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शिमला , 07 जुलाई [ विशाल सूद ] ! शुक्रवार दोपहर भारी बारिश के बीच छात्र संगठन एसएफआई में राजभवन के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। भारी बारिश के बावजूद एसएफआई के कार्यकर्ता राजभवन के बाहर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। छात्र संगठन एसएफआई में नई शिक्षा नीति छात्र संघ चुनाव बहाल करने और विश्वविद्यालय में कथित तौर पर गलत तरीके से की गई भर्तियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्र संगठन एसएफआई के राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश के लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने नई शिक्षा नीति को कैंसर बताया और कहा कि जिस तरह कैंसर व्यक्ति की जड़ों को खत्म करता है। उसी तरह नई शिक्षा नीति की जड़ों पर हमला करेगी। उन्होंने कहा कि लंबे वक्त से छात्र संघ चुनाव बहाली नहीं हुई है। पहले कांग्रेस ने चुनाव बंद किए और सत्ता में आने से पहले भाजपा ने छात्र संघ चुनाव बहाली का वादा किया, लेकिन पांच साल तक पूरा नहीं किया। अब कांग्रेस सरकार भी इस बारे में कोई बात नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते वक्त में 70 फ़ीसदी प्रोफेसरों की भर्तियां विश्वविद्यालय में गलत तरीके से हुई। विश्वविद्यालय में अब तक स्थाई कुलपति की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इसके अलावा प्रदेश के 104 कॉलेजों में भी प्रिंसिपल नहीं हैं. ऐसे में प्रदेश के राज्यपाल को इन सब बातों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी बात नहीं मानेगी, तो आने वाले वक्त में छात्र शक्ति के साथ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 07 जुलाई [ विशाल सूद ] ! शुक्रवार दोपहर भारी बारिश के बीच छात्र संगठन एसएफआई में राजभवन के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। भारी बारिश के बावजूद एसएफआई के कार्यकर्ता राजभवन के बाहर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। छात्र संगठन एसएफआई में नई शिक्षा नीति छात्र संघ चुनाव बहाल करने और विश्वविद्यालय में कथित तौर पर गलत तरीके से की गई भर्तियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।
छात्र संगठन एसएफआई के राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश के लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने नई शिक्षा नीति को कैंसर बताया और कहा कि जिस तरह कैंसर व्यक्ति की जड़ों को खत्म करता है। उसी तरह नई शिक्षा नीति की जड़ों पर हमला करेगी।
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उन्होंने कहा कि लंबे वक्त से छात्र संघ चुनाव बहाली नहीं हुई है। पहले कांग्रेस ने चुनाव बंद किए और सत्ता में आने से पहले भाजपा ने छात्र संघ चुनाव बहाली का वादा किया, लेकिन पांच साल तक पूरा नहीं किया। अब कांग्रेस सरकार भी इस बारे में कोई बात नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते वक्त में 70 फ़ीसदी प्रोफेसरों की भर्तियां विश्वविद्यालय में गलत तरीके से हुई। विश्वविद्यालय में अब तक स्थाई कुलपति की नियुक्ति नहीं हो सकी है।
इसके अलावा प्रदेश के 104 कॉलेजों में भी प्रिंसिपल नहीं हैं. ऐसे में प्रदेश के राज्यपाल को इन सब बातों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी बात नहीं मानेगी, तो आने वाले वक्त में छात्र शक्ति के साथ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।
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