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शिमला , 02 सितंबर [ विशाल सूद ] ! विपक्ष द्वारा प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर लगातार सरकार पर निशाना साथ रही है और विपक्ष में सोमवार को नियम 67 के तहत सदन में चर्चा की मांग भी उठाई और प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन न देने के आरोप लगाए वहीं इसको लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पलटवार किया और विपक्ष को दिशाहीन कर दिया ।साथ ही इस तरह के मामले में राजनीति न करने की नसीहत दी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से दिशाहीन नजर आ रहा है इस बार विधानसभा का मानसून सत्र सबसे लंबा सत्र है और 10 दिन का विधानसभा सत्र है। इसमें अधिकतर मुद्दे विपक्ष के विधायकों के हैं चाहे बरसात में नुकसान का हो या प्रदेश में कानून व्यवस्था का हो इस तरह के प्रस्ताव चर्चा के लिए विपक्ष के विधायकों द्वारा लगाए गए थे और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसको लेकर अनुमति भी दी गई थी। उसके बाद भी विधानसभा में किसी न किसी मुद्दे को लेकर विपक्ष चर्चा करने के बजाय वाकआउट कर बाहर जा रहे हैं । विपक्ष द्वारा सदन में प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसको लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह मामले पर भी चर्चा करना चाहते हैं ।उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा 85 हजार करोड़ का कर्ज़ छोड़ गया है और केंद्र से भी कोई सहयोग हिमाचल को नहीं मिल रहाहै। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बरसात से काफी ज्यादा नुकसान हुआ है और लोक निर्माण विभाग ने रिकॉर्ड समय में प्रदेश में सड़कों को खोलने के साथ ब्रिज बनाने का काम किया है।लेकिन लोक निर्माण विभाग को जो सहयोग केंद्र से मिलना चाहिए था ।वह नहीं मिल रहा है केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को 69 नेशनल हाईवे देने की घोषणा की थी जो अभी तक नहीं मिले ।लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को 6 नेशनल हाईवे का प्रस्ताव भेजा है उसे भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कठिन समय चल रहा है लेकिन हर चीज पर राजनीति नहीं होनी चाहिए ।कुछ ऐसे मुद्दे हैं कि विपक्ष और सत्ता पक्ष को मिलाकर चलना चाहिए आर्थिक संकट पर सरकार का विपक्ष को भी समर्थन करना चाहिए और केंद्र से भी मदद दिलाने के लिए विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हितेषी होने का सर्टिफिकेट लेने की उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री से जरूरत नहीं है यह वही मुख्यमंत्री है जिन्होंने कर्मचारियों को चुनाव लड़ने की नसीहत दी थी। कांग्रेस सरकार कर्मचारी हितेषी और कर्मचारियों को जो हक बनता है वह उन्हें दिया जाएगा।
शिमला , 02 सितंबर [ विशाल सूद ] ! विपक्ष द्वारा प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर लगातार सरकार पर निशाना साथ रही है और विपक्ष में सोमवार को नियम 67 के तहत सदन में चर्चा की मांग भी उठाई और प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन न देने के आरोप लगाए वहीं इसको लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पलटवार किया और विपक्ष को दिशाहीन कर दिया ।साथ ही इस तरह के मामले में राजनीति न करने की नसीहत दी।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से दिशाहीन नजर आ रहा है इस बार विधानसभा का मानसून सत्र सबसे लंबा सत्र है और 10 दिन का विधानसभा सत्र है। इसमें अधिकतर मुद्दे विपक्ष के विधायकों के हैं चाहे बरसात में नुकसान का हो या प्रदेश में कानून व्यवस्था का हो इस तरह के प्रस्ताव चर्चा के लिए विपक्ष के विधायकों द्वारा लगाए गए थे और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसको लेकर अनुमति भी दी गई थी।
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उसके बाद भी विधानसभा में किसी न किसी मुद्दे को लेकर विपक्ष चर्चा करने के बजाय वाकआउट कर बाहर जा रहे हैं । विपक्ष द्वारा सदन में प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसको लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह मामले पर भी चर्चा करना चाहते हैं ।उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा 85 हजार करोड़ का कर्ज़ छोड़ गया है और केंद्र से भी कोई सहयोग हिमाचल को नहीं मिल रहाहै।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बरसात से काफी ज्यादा नुकसान हुआ है और लोक निर्माण विभाग ने रिकॉर्ड समय में प्रदेश में सड़कों को खोलने के साथ ब्रिज बनाने का काम किया है।लेकिन लोक निर्माण विभाग को जो सहयोग केंद्र से मिलना चाहिए था ।वह नहीं मिल रहा है केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को 69 नेशनल हाईवे देने की घोषणा की थी जो अभी तक नहीं मिले ।लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को 6 नेशनल हाईवे का प्रस्ताव भेजा है उसे भी नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कठिन समय चल रहा है लेकिन हर चीज पर राजनीति नहीं होनी चाहिए ।कुछ ऐसे मुद्दे हैं कि विपक्ष और सत्ता पक्ष को मिलाकर चलना चाहिए आर्थिक संकट पर सरकार का विपक्ष को भी समर्थन करना चाहिए और केंद्र से भी मदद दिलाने के लिए विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हितेषी होने का सर्टिफिकेट लेने की उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री से जरूरत नहीं है यह वही मुख्यमंत्री है जिन्होंने कर्मचारियों को चुनाव लड़ने की नसीहत दी थी। कांग्रेस सरकार कर्मचारी हितेषी और कर्मचारियों को जो हक बनता है वह उन्हें दिया जाएगा।
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