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शिमल ! डिजिटल तकनीक विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के डिजिटल तकनीक विभाग ने विभिन्न विभागों के समन्वय से एनईएसडीए में अनिवार्य 56 ई-सेवाओं की सौ फीसदी परिपूर्णता का लक्ष्य हासिल कर लिया है। एनईएसडीए (राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण आकलन) फ्रेमवर्क के मानकों के अनुसार इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस द्वारा किए गए प्रभावी मूल्यांकन से यह स्पष्ट हुआ है कि राज्य ने इस संबंध में उल्लेखनीय प्रगति की है और सिर्फ छह महीनों में 40.89 फीसदी सुधार हुआ है। जलशक्ति व शिक्षा विभाग और राज्य विद्युत बोर्ड ने बीते कुछ महीनों में सराहनीय प्रदर्शन किया है। इस प्रगति से राज्य की रैंकिंग भी बढ़ेगी। एनईएसडीए के मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभागों से आग्रह किया गया है कि शेष मानकों पर निरंतर कार्य करें। उन्होंने बताया कि डिजिटल तकनीक विभाग ने आज यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस के सहयोग से सभी विभागों के प्रतिनिधियों को हिम डाटा पोर्टल और एनईएसडीए फ्रेमवर्क पर प्रशिक्षण देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस ने इस दौरान राज्य सरकार की एनईएसडीए फ्रेमवर्क में प्रभावी आकलन और प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट साझा की। इस अवसर पर इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस में भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी की निदेशक पॉलिसी डॉ. आरुषि जैन ने राज्य सरकार के विभागों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिम डाटा पोर्टल (ीपउकंजंचवतजंसण्बवउ) ई-गवर्नेंस सेवा वितरण तंत्र को बढ़ाने के लिए ओपन डाटा पारिस्थितिकी का संवर्धन करेगा। हिम डाटा पोर्टल प्रदेश सरकार के डाटा के लिए वन-स्टॉप मंच है। इस संबंध मेें एनईएसडीए ने हाल ही में दिशा-निर्देश दिए थे।पोर्टल का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही और नवाचार को बढ़ावा देना है ताकि राज्य के नागरिकों, उद्योगपतियों और पॉलिसी निर्माताओं की उच्च गुणवत्ता डाटा तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस द्वारा विकसित किया गया यह पोर्टल अब राज्य सरकार को सौंपा जा रहा है। भारत सरकार के सभी स्तरों पर एनईएसडीए फ्रेमवर्क ई-गवर्नेंस सेवाओं के प्रतिपादन तंत्र का व्यापक आकलन है। केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा वर्ष 2018 में इसका शुभारंभ किया गया था।एनईएसडीए का उद्देश्य मौजूदा ई-गवर्नेंस सेवाओं के प्रतिपादन तंत्र के प्रभाव का आकलन करना है। राज्य की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस को डिजिटल प्रगति के लिए सुझाव देने का कार्य सौंपा गया था।
शिमल ! डिजिटल तकनीक विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के डिजिटल तकनीक विभाग ने विभिन्न विभागों के समन्वय से एनईएसडीए में अनिवार्य 56 ई-सेवाओं की सौ फीसदी परिपूर्णता का लक्ष्य हासिल कर लिया है। एनईएसडीए (राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण आकलन) फ्रेमवर्क के मानकों के अनुसार इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस द्वारा किए गए प्रभावी मूल्यांकन से यह स्पष्ट हुआ है कि राज्य ने इस संबंध में उल्लेखनीय प्रगति की है और सिर्फ छह महीनों में 40.89 फीसदी सुधार हुआ है। जलशक्ति व शिक्षा विभाग और राज्य विद्युत बोर्ड ने बीते कुछ महीनों में सराहनीय प्रदर्शन किया है। इस प्रगति से राज्य की रैंकिंग भी बढ़ेगी। एनईएसडीए के मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभागों से आग्रह किया गया है कि शेष मानकों पर निरंतर कार्य करें।
उन्होंने बताया कि डिजिटल तकनीक विभाग ने आज यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस के सहयोग से सभी विभागों के प्रतिनिधियों को हिम डाटा पोर्टल और एनईएसडीए फ्रेमवर्क पर प्रशिक्षण देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस ने इस दौरान राज्य सरकार की एनईएसडीए फ्रेमवर्क में प्रभावी आकलन और प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट साझा की।
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इस अवसर पर इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस में भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी की निदेशक पॉलिसी डॉ. आरुषि जैन ने राज्य सरकार के विभागों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिम डाटा पोर्टल (ीपउकंजंचवतजंसण्बवउ) ई-गवर्नेंस सेवा वितरण तंत्र को बढ़ाने के लिए ओपन डाटा पारिस्थितिकी का संवर्धन करेगा।
हिम डाटा पोर्टल प्रदेश सरकार के डाटा के लिए वन-स्टॉप मंच है। इस संबंध मेें एनईएसडीए ने हाल ही में दिशा-निर्देश दिए थे।पोर्टल का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही और नवाचार को बढ़ावा देना है ताकि राज्य के नागरिकों, उद्योगपतियों और पॉलिसी निर्माताओं की उच्च गुणवत्ता डाटा तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस द्वारा विकसित किया गया यह पोर्टल अब राज्य सरकार को सौंपा जा रहा है।
भारत सरकार के सभी स्तरों पर एनईएसडीए फ्रेमवर्क ई-गवर्नेंस सेवाओं के प्रतिपादन तंत्र का व्यापक आकलन है। केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा वर्ष 2018 में इसका शुभारंभ किया गया था।
एनईएसडीए का उद्देश्य मौजूदा ई-गवर्नेंस सेवाओं के प्रतिपादन तंत्र के प्रभाव का आकलन करना है। राज्य की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस को डिजिटल प्रगति के लिए सुझाव देने का कार्य सौंपा गया था।
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