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शिमला , 06 जून [ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला के लोअर बाजार में तहबाजारी लगाने वालों को नगर निगम की ओर से नोटिस भेजा गया जिसके मुताबिक नहीं उन्हें 30 दिनों के भीतर लोअर बाजार से हट कर सब्जी मंडी में शिफ्ट होने के निर्देश दे दिए गए। इसके बाद मंगलवार को तहबाजारीयों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान से मिलने पहुंचा और अपनी समस्याएं नगर निगम के महापौर के सामने रखी। तहबाजारीयों का कहना है कि कमेटी की ओर से उन्हें एकाएक नोटिस थमा दिया गया और 30 दिन के भीतर सब्जी मंडी में शिफ्ट होने के आदेश जारी कर दिए गए। उन्होंने कहा कि सब्जी मंडी में जो ने जगह दी गई है वह बहुत खराब है और काम करने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के फ़ैसले के मुताबिक उन्हें आजीविका भवन में दुकान मिल जानी चाहिए थी लेकिन आजीविका भवन में कुछ दुकानदारों को भी दुकानें दे दी गई। उन्होंने कहा कि वे पिछले 50 सालों से वहां बाजार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि तहबाजारीयों को लोअर बाजार से हटाने के लिए एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी एमरजैंसी व्हीकल फसने का तर्क दिया जाता है, लेकिन पिछले 50 सालों से वहां कोई वाहन नहीं फसा जो एंबुलेंस और अग्निशामक गाड़ी फंसी वह भी तारों और दुकानों के छज्जों की वजह से फस गई। अब तहबाजारी मांग कर रहे हैं कि उन्हें या तो आजीविका भवन में दुकानें दे दी जाए या उन्हें लोअर बाजार में रहने दिया जाए। वहीं इस मामले पर शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि इस मामले को लेकर उनकी दो बार तहबाजारीयों से बैठक हो गई है। सुरेंद्र चौहान का कहना है कि इस मसले का हल दोनो पक्षों की सहमति बनाकर ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को इस मामले में कुछ ना कुछ समझौता करना पड़ेगा। इस दौरान सुरेंद्र चौहान ने कहा की मामला न्यायालय में फिलहाल विचाराधीन है लेकिन हम चाहते हैं कि लोहार बाजार के तहबाजारीयों का समाधान इस तरह से किया जाए कि उनकी रोजी-रोटी भी चलती रहे और प्रशासन को भी दिक्कत का सामना ना करना पड़े और इसके लिए हम प्रयास करेंगे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 06 जून [ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला के लोअर बाजार में तहबाजारी लगाने वालों को नगर निगम की ओर से नोटिस भेजा गया जिसके मुताबिक नहीं उन्हें 30 दिनों के भीतर लोअर बाजार से हट कर सब्जी मंडी में शिफ्ट होने के निर्देश दे दिए गए। इसके बाद मंगलवार को तहबाजारीयों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान से मिलने पहुंचा और अपनी समस्याएं नगर निगम के महापौर के सामने रखी।
तहबाजारीयों का कहना है कि कमेटी की ओर से उन्हें एकाएक नोटिस थमा दिया गया और 30 दिन के भीतर सब्जी मंडी में शिफ्ट होने के आदेश जारी कर दिए गए। उन्होंने कहा कि सब्जी मंडी में जो ने जगह दी गई है वह बहुत खराब है और काम करने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के फ़ैसले के मुताबिक उन्हें आजीविका भवन में दुकान मिल जानी चाहिए थी लेकिन आजीविका भवन में कुछ दुकानदारों को भी दुकानें दे दी गई। उन्होंने कहा कि वे पिछले 50 सालों से वहां बाजार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि तहबाजारीयों को लोअर बाजार से हटाने के लिए एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी एमरजैंसी व्हीकल फसने का तर्क दिया जाता है, लेकिन पिछले 50 सालों से वहां कोई वाहन नहीं फसा जो एंबुलेंस और अग्निशामक गाड़ी फंसी वह भी तारों और दुकानों के छज्जों की वजह से फस गई। अब तहबाजारी मांग कर रहे हैं कि उन्हें या तो आजीविका भवन में दुकानें दे दी जाए या उन्हें लोअर बाजार में रहने दिया जाए।
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वहीं इस मामले पर शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि इस मामले को लेकर उनकी दो बार तहबाजारीयों से बैठक हो गई है। सुरेंद्र चौहान का कहना है कि इस मसले का हल दोनो पक्षों की सहमति बनाकर ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को इस मामले में कुछ ना कुछ समझौता करना पड़ेगा। इस दौरान सुरेंद्र चौहान ने कहा की मामला न्यायालय में फिलहाल विचाराधीन है लेकिन हम चाहते हैं कि लोहार बाजार के तहबाजारीयों का समाधान इस तरह से किया जाए कि उनकी रोजी-रोटी भी चलती रहे और प्रशासन को भी दिक्कत का सामना ना करना पड़े और इसके लिए हम प्रयास करेंगे।
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