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शिमला , 09 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! एस. टी. पी. कॉन्ट्रैक्ट वर्करज यूनियन सम्बन्धित सीटू का सातवां सम्मेलन शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला सचिव रमाकांत मिश्रा व कोषाध्यक्ष बालक राम सहित अनेकों मजदूर शामिल रहे। सम्मेलन में दलीप सिंह को यूनियन अध्यक्ष, पंकज शर्मा को महासचिव, धनेश कुमार को कोषाध्यक्ष, राधेश्याम, सुनील संजू को उपाध्यक्ष, रीना शर्मा, रविन्द्र को सचिव, पुष्पा, टेक चंद, संदीप, अशोक कुमार, अंकुश, सुनील शर्मा, राम लाल, सीमा, अनिल, रणजीत, रमेश व भारत भूषण को कमेटी सदस्य चुना गया। सम्मेलन का उद्घाटन विजेंद्र मेहरा ने किया। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए विजेंद्र मेहरा, रमाकांत मिश्रा, बालक राम, पंकज शर्मा व दलीप सिंह ने मांग की कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के सभी मजदूरों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्तूबर 2016 के निर्णय अनुसार समान काम का समान वेतन दिया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के 12 मार्च 2024 के निर्णय अनुसार रेगुलर किया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों के लिए अलग से वेतन शेडयूल बनाया जाए व उन्हें न्यूनतम वेतन के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक वेतन दिया जाए, क्योंकि साधारण काम के मुकाबले सीवरेज का काम बहुत मुश्किल होता है जिसमें काम करते हुए मजदूरों को बहुत सारी जहरीली और ज्वलनशील गैसों का सामना करना पड़ता है। सभी एसटीपी को फैक्ट्री एक्ट के दायरे में पंजीकृत किया जाए और फैक्ट्री एक्ट के दायरे में आने वाली सारी सुविधाएं मजदूरों को दी जाएं। मैन्युअल स्कैवेंजर्स एक्ट 2013 व नेशनल सफाई आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार मजदूरों को सभी प्रकार के सुरक्षा उपकरण दिए जाएं जिसमें पीपीई किट, ऑक्सीजन मास्क, गम बूट, हेलमेट, ग्लब्स, लाइफ जैकेट, सुरक्षा चश्मे, सेफ्टी बेल्ट, पोर्टेबल फैन, प्राथमिक उपचार पेटी, साबुन, सेनेटाइजर, स्किन लोशन, मास्क आदि शामिल हैं। मैन्युअल स्कैवेंजर्स एक्ट 2013 को सख्ती से लागू किया जाए तथा इसकी अहवेलना करने वालों पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च 2014 के निर्णय अनुसार ठोस कार्रवाई की जाए। सभी मजदूरों को पहचान पत्र जारी किए जाएं। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को महिला तथा पुरुष के अनुसार कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम, बाथरूम, लॉन्ड्री और टॉयलेट की सुविधा दी जाए। नेटवर्क मजदूरों को भोजन व औजार रखने के लिए कमरे की व्यवस्था की जाए। सभी एसटीपी में पीने के पानी की उचित सुविधा मुहैया करवाई जाए और एक्वागार्ड की सुविधा दी जाए। सभी एसटीपी के पुराने स्टाफ क्वार्टर की मुरम्मत की जाए तथा उनके ऊपर छत लगाई जाए और नए स्टाफ क्वार्टर भी बनाए जाएं। सभी मजदूरों को सर्दी व गर्मी अनुसार दो वर्दी सैट दिए जाएं। सभी रिक्त पदों को तुरत भरा जाए। ईपीएफऔर ईएसआई की सभी त्रुटियां ठीक की जाएं तथा बकाया भुगतान जमा किया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को हर महीने की 7 तारीख से पहले वेतन दिया जाए। सभी एसटीपी में जो खाद निकल रही है उससे दुर्गन्ध फैल रही है और आसपास के स्थानीय निवासी भी दुर्गन्ध की शिकायत कर रहे हैं। इसलिए उसे वहां से तुरंत उठाया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट व नेटवर्क के मजदूरों को बोनस की सुविधा दी जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को अर्जित, आकस्मिक, मेडिकल, राष्ट्रीय व त्यौहार आदि सभी प्रकार की छुट्टिया दी जाएं। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों के वेतन में वरिष्ठता के आधार पर प्रतिवर्ष वेतन बढ़ोतरी की जाए।
