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शिमला , 18 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! अधिकारी विधायक छात्रों की क्लास लेंगे। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल एडॉप्शन कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रदेश में सभी मंत्री, विधायक, और अफसर सरकारी स्कूल गोद ले रहे है। गोद लेने वालों को मैंटर बनाकर स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं जुटाने और गुणात्मक शिक्षा के लिए भी सहयोग करना होगा। साथ बच्चों के साथ अधिकारी संवाद करेंगे और स्कूलों में क्या सुविधाएं हैं और क्या सुधार होने चाहिए इसकी रिपोर्ट भी शिक्षा विभाग को देंगे। संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले।इसके साथ ही अब अधिकारियों ओर विधायको से आग्रह किया गया है कि वो स्कूलों को एडॉप्ट करे और स्कूलों में महीने में एक दो बार जाकर बच्चों के साथ संवाद करें और उनके परिजनों के साथ भी चर्चा करें और बताएं कि स्कूल में क्या कमियां है । साथ में अपने अनुभव भी बच्चों के साथ साझा करें ताकि बच्चे उनसे सीख सके। यही नहीं स्कूल में शिक्षा के स्तर को कैसे बेहतर बनाया जा सके इसके सुझाव भी वह शिक्षा विभाग को दें ताकि उसमें सुधार किया जा सके। उन्होंने बुद्धिजीवी लोगों से भी स्कूलों को गोद लेने का आग्रह किया। वही 6 साल के कम आयु के बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला देने को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर आशीष पटेल ने कहा कि यह फैसला एनइपी की गाइडलाइन के तहत लिया गया था उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार में 2020 में न्यू एजुकेशन पॉलिसी लाई गई थी और उसे लागू किया गया है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी में 6 साल के बच्चे को पहली कक्षा में न लेने का प्रावधान किया गया है। इसको ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई थी कि 6 साल के बच्चे को ही पहली कक्षा में दाखिला दिया जाए लेकिन इसको लेकर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाई गई है। शिक्षा विभाग हाई कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए और एनईपी में क्या प्रावधान है उसको देखते हुए फैसला लेगा।
शिमला , 18 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! अधिकारी विधायक छात्रों की क्लास लेंगे। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल एडॉप्शन कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रदेश में सभी मंत्री, विधायक, और अफसर सरकारी स्कूल गोद ले रहे है। गोद लेने वालों को मैंटर बनाकर स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं जुटाने और गुणात्मक शिक्षा के लिए भी सहयोग करना होगा। साथ बच्चों के साथ अधिकारी संवाद करेंगे और स्कूलों में क्या सुविधाएं हैं और क्या सुधार होने चाहिए इसकी रिपोर्ट भी शिक्षा विभाग को देंगे।
संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले।इसके साथ ही अब अधिकारियों ओर विधायको से आग्रह किया गया है कि वो स्कूलों को एडॉप्ट करे और स्कूलों में महीने में एक दो बार जाकर बच्चों के साथ संवाद करें और उनके परिजनों के साथ भी चर्चा करें और बताएं कि स्कूल में क्या कमियां है । साथ में अपने अनुभव भी बच्चों के साथ साझा करें ताकि बच्चे उनसे सीख सके।
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यही नहीं स्कूल में शिक्षा के स्तर को कैसे बेहतर बनाया जा सके इसके सुझाव भी वह शिक्षा विभाग को दें ताकि उसमें सुधार किया जा सके। उन्होंने बुद्धिजीवी लोगों से भी स्कूलों को गोद लेने का आग्रह किया।
वही 6 साल के कम आयु के बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला देने को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर आशीष पटेल ने कहा कि यह फैसला एनइपी की गाइडलाइन के तहत लिया गया था उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार में 2020 में न्यू एजुकेशन पॉलिसी लाई गई थी और उसे लागू किया गया है।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी में 6 साल के बच्चे को पहली कक्षा में न लेने का प्रावधान किया गया है। इसको ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई थी कि 6 साल के बच्चे को ही पहली कक्षा में दाखिला दिया जाए लेकिन इसको लेकर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाई गई है। शिक्षा विभाग हाई कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए और एनईपी में क्या प्रावधान है उसको देखते हुए फैसला लेगा।
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