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शिमला, 11 सितम्बर, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! हि.प्र.एस. टी. पी. कॉन्ट्रैक्ट वर्करज यूनियन सम्बन्धित सीटू ने किसान मजदूर भवन चिटकारा पार्क शिमला में राज्य कमेटी की बैठक हुई जिसमें सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, शिमला जिला के सचिव रमाकांत मिश्रा हि.प्र.एस.टी. पी. यूनियन के अध्यक्ष पंकज शर्मा, महासचिव दलीप सिंह, कोषाध्यक्ष धनेश कुमार, संतोष कुमार, विशाल, अशोक, पवन, सुनील, सूरज, रोहित, राहुल, संजय सामटा, संजू, विनोद,आदि मौजूद रहे। मीटींग में मांग की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के सभी मजदूरों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्तूबर 2016 के निर्णय अनुसार समान काम का समान वेतन दिया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के 12 मार्च 2024 के निर्णय अनुसार रेगुलर किया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों का अलग से वेतन शेडयूल बनाया जाए और न्यूनतम वेतन के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक वेतन दिया जाए, क्योंकि साधारण काम के मुकाबले सीवरेज का काम बहुत मुश्किल होता है जिसमें काम करते हुए मजदूरों को बहुत सारी जहरीली और ज्वलनशील गैसों का सामना करना पड़ता है। सभी एसटीपी को फैक्ट्री एक्ट के दायरे में पंजीकृत किया जाए और फैक्ट्री एक्ट के दायरे में आने वाली सारी सुविधाएं मजदूरों को दी जाएं। मैन्युअल स्कैवेंजर्स एक्ट 2013 के अनुसार मजदूरों को सभी प्रकार के सुरक्षा उपकरण दिए जाएं जिसमें पीपीई किट, ऑक्सीजन मास्क, गम बूट, हेलमेट, ग्लब्स, लाइफ जैकेट, सुरक्षा चश्मे, सेफ्टी बेल्ट, पोर्टेबल फैन, प्राथमिक उपचार पेटी, साबुन, सेनेटाइजर, स्किन लोशन, मास्क आदि शामिल हैं। मैन्युअल स्कैवेंजर्स एक्ट 2013 को सख्ती से लागू किया जाए तथा इसकी अहवेलना करने वालों पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च 2014 के निर्णय अनुसार ठोस कार्रवाई की जाए। सभी मजदूरों को पहचान पत्र जारी किए जाएं। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को महिला तथा पुरुष के अनुसार कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम, बाथरूम, लॉन्ड्री और टॉयलेट की सुविधा दी जाए। नेटवर्क मजदूरों को भोजन व औजार रखने के लिए कमरे की व्यवस्था की जाए। सभी एसटीपी में पीने के पानी की उचित सुविधा मुहैया करवाई जाए और एक्वागार्ड की सुविधा दी जाए। सभी एसटीपी के पुराने स्टाफ क्वार्टर की मुरम्मत की जाए तथा उनके ऊपर छत लगाई जाए और नए स्टाफ क्वार्टर भी बनाए जाएं। सभी मजदूरों को सर्दी व गर्मी अनुसार दो वर्दी सैट दिए जाएं। सभी रिक्त पदों को तुरत भरा जाए। ईपीएफऔर ईएसआई की सभी त्रुटियां ठीक की जाएं तथा बकाया भुगतान जमा किया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को हर महीने की 7 तारीख से पहले वेतन दिया जाए। सभी एसटीपी में जो खाद निकल रही है उससे दुर्गन्ध फैल रही है और आसपास के स्थानीय निवासी भी दुर्गन्ध की शिकायत कर रहे हैं। इसलिए उसे वहां से तुरंत उठाया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट व नेटवर्क के मजदूरों को बोनस की सुविधा दी जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को अर्जित, आकस्मिक, मेडिकल, राष्ट्रीय व त्यौहार आदि सभी प्रकार की छुट्टिया दी जाएं। इसके अलावा केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 44 श्रम कनूनों को खत्म करके 4 लेबर कोड बना कर मजदूरों के हको पर हमले किए जा रहे है। जिस पर देश मे 23 सितम्बर 2024 को काला दिवस मनाया जाएगा जिसमें हि.प्र.एस. टी. पी. यूनियन के सभी मजदूर भाग लेंगे। इसके अलावा ठेका मजदूर और आऊटसोर्स के सभी मजदूरों को जागरूक करके संगठित किया जाएगा और 30 सितम्बर 2024 स्थाई नीति की मांग करते हुए देशव्यापी प्रदर्शन किए जाएगें जिसमें हि.प्र.एस. टी. पी. यूनियन के सभी मजदूर भाग लेंगे।
शिमला, 11 सितम्बर, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! हि.प्र.एस. टी. पी. कॉन्ट्रैक्ट वर्करज यूनियन सम्बन्धित सीटू ने किसान मजदूर भवन चिटकारा पार्क शिमला में राज्य कमेटी की बैठक हुई जिसमें सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, शिमला जिला के सचिव रमाकांत मिश्रा हि.प्र.एस.टी. पी. यूनियन के अध्यक्ष पंकज शर्मा, महासचिव दलीप सिंह, कोषाध्यक्ष धनेश कुमार, संतोष कुमार, विशाल, अशोक, पवन, सुनील, सूरज, रोहित, राहुल, संजय सामटा, संजू, विनोद,आदि मौजूद रहे।
मीटींग में मांग की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के सभी मजदूरों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्तूबर 2016 के निर्णय अनुसार समान काम का समान वेतन दिया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के 12 मार्च 2024 के निर्णय अनुसार रेगुलर किया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों का अलग से वेतन शेडयूल बनाया जाए और न्यूनतम वेतन के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक वेतन दिया जाए, क्योंकि साधारण काम के मुकाबले सीवरेज का काम बहुत मुश्किल होता है जिसमें काम करते हुए मजदूरों को बहुत सारी जहरीली और ज्वलनशील गैसों का सामना करना पड़ता है।
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सभी एसटीपी को फैक्ट्री एक्ट के दायरे में पंजीकृत किया जाए और फैक्ट्री एक्ट के दायरे में आने वाली सारी सुविधाएं मजदूरों को दी जाएं। मैन्युअल स्कैवेंजर्स एक्ट 2013 के अनुसार मजदूरों को सभी प्रकार के सुरक्षा उपकरण दिए जाएं जिसमें पीपीई किट, ऑक्सीजन मास्क, गम बूट, हेलमेट, ग्लब्स, लाइफ जैकेट, सुरक्षा चश्मे, सेफ्टी बेल्ट, पोर्टेबल फैन, प्राथमिक उपचार पेटी, साबुन, सेनेटाइजर, स्किन लोशन, मास्क आदि शामिल हैं।
मैन्युअल स्कैवेंजर्स एक्ट 2013 को सख्ती से लागू किया जाए तथा इसकी अहवेलना करने वालों पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च 2014 के निर्णय अनुसार ठोस कार्रवाई की जाए। सभी मजदूरों को पहचान पत्र जारी किए जाएं। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को महिला तथा पुरुष के अनुसार कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम, बाथरूम, लॉन्ड्री और टॉयलेट की सुविधा दी जाए।
नेटवर्क मजदूरों को भोजन व औजार रखने के लिए कमरे की व्यवस्था की जाए। सभी एसटीपी में पीने के पानी की उचित सुविधा मुहैया करवाई जाए और एक्वागार्ड की सुविधा दी जाए। सभी एसटीपी के पुराने स्टाफ क्वार्टर की मुरम्मत की जाए तथा उनके ऊपर छत लगाई जाए और नए स्टाफ क्वार्टर भी बनाए जाएं। सभी मजदूरों को सर्दी व गर्मी अनुसार दो वर्दी सैट दिए जाएं। सभी रिक्त पदों को तुरत भरा जाए। ईपीएफऔर ईएसआई की सभी त्रुटियां ठीक की जाएं तथा बकाया भुगतान जमा किया जाए।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को हर महीने की 7 तारीख से पहले वेतन दिया जाए। सभी एसटीपी में जो खाद निकल रही है उससे दुर्गन्ध फैल रही है और आसपास के स्थानीय निवासी भी दुर्गन्ध की शिकायत कर रहे हैं। इसलिए उसे वहां से तुरंत उठाया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट व नेटवर्क के मजदूरों को बोनस की सुविधा दी जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को अर्जित, आकस्मिक, मेडिकल, राष्ट्रीय व त्यौहार आदि सभी प्रकार की छुट्टिया दी जाएं।
इसके अलावा केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 44 श्रम कनूनों को खत्म करके 4 लेबर कोड बना कर मजदूरों के हको पर हमले किए जा रहे है। जिस पर देश मे 23 सितम्बर 2024 को काला दिवस मनाया जाएगा जिसमें हि.प्र.एस. टी. पी. यूनियन के सभी मजदूर भाग लेंगे। इसके अलावा ठेका मजदूर और आऊटसोर्स के सभी मजदूरों को जागरूक करके संगठित किया जाएगा और 30 सितम्बर 2024 स्थाई नीति की मांग करते हुए देशव्यापी प्रदर्शन किए जाएगें जिसमें हि.प्र.एस. टी. पी. यूनियन के सभी मजदूर भाग लेंगे।
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