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शिमला , 12 अगस्त, [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के अंतर्विषयक अध्ययन विभाग ने समग्र शिक्षा की स्टार्स परियोजना के सहयोग से 5 अगस्त से 10 अगस्त, 2024 तक राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (NITTTR) चंडीगढ़ में शिक्षकों की दक्षता रूपरेखा पर एक सप्ताह की राष्ट्रीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया। इस कार्यशाला में प्राथमिक और उच्च शिक्षा क्षेत्रों के 20 से अधिक शिक्षकों और प्राचार्यों सहित लगभग 32 शोधार्थियों ने भाग लिया। सप्ताह भर चले इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने शिक्षकों की दक्षताओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई नौ-मॉड्यूल रूपरेखा का गहन अन्वेषण किया।_कार्यशाला के नौ मॉड्यूल:_1. विषय ज्ञान और पाठ्यक्रम सामग्री की गहन समझ।2. विविध शिक्षण के लिए प्रभावी शिक्षण रणनीतियाँ और तकनीकें।3. कक्षा प्रबंधन कौशल और सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनाने की क्षमता।4. छात्रों, माता-पिता और सहकर्मियों के साथ काम करने के लिए प्रभावी संचार और पारस्परिक कौशल।5. प्रभावी पाठ वितरण और छात्र प्रगति निगरानी के लिए योजना संगठन और मूल्यांकन कौशल।6. शिक्षण प्रथाओं में निरंतर सुधार और नवाचार करने की अनुकूलता, लचीलापन और क्षमता।7. विविध पृष्ठभूमि और छात्रों की आवश्यकताओं के प्रति सांस्कृतिक दक्षता और संवेदनशीलता।8. एक विकासशील मानसिकता और आजीवन सीखने और व्यावसायिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता।9. सभी छात्रों की भलाई और सफलता के लिए नैतिक और पेशेवर मानदंड और प्रतिबद्धता। इस नेशनल वर्कशॉप के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य संसदीय सचिव (शिक्षा) श्री आशीष बुटेल की उपस्थिति से आयोजन को गरिमा मिली। इस कार्यक्रम में अंतर्विषयक अध्ययन विभाग के निदेशक डॉ. श्याम लाल कौशल भी उपस्थित थे। कार्यशाला के संयोजक डॉ. रणधीर सिंह रांटा, एसोसिएट डायरेक्टर, DIS-HPU, और सह-संयोजक प्रो. देविंदर शर्मा, अध्यक्ष, वाणिज्य विभाग, HPU ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। NITTTR के ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख प्रो. उपेंद्र नाथ रॉय ने स्थानीय व्यवस्थाओं का सफलतापूर्वक समन्वय किया। डॉ. रणधीर सिंह रांटा और डॉ. देविंदर शर्मा ने समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक श्री राजेश शर्मा, आईएफएस, और डॉ. सुरिंदर सिंह रंगटा को उनके सहयोग और अंतर्विषयक अध्ययन विभाग को प्रदान किए गए अवसर के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने स्टार्स परियोजना के PMU प्रमुख शशि रंजन झा और उनकी टीम के सदस्य डॉ. रवि कुमार का भी धन्यवाद किया। कार्यशाला के समापन समारोह की शुरुआत प्रो. देविंदर शर्मा के गर्मजोशी भरे स्वागत से हुई। कार्यक्रम का समापन डॉ. रविंदर सिंह राठौर द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने कार्यशाला के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए स्टार्स परियोजनाओं के दो यंग प्रोफेशनल श्री जीवेश भाटिया और श्री निखल ठाकुर की कड़ी मेहनत की सराहना की। वर्कशॉप कनविनर डॉ. रणधीर रांटा ने हफ्ते भर चली इस कार्यशाला के सफलतापूर्वक कार्यक्रम के आयोजन के लिए समग्र शिक्षा सहित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और चंडीगढ़ के नीटर (NITTTR) संस्थानों व सभी प्रतिभागियों को भी बधाई दी। उन्होंने जानकारी दी कि यह कार्यशाला हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों की दक्षताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो एक नवाचारी और समावेशी शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने की दृष्टि के साथ संरेखित है।