शिमला , 09 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! एस. टी. पी. कॉन्ट्रैक्ट वर्करज यूनियन सम्बन्धित सीटू का सातवां सम्मेलन शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला सचिव रमाकांत मिश्रा व कोषाध्यक्ष बालक राम सहित अनेकों मजदूर शामिल रहे। सम्मेलन में दलीप सिंह को यूनियन अध्यक्ष, पंकज शर्मा को महासचिव, धनेश कुमार को कोषाध्यक्ष, राधेश्याम, सुनील संजू को उपाध्यक्ष, रीना शर्मा, रविन्द्र को सचिव, पुष्पा, टेक चंद, संदीप, अशोक कुमार, अंकुश, सुनील शर्मा, राम लाल, सीमा, अनिल, रणजीत, रमेश व भारत भूषण को कमेटी सदस्य चुना गया।
सम्मेलन का उद्घाटन विजेंद्र मेहरा ने किया। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए विजेंद्र मेहरा, रमाकांत मिश्रा, बालक राम, पंकज शर्मा व दलीप सिंह ने मांग की कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के सभी मजदूरों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्तूबर 2016 के निर्णय अनुसार समान काम का समान वेतन दिया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के 12 मार्च 2024 के निर्णय अनुसार रेगुलर किया जाए।
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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों के लिए अलग से वेतन शेडयूल बनाया जाए व उन्हें न्यूनतम वेतन के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक वेतन दिया जाए, क्योंकि साधारण काम के मुकाबले सीवरेज का काम बहुत मुश्किल होता है जिसमें काम करते हुए मजदूरों को बहुत सारी जहरीली और ज्वलनशील गैसों का सामना करना पड़ता है। सभी एसटीपी को फैक्ट्री एक्ट के दायरे में पंजीकृत किया जाए और फैक्ट्री एक्ट के दायरे में आने वाली सारी सुविधाएं मजदूरों को दी जाएं। मैन्युअल स्कैवेंजर्स एक्ट 2013 व नेशनल सफाई आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार मजदूरों को सभी प्रकार के सुरक्षा उपकरण दिए जाएं जिसमें पीपीई किट, ऑक्सीजन मास्क, गम बूट, हेलमेट, ग्लब्स, लाइफ जैकेट, सुरक्षा चश्मे, सेफ्टी बेल्ट, पोर्टेबल फैन, प्राथमिक उपचार पेटी, साबुन, सेनेटाइजर, स्किन लोशन, मास्क आदि शामिल हैं।
मैन्युअल स्कैवेंजर्स एक्ट 2013 को सख्ती से लागू किया जाए तथा इसकी अहवेलना करने वालों पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च 2014 के निर्णय अनुसार ठोस कार्रवाई की जाए। सभी मजदूरों को पहचान पत्र जारी किए जाएं। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को महिला तथा पुरुष के अनुसार कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम, बाथरूम, लॉन्ड्री और टॉयलेट की सुविधा दी जाए। नेटवर्क मजदूरों को भोजन व औजार रखने के लिए कमरे की व्यवस्था की जाए। सभी एसटीपी में पीने के पानी की उचित सुविधा मुहैया करवाई जाए और एक्वागार्ड की सुविधा दी जाए। सभी एसटीपी के पुराने स्टाफ क्वार्टर की मुरम्मत की जाए तथा उनके ऊपर छत लगाई जाए और नए स्टाफ क्वार्टर भी बनाए जाएं।
सभी मजदूरों को सर्दी व गर्मी अनुसार दो वर्दी सैट दिए जाएं। सभी रिक्त पदों को तुरत भरा जाए। ईपीएफऔर ईएसआई की सभी त्रुटियां ठीक की जाएं तथा बकाया भुगतान जमा किया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को हर महीने की 7 तारीख से पहले वेतन दिया जाए। सभी एसटीपी में जो खाद निकल रही है उससे दुर्गन्ध फैल रही है और आसपास के स्थानीय निवासी भी दुर्गन्ध की शिकायत कर रहे हैं। इसलिए उसे वहां से तुरंत उठाया जाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट व नेटवर्क के मजदूरों को बोनस की सुविधा दी जाए।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों को अर्जित, आकस्मिक, मेडिकल, राष्ट्रीय व त्यौहार आदि सभी प्रकार की छुट्टिया दी जाएं। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नेटवर्क के मजदूरों के वेतन में वरिष्ठता के आधार पर प्रतिवर्ष वेतन बढ़ोतरी की जाए।
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