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शिमला , [ सुन्नी ] , 14 जून [ हरीश गौतम ] ! हिमाचल प्रदेश जिला शिमला के पंडित सोम दत्त बट्टू को शास्त्रीय संगीत एवं लोक संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 'पदम श्री पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। पंडित सोम दत्त बट्टू हिमाचल प्रदेश के पहले व्यक्ति है जिन्होंने संगीत के क्षेत्र में 'पदम श्री पुरस्कार' प्राप्त किया है। इस से पहले संगीत में नाटक, नृत्य, वादन एवं गायन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिए जाने वाले 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया है। दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह में देश की राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मु द्वारा पंडित सोम दत्त बट्टू को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न व पुरस्कार राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति भवन में पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित विभुतियों से मुलाकात कर शुभकामनाएं दी। पंडित सोम दत्त बट्टू ने कहा कि यह पुरस्कार हिमाचल प्रदेश को समर्पित है जहां उन्होंने सारा जीवन सेवाएं दी है। उन्होंने नई वाली पीढ़ी को मेहनत और लगन से कार्य करते हुए मुकाम हासिल कर देश और प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया। पटियाला घराने से सम्बंधित पंडित सोम दत्त बट्टू जिला शिमला के गांव होरी (ब्योलिया) के रहने वाले हैं इनका जन्म 5 जुलाई 1937 को इनके ननिहाल हि. प्र. जिला कांगड़ा के जसूर नामक स्थान में हुआ। इनकी आरंभिक संगीत शिक्षा घर से ही शुरू हुई है । इनके पिता पं. राम लाल बट्टू प्रसिद्ध श्याम चौरासी घराने से संबंधित कलाकार थे। पिता पं. राम लाल बट्टू पंजाब जिला जालंधर के नकोदर में कार्यरत थे जहां इनका बचपन गुजरा। आपनी संगीत यात्रा में पंडित जी ने ग्वालियर घराने के पं. कुञ्ज लाल शर्मा, पंजाब घराने के कर्म सिंह चक्रवर्ती तथा पटियाला घराने के मशहूर गायक उस्ताद आशिक अली खान के शिष्य पं. कुंदन लाल शर्मा से संगीत में तालीम हासिल की। पंडित जी लगभग 36 वर्ष तक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में संगीत के प्राध्यापक के तौर पर सेवा देते हुए कोटशेरा कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए है। पंडित जी इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन, विदेश मंत्रालय भारत सरकार में हिंदुस्तानी संगीत समिति के सदस्य एवं उच्च कोटि के कलाकार रहे हैं। पंडित जी ने हिंदुस्तानी संगीत समिति के सदस्य के रुप में भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा यूएसए, यूके, नाईजीरिया, कीनिया, वेस्टइंडिज, पाकिस्तान आदि देशों में संगीत के कार्यक्रम किए हैं। पंडित सोम दत्त बट्टू को वर्ष 2019 में संगीत में नाटक, नृत्य, वादन एवं गायन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिए जाने वाले 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया है। इसके अलावा वर्ष 2016 में हिमाचल सरकार द्वारा 'हिमाचल गौरव', 2015 में पंजाबी युनिवर्सिटी पटियाला द्वारा 'पंजाब संगीत रत्न अवार्ड', 2012 में दिल्ली सरकार की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री शिला दिक्षित द्वारा 'लाइफ टाइम एचीवमेंट एवार्ड, 1995 में डॉ. जसवंत सिंह अवार्ड तथा आकाशवाणी एवं दूरदर्शन सहित विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है।
शिमला , [ सुन्नी ] , 14 जून [ हरीश गौतम ] ! हिमाचल प्रदेश जिला शिमला के पंडित सोम दत्त बट्टू को शास्त्रीय संगीत एवं लोक संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 'पदम श्री पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। पंडित सोम दत्त बट्टू हिमाचल प्रदेश के पहले व्यक्ति है जिन्होंने संगीत के क्षेत्र में 'पदम श्री पुरस्कार' प्राप्त किया है। इस से पहले संगीत में नाटक, नृत्य, वादन एवं गायन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिए जाने वाले 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया है।
दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह में देश की राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मु द्वारा पंडित सोम दत्त बट्टू को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न व पुरस्कार राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति भवन में पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित विभुतियों से मुलाकात कर शुभकामनाएं दी।
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पंडित सोम दत्त बट्टू ने कहा कि यह पुरस्कार हिमाचल प्रदेश को समर्पित है जहां उन्होंने सारा जीवन सेवाएं दी है। उन्होंने नई वाली पीढ़ी को मेहनत और लगन से कार्य करते हुए मुकाम हासिल कर देश और प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया।
पटियाला घराने से सम्बंधित पंडित सोम दत्त बट्टू जिला शिमला के गांव होरी (ब्योलिया) के रहने वाले हैं इनका जन्म 5 जुलाई 1937 को इनके ननिहाल हि. प्र. जिला कांगड़ा के जसूर नामक स्थान में हुआ। इनकी आरंभिक संगीत शिक्षा घर से ही शुरू हुई है । इनके पिता पं. राम लाल बट्टू प्रसिद्ध श्याम चौरासी घराने से संबंधित कलाकार थे। पिता पं. राम लाल बट्टू पंजाब जिला जालंधर के नकोदर में कार्यरत थे जहां इनका बचपन गुजरा।
आपनी संगीत यात्रा में पंडित जी ने ग्वालियर घराने के पं. कुञ्ज लाल शर्मा, पंजाब घराने के कर्म सिंह चक्रवर्ती तथा पटियाला घराने के मशहूर गायक उस्ताद आशिक अली खान के शिष्य पं. कुंदन लाल शर्मा से संगीत में तालीम हासिल की। पंडित जी लगभग 36 वर्ष तक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में संगीत के प्राध्यापक के तौर पर सेवा देते हुए कोटशेरा कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए है।
पंडित जी इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन, विदेश मंत्रालय भारत सरकार में हिंदुस्तानी संगीत समिति के सदस्य एवं उच्च कोटि के कलाकार रहे हैं। पंडित जी ने हिंदुस्तानी संगीत समिति के सदस्य के रुप में भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा यूएसए, यूके, नाईजीरिया, कीनिया, वेस्टइंडिज, पाकिस्तान आदि देशों में संगीत के कार्यक्रम किए हैं।
पंडित सोम दत्त बट्टू को वर्ष 2019 में संगीत में नाटक, नृत्य, वादन एवं गायन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिए जाने वाले 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया है। इसके अलावा वर्ष 2016 में हिमाचल सरकार द्वारा 'हिमाचल गौरव', 2015 में पंजाबी युनिवर्सिटी पटियाला द्वारा 'पंजाब संगीत रत्न अवार्ड', 2012 में दिल्ली सरकार की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री शिला दिक्षित द्वारा 'लाइफ टाइम एचीवमेंट एवार्ड, 1995 में डॉ. जसवंत सिंह अवार्ड तथा आकाशवाणी एवं दूरदर्शन सहित विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है।
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