- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 31 मई [ विशाल सूद ] ! डाक्टरों के एनपीएके बंद होने पर प्रदेश भर के डॉक्टरों में नाराज़गी देखी गई है। डैंटल कॉलेज शिमला के डॉक्टर भी इसका जम कर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनपीए का बंद होना और दूसरा अभी तक भी उनका स्टाइफण्ड नहीं बढ़ना दोहरी मार है। हिमाचल प्रदेश के सरकारी दंत महाविद्यालय के छात्र अपने स्टायपेंड को लेकर भी चिंतित हैं। बता दें कि हर महीने सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस व बीडीएस करने वाले छात्रों को सरकार द्वारा इंटर्नशिप में स्टायफंड दिया जाता है। आज तक एमबीबीएस और बीडीएस का स्टायफंड हमेशा बराबर रहा है। कभी कोई भेदभाव नहीं किया गया। लेकिन पिछले वर्ष एक नोटिफिकेशन के अनुसार एमबीबीएस छात्रों के स्टायफंड में वृद्धि की गई थी जब उनका स्टायफंड 17 हज़ार से बढ़ा कर 20 हज़ार कर दिया गया था । उस नोटिफिकेशन में बीडीएस छात्रों का ज़िक्र ही नहीं किया गया। प्रशिक्षु डॉक्टरों ने इस बात को कई बार सरकार के सामने रखा लेकिन उनकी सुनवाई आज तक नहीं हुई। पिछले 8 महीने से जो नोटिफिकेशन आयी है और एमबीबीएस का बढ़ा हुआ स्टायफंड मिलने भी लग गयाहै वहीं डेंटल के प्रशिक्षु डॉक्टरों को इस लाभ से अभी तक भी वछित रखा गया है। उनकी माँग है कि उनके हक़ का स्टायफंड उन्हें दिया जाये। यह भेदभाव कहीं से भी जायज़ नहीं है। इसके अलावा एनपीए का बंद होना उन्हें चिंतित करता है। वह इसका विरोध कर रहे है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 31 मई [ विशाल सूद ] ! डाक्टरों के एनपीएके बंद होने पर प्रदेश भर के डॉक्टरों में नाराज़गी देखी गई है। डैंटल कॉलेज शिमला के डॉक्टर भी इसका जम कर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनपीए का बंद होना और दूसरा अभी तक भी उनका स्टाइफण्ड नहीं बढ़ना दोहरी मार है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी दंत महाविद्यालय के छात्र अपने स्टायपेंड को लेकर भी चिंतित हैं। बता दें कि हर महीने सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस व बीडीएस करने वाले छात्रों को सरकार द्वारा इंटर्नशिप में स्टायफंड दिया जाता है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
आज तक एमबीबीएस और बीडीएस का स्टायफंड हमेशा बराबर रहा है। कभी कोई भेदभाव नहीं किया गया। लेकिन पिछले वर्ष एक नोटिफिकेशन के अनुसार एमबीबीएस छात्रों के स्टायफंड में वृद्धि की गई थी जब उनका स्टायफंड 17 हज़ार से बढ़ा कर 20 हज़ार कर दिया गया था । उस नोटिफिकेशन में बीडीएस छात्रों का ज़िक्र ही नहीं किया गया। प्रशिक्षु डॉक्टरों ने इस बात को कई बार सरकार के सामने रखा लेकिन उनकी सुनवाई आज तक नहीं हुई।
पिछले 8 महीने से जो नोटिफिकेशन आयी है और एमबीबीएस का बढ़ा हुआ स्टायफंड मिलने भी लग गयाहै वहीं डेंटल के प्रशिक्षु डॉक्टरों को इस लाभ से अभी तक भी वछित रखा गया है। उनकी माँग है कि उनके हक़ का स्टायफंड उन्हें दिया जाये। यह भेदभाव कहीं से भी जायज़ नहीं है। इसके अलावा एनपीए का बंद होना उन्हें चिंतित करता है। वह इसका विरोध कर रहे है।- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -