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शिमला। ! नेता प्रतिपक्ष ने शिमला स्थित अपने आधिकारिक आवास पर मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हर दिन केंद्र सरकार को जी भर कर गाली देते हैं और केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित योजनाओं का ही फीता भी काटते हैं। लेकिन केंद्र सरकार के सहयोग का आभार जताने के लिए दो शब्द भी नहीं कहते हैं। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी स्थित टर्शरी कैंसर सेंटर के निर्माण में सारा पैसा केंद्र सरकार का लगा है लेकिन उद्घाटन करने पहुंचें मुख्यमंत्री ने केंद्र के बारे में एक भी अच्छा शब्द नहीं कहा। आईजीएमसी में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस जिस कैंसर अस्पताल के भवन का लोकार्पण हुआ उसके भवन और उपकरणों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 56 करोड़ रुपए दिए। पूर्व की बीजेपी सरकार के समय से काम चल रहा था। दो सालों जो भी फीता इस सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने काटा है वह या तो पूर्व भाजपा सरकार के काम है या फिर केंद्र सरकार के काम है। लेकिन देश भर में घूम-घूम कर मुख्यमंत्री और मंत्री कहते हैं कि हमें केंद्र हमें कुछ भी नहीं दे रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भवन के निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 14 करोड़ 87 लाख रुपए दिए गए। इसके बाद अस्पताल के लिए अत्याधुनिक मशीनें और उपकरण खरीदने के लिए दो किश्तों में 12 करोड़ 60 लाख और 28 करोड़ 45 लाख रुपए भी केंद्र सरकार द्वारा दिए। लेकिन इस अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर भी मुख्यमंत्री ने बड़ा दिल दिखाना तो दूर की बात सामान्य शिष्टाचार का भी निर्वहन नहीं किया और केंद्र सरकार को कोसने में ही सारी ऊर्जा खर्च की। इसके बाद वह भारत के संघीय ढांचे की बात करते हैं। लेकिन भारत संघ के प्रधानमंत्री और सरकार के बारे में वह कैसी-कैसी बातें करते हैं? प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का सुक्खू सरकार ने बुरा हाल करके रखा हैं। प्रदेशवासियों के लिए संजीवनी कहीं जाने वाली हिमकेयर को ही निजी अस्पतालों में आधिकारिक रूप से और सरकारी अस्पतालों में अघोषित रूप से बंद कर दिया है। मुझे आज भी लोगों के फ़ोन आते हैं और वह शिकायत करते हैं कि यह कार्ड अब चल ही नहीं रहा है। लोग इलाज को तरस जा रहे हैं। क्या इसी व्यवस्था परिवर्तन की बात मुख्यमंत्री ने की थी? जयराम ठाकुर ने कहा कि इस केंद्र सरकार के सहयोग से ही अलग सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बना। सरकार ने जल्दबाजी में आईजीएमसी से कई डिपार्टमेंट वहाँ शिफ्ट कर दिए लेकिन इसके बाद जो हुआ वह बहुत शर्मनाक है। वहाँ सड़क और अन्य सुविधाएं न होने की वजह से हाईकोर्ट के आदेश पर उसे बंद करना पड़ा। इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है। दो साल के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ढाई किलोमीटर सड़क नहीं बना पाई जिसकी वजह से अटल सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल की सेवाओं को रोकना पड़ा। प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य के मुद्दों पर जो संजीदगी है उसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब झूठ बोलने से काम नहीं चलेगा प्रदेश के लोगों को सरकार राहत देने का काम करे।
शिमला। ! नेता प्रतिपक्ष ने शिमला स्थित अपने आधिकारिक आवास पर मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हर दिन केंद्र सरकार को जी भर कर गाली देते हैं और केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित योजनाओं का ही फीता भी काटते हैं। लेकिन केंद्र सरकार के सहयोग का आभार जताने के लिए दो शब्द भी नहीं कहते हैं। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी स्थित टर्शरी कैंसर सेंटर के निर्माण में सारा पैसा केंद्र सरकार का लगा है लेकिन उद्घाटन करने पहुंचें मुख्यमंत्री ने केंद्र के बारे में एक भी अच्छा शब्द नहीं कहा। आईजीएमसी में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस जिस कैंसर अस्पताल के भवन का लोकार्पण हुआ उसके भवन और उपकरणों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 56 करोड़ रुपए दिए। पूर्व की बीजेपी सरकार के समय से काम चल रहा था। दो सालों जो भी फीता इस सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने काटा है वह या तो पूर्व भाजपा सरकार के काम है या फिर केंद्र सरकार के काम है। लेकिन देश भर में घूम-घूम कर मुख्यमंत्री और मंत्री कहते हैं कि हमें केंद्र हमें कुछ भी नहीं दे रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भवन के निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 14 करोड़ 87 लाख रुपए दिए गए। इसके बाद अस्पताल के लिए अत्याधुनिक मशीनें और उपकरण खरीदने के लिए दो किश्तों में 12 करोड़ 60 लाख और 28 करोड़ 45 लाख रुपए भी केंद्र सरकार द्वारा दिए। लेकिन इस अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर भी मुख्यमंत्री ने बड़ा दिल दिखाना तो दूर की बात सामान्य शिष्टाचार का भी निर्वहन नहीं किया और केंद्र सरकार को कोसने में ही सारी ऊर्जा खर्च की। इसके बाद वह भारत के संघीय ढांचे की बात करते हैं। लेकिन भारत संघ के प्रधानमंत्री और सरकार के बारे में वह कैसी-कैसी बातें करते हैं? प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का सुक्खू सरकार ने बुरा हाल करके रखा हैं। प्रदेशवासियों के लिए संजीवनी कहीं जाने वाली हिमकेयर को ही निजी अस्पतालों में आधिकारिक रूप से और सरकारी अस्पतालों में अघोषित रूप से बंद कर दिया है। मुझे आज भी लोगों के फ़ोन आते हैं और वह शिकायत करते हैं कि यह कार्ड अब चल ही नहीं रहा है। लोग इलाज को तरस जा रहे हैं। क्या इसी व्यवस्था परिवर्तन की बात मुख्यमंत्री ने की थी?
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जयराम ठाकुर ने कहा कि इस केंद्र सरकार के सहयोग से ही अलग सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बना। सरकार ने जल्दबाजी में आईजीएमसी से कई डिपार्टमेंट वहाँ शिफ्ट कर दिए लेकिन इसके बाद जो हुआ वह बहुत शर्मनाक है। वहाँ सड़क और अन्य सुविधाएं न होने की वजह से हाईकोर्ट के आदेश पर उसे बंद करना पड़ा। इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है। दो साल के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ढाई किलोमीटर सड़क नहीं बना पाई जिसकी वजह से अटल सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल की सेवाओं को रोकना पड़ा। प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य के मुद्दों पर जो संजीदगी है उसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब झूठ बोलने से काम नहीं चलेगा प्रदेश के लोगों को सरकार राहत देने का काम करे।
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