्त बीडकरता को उठाना होगा, इस टेंडर में केबल भाग था ही नहीं, एक अन्य बीडकरता से बाद में बातचीत करके केबल कंपोनेंट टेंडर में डाला गया और इस बात को लिखा गया की इसका अतिरिक्त खर्च बीडकरता पर पड़ेगा ,जबकी पैसा विश्व बैंक का है, कंपनी ने से केवल काम करना है। इस तरह के तर्क इसमें दिए गए है, यह खुला भ्रष्टाचार वरतमान कांग्रेस सरकार में हो रहा है। यह कंपनी 2022 में उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हुई और कंपनी का नाम है मैसर्स भारत कंन कोरप्रेट लिमिटिड, यह चितौड़ा, भजोल तेहसील चंदोसी जिला संबल यूपी में बनी है। इसका कीताना काम करने का तजुरबा होगा। कमानी को टेंडर कम से कम 39% से अधिक टेडर कास्ट बड़ा कर आवंटित किया गया। यह सीधा सिधा 100 करोड़ रु का भ्रष्टाचार है, जो कि वर्तमान प्रदेश सरकार के संरक्षण में हुआ है। सुधीर ने कहा कि क्या एसा तो नहीं है की वर्तमान उपचुनाव के चलते, अन्य खर्चा जो हो रहे है उसको देखते हुए खर्चे को पूरा करने के लीए इस टेंडर को जल्द से जल्द अवंटित करने का निर्णय लिया गया। एसी भी जल्दी क्या थी, होना री टेंडर चाहिए था। उन्होंने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा केके यह खुलम खुल्ला, दस्तावेज सहित, नीयम का उल्लंघन कर भष्टाचार का मामला है। इस प्रकार के भ्रष्टाचार के मामले कांग्रेस राज में आम हो गए है।
शिमला , 05 जुलाई ! भाजपा के नेता एवं विधायक सुधीर शर्मा ने कांग्रेस सरकार के एक और भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए कहा कि प्रदेश में रोज नए भ्रष्टाचार का खुलासा हो रहा है, एसा लगता है की जब से वर्तमान सरकार ने शपथ ली है। उसके बाद प्रदेश को ऑटो मोड़ पर छोड़ दिया है। कोई देखने वाला नहीं कोई पूछने वाला नहीं है।
3 जुलाई को हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की बीओडी की बैठक हुई और बीओडी की बैठक में बहुत से सदस्य और अधिकारी नदारद रहे। उसका कारण यह था की बैठक में आनन फानन में एक ऐस टेंडर को स्वीकृति दी गई जिसकी तय किमत से उसको कई गुना अधीक बड़ा करके एक कंपनी को दे दिया गया और इसलिए कई अधिकारी अनुपस्थित रहे, क्योंकी उनको पता था की इस प्रकार का भ्रष्टाचार होने वाला है।
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बैठक में प्रदेश वित्त विभाग ने कई प्रकार की आपत्तियां उठाई है। पहली आपत्ति जिस टेंडर की लागत 175 करोड़ रु है जो विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित है उसको बड़ा करके जिसको ठेका दिया जा रहा है उसने 245 करोड़ रु बढ़ा कर दिया और इसी को स्वीकृती प्रदान करने को आनन फानन में यह बैठक बुलाई गई, जिसमें वित विभाग की आपत्ती के बावजूद टेंडर पास किया गया।
टेंडर को सिंगल बीड करता था, उसको औचित्य करने के लिए कई तरह के करण इसमें दिए गए। इसकी एक प्रतिलिपि भी हम मिडिया के साथ सांझा कर रहे है। यह एक सरकारी दस्तावेज़ है जिसपर हस्ताक्षर भी है। इसमें कारण यह दिए गए की सिंगल बीड करता आया और उसको टेंडर दे दिया गया। यह एक प्रचलन बन गया है हम ऐसी औपचारिकताओं में जाना ही नहीं चहाते और इस कारण हमें टेंडर देना पड़ रहा है।
आनन फानन में इस टेंडर को आवंटित कर दिया जाता है। बैठक के मिनिट में लिखा है कि केबल का खर्च अतिरिक्त बीडकरता को उठाना होगा, इस टेंडर में केबल भाग था ही नहीं, एक अन्य बीडकरता से बाद में बातचीत करके केबल कंपोनेंट टेंडर में डाला गया और इस बात को लिखा गया की इसका अतिरिक्त खर्च बीडकरता पर पड़ेगा ,जबकी पैसा विश्व बैंक का है, कंपनी ने से केवल काम करना है।
इस तरह के तर्क इसमें दिए गए है, यह खुला भ्रष्टाचार वरतमान कांग्रेस सरकार में हो रहा है। यह कंपनी 2022 में उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हुई और कंपनी का नाम है मैसर्स भारत कंन कोरप्रेट लिमिटिड, यह चितौड़ा, भजोल तेहसील चंदोसी जिला संबल यूपी में बनी है। इसका कीताना काम करने का तजुरबा होगा। कमानी को टेंडर कम से कम 39% से अधिक टेडर कास्ट बड़ा कर आवंटित किया गया। यह सीधा सिधा 100 करोड़ रु का भ्रष्टाचार है, जो कि वर्तमान प्रदेश सरकार के संरक्षण में हुआ है।
सुधीर ने कहा कि क्या एसा तो नहीं है की वर्तमान उपचुनाव के चलते, अन्य खर्चा जो हो रहे है उसको देखते हुए खर्चे को पूरा करने के लीए इस टेंडर को जल्द से जल्द अवंटित करने का निर्णय लिया गया। एसी भी जल्दी क्या थी, होना री टेंडर चाहिए था। उन्होंने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा केके यह खुलम खुल्ला, दस्तावेज सहित, नीयम का उल्लंघन कर भष्टाचार का मामला है। इस प्रकार के भ्रष्टाचार के मामले कांग्रेस राज में आम हो गए है।
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