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शिमला , 13 सितंबर [ विशाल सूद ] ! आज राजधानी शिमला में राज्य सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने एक बैठक की जिसमें कर्मचारी नेताओं को विशेषाधिकार नोटिस देने के मामले को लेकर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि 17 को सचिवालय में फिर से एक जनरल हाउस का आयोजन किया जाएगा। इस जनरल हाउस को विधानसभा सत्र के चलते टाल दिया गया था। आपको बता दे कि मंत्री धर्मानी द्वारा सचिवालय कर्मचारियों को दिए गए विशेषाधिकार नोटिस पर कर्मचारियों में काफी रोष है। वही महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि हिमाचल में कर्मचारियों ने रात दिन काम किया है। हिमाचल के इतिहास में पहली बार हुआ कि जब कर्मचारियों को विशेषाधिकार नोटिस दिया गया। उन्होंने कहा कि हम उससे डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि हम विधानसभा में विघ्न डालते और तब विशेषाधिकार नोटिस जारी किया जाता तो बात कुछ और थी। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री के पुतले फूंके जाते थे तब भी ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पूर्व सीएम जयराम ठाकुर का भी घिराव किया गया था पिछली बार भी तीन मंत्री जब शपथ ले रहे थे तो हमने सचिवालय के दरवाजे बंद कर दिए थे तब भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार कर्मचारियों की बदौलत आज सत्ता में है। वार्ता के लिए हम तैयार हैं संवाद से ही मुद्दा हल होगा।
शिमला , 13 सितंबर [ विशाल सूद ] ! आज राजधानी शिमला में राज्य सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने एक बैठक की जिसमें कर्मचारी नेताओं को विशेषाधिकार नोटिस देने के मामले को लेकर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि 17 को सचिवालय में फिर से एक जनरल हाउस का आयोजन किया जाएगा। इस जनरल हाउस को विधानसभा सत्र के चलते टाल दिया गया था। आपको बता दे कि मंत्री धर्मानी द्वारा सचिवालय कर्मचारियों को दिए गए विशेषाधिकार नोटिस पर कर्मचारियों में काफी रोष है।
वही महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि हिमाचल में कर्मचारियों ने रात दिन काम किया है। हिमाचल के इतिहास में पहली बार हुआ कि जब कर्मचारियों को विशेषाधिकार नोटिस दिया गया। उन्होंने कहा कि हम उससे डरने वाले नहीं है।
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उन्होंने कहा कि यदि हम विधानसभा में विघ्न डालते और तब विशेषाधिकार नोटिस जारी किया जाता तो बात कुछ और थी।
उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री के पुतले फूंके जाते थे तब भी ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पूर्व सीएम जयराम ठाकुर का भी घिराव किया गया था पिछली बार भी तीन मंत्री जब शपथ ले रहे थे तो हमने सचिवालय के दरवाजे बंद कर दिए थे तब भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार कर्मचारियों की बदौलत आज सत्ता में है। वार्ता के लिए हम तैयार हैं संवाद से ही मुद्दा हल होगा।
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