शिमला , 12 अगस्त, [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के अंतर्विषयक अध्ययन विभाग ने समग्र शिक्षा की स्टार्स परियोजना के सहयोग से 5 अगस्त से 10 अगस्त, 2024 तक राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (NITTTR) चंडीगढ़ में शिक्षकों की दक्षता रूपरेखा पर एक सप्ताह की राष्ट्रीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया।
इस कार्यशाला में प्राथमिक और उच्च शिक्षा क्षेत्रों के 20 से अधिक शिक्षकों और प्राचार्यों सहित लगभग 32 शोधार्थियों ने भाग लिया। सप्ताह भर चले इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने शिक्षकों की दक्षताओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई नौ-मॉड्यूल रूपरेखा का गहन अन्वेषण किया।
_कार्यशाला के नौ मॉड्यूल:_
1. विषय ज्ञान और पाठ्यक्रम सामग्री की गहन समझ।
2. विविध शिक्षण के लिए प्रभावी शिक्षण रणनीतियाँ और तकनीकें।
3. कक्षा प्रबंधन कौशल और सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनाने की क्षमता।
4. छात्रों, माता-पिता और सहकर्मियों के साथ काम करने के लिए प्रभावी संचार और पारस्परिक कौशल।
5. प्रभावी पाठ वितरण और छात्र प्रगति निगरानी के लिए योजना संगठन और मूल्यांकन कौशल।
6. शिक्षण प्रथाओं में निरंतर सुधार और नवाचार करने की अनुकूलता, लचीलापन और क्षमता।
7. विविध पृष्ठभूमि और छात्रों की आवश्यकताओं के प्रति सांस्कृतिक दक्षता और संवेदनशीलता।
8. एक विकासशील मानसिकता और आजीवन सीखने और व्यावसायिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता।
9. सभी छात्रों की भलाई और सफलता के लिए नैतिक और पेशेवर मानदंड और प्रतिबद्धता।
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इस नेशनल वर्कशॉप के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य संसदीय सचिव (शिक्षा) श्री आशीष बुटेल की उपस्थिति से आयोजन को गरिमा मिली। इस कार्यक्रम में अंतर्विषयक अध्ययन विभाग के निदेशक डॉ. श्याम लाल कौशल भी उपस्थित थे।
कार्यशाला के संयोजक डॉ. रणधीर सिंह रांटा, एसोसिएट डायरेक्टर, DIS-HPU, और सह-संयोजक प्रो. देविंदर शर्मा, अध्यक्ष, वाणिज्य विभाग, HPU ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। NITTTR के ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख प्रो. उपेंद्र नाथ रॉय ने स्थानीय व्यवस्थाओं का सफलतापूर्वक समन्वय किया। डॉ. रणधीर सिंह रांटा और डॉ. देविंदर शर्मा ने समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक श्री राजेश शर्मा, आईएफएस, और डॉ. सुरिंदर सिंह रंगटा को उनके सहयोग और अंतर्विषयक अध्ययन विभाग को प्रदान किए गए अवसर के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने स्टार्स परियोजना के PMU प्रमुख शशि रंजन झा और उनकी टीम के सदस्य डॉ. रवि कुमार का भी धन्यवाद किया।
कार्यशाला के समापन समारोह की शुरुआत प्रो. देविंदर शर्मा के गर्मजोशी भरे स्वागत से हुई। कार्यक्रम का समापन डॉ. रविंदर सिंह राठौर द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने कार्यशाला के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए स्टार्स परियोजनाओं के दो यंग प्रोफेशनल श्री जीवेश भाटिया और श्री निखल ठाकुर की कड़ी मेहनत की सराहना की। वर्कशॉप कनविनर डॉ. रणधीर रांटा ने हफ्ते भर चली इस कार्यशाला के सफलतापूर्वक कार्यक्रम के आयोजन के लिए समग्र शिक्षा सहित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और चंडीगढ़ के नीटर (NITTTR) संस्थानों व सभी प्रतिभागियों को भी बधाई दी। उन्होंने जानकारी दी कि यह कार्यशाला हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों की दक्षताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो एक नवाचारी और समावेशी शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने की दृष्टि के साथ संरेखित है।
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