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शिमला , 14 जुलाई [ विशाल सूद ] ! भारी बरसात के बाद शिमला की जल परियोजनाएं ठप पड़ गई हैं। पानी के स्रोतों में गाद् आने से पानी की आपूर्ति बाधित हो गई हैं। ऐसे में शिमला के लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। शिमला के कई क्षेत्रों में नलकों में सप्ताह से पानी नही आया है। शिमला के लोगों को टैंकरों का ही सहारा है लेकिन पहाड़ी इलाके में हर जगह टैंकर देना संभव नही है। नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि शिमला में 14 जुलाई को गुम्मा परियोजना से 17.45mls, गिरी से 5.24mls, चुरट से 2.85mls , सियोग से 1.39mls, चैरह से 0.65mls, कोटी ब्रांडी से 4.69mls पानी मिला है। यानी कुल 32.27 एमएलडी पानी ही इन परियोजनाओं से प्राप्त हुआ है। जबकि शिमला को आम दिनों में 42 एमएलडी या इससे ज्यादा पानी प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि 19 टैंकरों के माध्यम से शिमला में पानी की सप्लाई की जा रही है जिसमें छह नगर निगम के हैं। उन्होंने कहा कि दो तीन दिनों में पानी की व्यवस्था सुचारू हो जाएगी।
शिमला , 14 जुलाई [ विशाल सूद ] ! भारी बरसात के बाद शिमला की जल परियोजनाएं ठप पड़ गई हैं। पानी के स्रोतों में गाद् आने से पानी की आपूर्ति बाधित हो गई हैं। ऐसे में शिमला के लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। शिमला के कई क्षेत्रों में नलकों में सप्ताह से पानी नही आया है। शिमला के लोगों को टैंकरों का ही सहारा है लेकिन पहाड़ी इलाके में हर जगह टैंकर देना संभव नही है।
नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि शिमला में 14 जुलाई को गुम्मा परियोजना से 17.45mls, गिरी से 5.24mls, चुरट से 2.85mls , सियोग से 1.39mls, चैरह से 0.65mls, कोटी ब्रांडी से 4.69mls पानी मिला है। यानी कुल 32.27 एमएलडी पानी ही इन परियोजनाओं से प्राप्त हुआ है। जबकि शिमला को आम दिनों में 42 एमएलडी या इससे ज्यादा पानी प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि 19 टैंकरों के माध्यम से शिमला में पानी की सप्लाई की जा रही है जिसमें छह नगर निगम के हैं। उन्होंने कहा कि दो तीन दिनों में पानी की व्यवस्था सुचारू हो जाएगी।
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